महाराष्ट्र चुनाव के अहम रणनीतिकार और किस मुद्दे पर कर रहे जीत का दावा
कौन हैं अजित पवार के रणनीतिकार
महायुति की तीसरी सबसे अहम पार्टी अजित पवार की है. अजित पवार अपने चाचा की पार्टी एनसीपी को संभाल रहे हैं. अजित पवार के साथ प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, छगन भुजबल, नवाब मलिक पार्टी के लिए प्रमुख रणनीतिकार की भूमिका निभा रहे हैं. अजित पवार पश्चिमी महाराष्ट्र की राजनीति पर ही ध्यान केंद्रित रख रहे हैं. इसी इलाके से उन्हें अपने चाचा शरद पवार की एनसीपी के खिलाफ ज्यादातर चुनाव लड़ना है. ऐसे में अजित पवार सारा हिंदू वोट तो खींच नहीं सकते, इसलिए उन्होंने सेकुलर राजनीति का पुराना फंडा ही आगे बढ़ाया है. उन्हें मुस्लिम वोट चाहिए. मराठा वोट में उनकी पकड़ जितनी है उतना वोट तो मिल ही जाएगा. अब सवाल यह है कि महायुति में सहयोगी बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड का उनपर कितना असर पड़ेगा यह 23 तारीख को पता चलेगा. वैसे लोकसभा चुनाव में भी अजित पवार का स्ट्राइक रेट काफी कम रहा था.
कौन हैं कांग्रेस के रणनीतिकार
महायुति के बाद बात करते हैं एमवीए की. एमवीए यानी महाविकास आघाड़ी. इसमें भी तीन प्रमुख दल हैं. कांग्रेस, एनसीपी शरद पवार और शिवसेना उद्धव ठाकरे. कांग्रेस पार्टी के राज्य इकाई के प्रमुख नाना पटोले, बाबा साहब थोरात और पृथ्वीराज चव्हाण इस बार चुनाव में अहम रणनीतिकार की भूमिका निभा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी अभी भी उन्हीं मुद्दे पर राजनीति कर रही है जिन मुद्दों पर पहले भी राजनीति की है. पार्टी अपने पारंपरिक वोटों के सहारे चुनावी वैतरणी पार करना चाह रही है.
कौन हैं शिवसेना यूबीटी के रणनीतिकार
शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे हैं. अपने बेटे आदित्य ठाकरे को भी राजनीति में अहम रोल दिया है. लेकिन संजय राउत, अनिल परब और मिलिंद नार्वेकर पार्टी अहम किरदार हैं जो पार्टी को आगे बढ़ाने में दिनरात लगे हुए हैं. शरद पवार हों या अन्य किसी भी मामले पार्टी की ओर संजय राउत डील के लिए मध्यस्थता करते हैं. अनिल देसाई और मिलिंद नार्वेकर भी राजनीतिक मुद्दों पर पार्टी में अहम जिम्मेदारी निभाते हैं. मिलिंद के कद का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब नारायण राणे ने पार्टी छोड़ी तब उन्होंने खुल मिलिंद का नाम लिया था लेकिन पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की. पार्टी लोगों को यह बताने की रणनीति पर काम कर रही है कि एकनाथ शिंदे ने पार्टी के साथ गद्दारी की है. पार्टी शिवसेना में टूट के लिए बीजेपी को दोषी बता रही है. लोगों के बीच यह सहानुभूति का मुद्दा पार्टी लेकर जा रही है. पार्टी बीजेपी पर आरोप लगा रही है कि तोड़-फोड़ कर बीजेपी सत्ता में आना चाहती है. पार्टी इस तरह लोगों से वोटों की अपील भी कर रही है ताकि एमवीए को सत्ता में आने का मौका मिले.
कौन हैं एनसीपी शरद पवार के रणनीतिकार
गठबंधन की तीसरा अहम घटक है एनसीपी शरद पवार. यहां पर पवार का इतना ऊंचा है कि देश में उन्हें राजनीति का वर्तमान में सबसे बड़ा नेता माना जाता है. उन्हें महाराष्ट्र में मराठा छत्रप भी कहा जाता है. इनके सेनानायकों में जयंत पाटिल, बेटी सुप्रिया सुले अहम हैं. जयंत राज्य इकाई के प्रमुख हैं. सुप्रिया के साथ जयंत ने मिलकर सीट बंटवारा से लेकर उम्मीदवारों के चयन पर काम किया. पार्टी अजित पवार को गद्दार साबित करने के कार्ड पर खेल रही है. पार्टी को अजित पवार की उम्र और अजित पवार की गद्दारी पर सहानुभूति वोट मिलने की उम्मीद है.
कौन बनेगा सीएम
इन दलों में सबसे अहम मुद्दा है. कौन बनेगा सीएम. उद्धव ठाकरे बीजेपी को छोड़कर सीएम बनने के लिए ही अलग हुए थे. अब कांग्रेस और एनसीपी भी सीएम कुर्सी पर नजर लगाए है. ऐसे में कौन बनेगा सीएम चुनाव बाद एमवीए में एक अहम विवाद खड़ा करेगा. वैसे उद्धव को छोड़कर बाकी दोनों ही दल कह चुके हैं जिसके पास ज्यादा सीटें होंगी उसका नेता सीएम होगा.