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ग्रेजुएशन के बाद इमिग्रेंट्स को मिलेगा ग्रीन कार्ड? डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीयों को दी उम्मीद

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस साल होने वाले चुनावों में शीर्ष पद पर वापस आने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसे में उन्होंने इमिग्रेशन पर अपना रुख नरम करते हुए एक नया प्रस्ताव रखा है, जिससे भारतीय और अन्य विदेशी छात्रों को लाभ पहुंचेगा. वहीं इमिग्रेंट्स के खिलाफ अपनी कठोर राय रखने वाले नेता ने वादा किया है कि यदि वह चुनाव जीतते हैं तो अमेरिकी कॉलेजों से ग्रेजुएशन करने वाले विदेशी छात्रों को स्वचालित रूप से ग्रीन कार्ड मिल जाएगा, जो उन्हें अमेरिका में स्थायी निवास की अनुमति देता है. 

ट्रंप ने कहा कि ये छात्र अमेरिकी कॉलेजों से ग्रेजुएशन करने के बाद भारत और चीन जैसे अपने देश लौटने पर अरबपति बन जाते हैं. उन्होंने अमेरिका में भी यही करने की कोशिश की. नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में राष्ट्रपति जो बाइडेन बनाम डोनाल्ड ट्रम्प के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है, जिसमें इमिग्रेशन और अवैध प्रवासियों का निर्वासन मतदाताओं के लिए प्रमुख मुद्दों में से एक हैं.

एक इलेक्शन कैंपेन के दौरान ट्रंप ने इस साल अवैध प्रवासियों को “इंसान नहीं बल्कि जानवर” कहा था. हालांकि, उन्होंने हाल ही में एक पॉडकास्ट में कहा था कि वो हमेशा से मेरिट के आधार पर होने वाले इमिग्रेशन सिस्टम का समर्थन करते आए हैं. उन्होंने “ऑल-इन” पॉडकास्ट में कहा कि वह अमेरिकी कॉलेज से ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को डिप्लोमा के हिस्से के रूप में स्वचालित रूप से ग्रीन कार्ड देने की योजना बना रहे हैं, जिससे उन्हें देश में अपना प्रवास जारी रखने में मदद मिलेगी.

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पॉडकास्ट का संचालन चमथ पालीहापतिया, जेसन कैलाकानिस, डेविड सैक्स और डेविड फ्रीडबर्ग ने किया – ये सभी उद्यम पूंजीपति हैं, जिनमें से तीन आप्रवासी हैं. पॉडकास्ट में बोलते हुए, ट्रम्प ने “ऐसी कहानियों को याद किया, जहां लोग किसी शीर्ष कॉलेज या कॉलेज से ग्रेजुएट होते हैं, और वो यहां रहना चाहते हैं, उनके पास एक कंपनी, एक अवधारणा के लिए एक योजना है, और वे ऐसा नहीं कर सकते – वे भारत वापस जाते हैं, वे चीन वापस जाते हैं, वे उन स्थानों पर वही मूल कंपनी करते हैं… और वे हजारों लोगों को रोजगार देकर बहु-अरबपति बन जाते हैं, और यह यहां भी हो सकता था.

ग्रीन कार्ड संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थायी निवास के लिए एक पहचान दस्तावेज है. पूर्व राष्ट्रपति ने आगे अफसोस जताया कि “हमने हार्वर्ड, एमआईटी, महानतम स्कूलों के लोगों को खो दिया है.” उन्होंने STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) क्षेत्र में उच्च शिक्षा की डिग्री प्राप्त करने के बाद विदेशी छात्रों को ग्रीन कार्ड देने की अपनी पहली अवधि की नीति को भी दोहराया. 

ट्रंप ने कहा, “कोई भी कॉलेज ग्रेजुएट, चाहे आपने दो साल यहां पढ़ाई की हो या फिर चार साल, अगर आपने यहां के कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री या फिर डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है तो आपको इस देश में रहने की इजाजत होनी चाहिए.”

पूर्व राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा, “हम प्रतिभाशाली लोगों पर दबाव डालते हैं, जो लोग कॉलेज से ग्रेजुएट होते हैं, जो लोग सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों से अपनी कक्षा में प्रथम स्थान पर होते हैं, आपको इन लोगों को भर्ती करने और उन्हें बनाए रखने में सक्षम होना चाहिए.”

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ट्रम्प के कमेंट उनके प्रशासन की आव्रजन नीतियों के विपरीत थीं जब वह सत्ता में थे, जिसमें ग्रीन कार्ड और वीजा पर प्रतिबंध शामिल थे. 2022-23 शैक्षणिक वर्ष तक अमेरिका के कॉलेजों में दस लाख से अधिक विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं, और यह आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद ही की जा सकती है.


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