देश

केंद्र के निर्देश की अनदेखी कर हम म्यांमार और बांग्लादेश के ‘जो’ लोगों को शरण दे रहे : मिजोरम CM

राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार म्यांमार और बांग्लादेश के 31,000 से अधिक लोगों ने मिजोरम के विभिन्न हिस्सों में शरण ले रखी है.

आइजोल:

लोगों से एमएनएफ के पक्ष में वोट डालने की अपील करते हुए मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने सोमवार को कहा कि वह मिजो राष्ट्रवाद के उद्देश्य के प्रति कटिबद्ध हैं तथा म्यांमार और बांग्लादेश के जो’ प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने के केंद्र के निर्देश के बाद भी उनकी सरकार उन लोगों को शरण दे रही है. एमएनएफ की 62 वीं वर्षगांठ पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब उन्हें 2021 के संघर्ष के दौरान असम से लगी सीमा से मिजोरम पुलिस के जवानों को वापस बुलाने को कहा गया था तब उन्होंने इस्तीफा देने की धमकी दी थी.

यह भी पढ़ें

मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने कहा, ‘‘पड़ोसी राज्यों एवं देशों से हमारे भाई-बहनों के सामने उत्पन्न संकट के बीच युवा लोग मिजो राष्ट्रवाद की तरफदारी करते रहेंगे.” उन्होंने कहा, ‘‘ जो समुदाय के लोगों को वापस भेजने के केंद्र के निर्देश के बावजूद मेरी सरकार म्यांमार और बांग्लादेश के इन लोगों की सुरक्षा करती आ रही है. हम केंद्र के निर्देशों की अनदेखी करते हुए म्यामांर और बांग्लादेश के अपने भाई-बहनों की सुरक्षा करते रहेंगे.”

राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार म्यांमार और बांग्लादेश के 31,000 से अधिक लोगों ने मिजोरम के विभिन्न हिस्सों में शरण ले रखी है. उन्होंने कहा कि म्यांमार के लोग वहां के चिन प्रांत से हैं जो फरवरी, 2021 में वहां हुए सैन्य तख्तापलट के बाद भागकर आ गये थे. वहीं एक जातीय उग्रवादी संगठन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के बाद बांग्लादेश के चट्टगांव पर्वतीय क्षेत्र से कई लोग शरण लेने यहां आए. मिजोरम की 510 किलोमीटर सीमा म्यांमा के साथ और 318 किलोमीटर सीमा बांग्लादेश से मिलती है.

यह भी पढ़ें :-  जानिए क्यों शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंपने पर भारत के नहीं बंधे हैं हाथ

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button