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'मिनी इंडिया' में PM मोदी का ठेठ बिहारी अंदाज़ में हुआ जोरदार स्वागत, मॉरिशस के प्रधानमंत्री समेत सभी मंत्री रहे मौजूद


नई दिल्ली:

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मंगलवार को मॉरीशस में भारतीय समुदाय द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया और समुदाय की महिलाओं ने ‘गीत गवई’ नामक पारंपरिक बिहारी सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से उनका सम्मान किया.

‘गीत गवई’ एक पारंपरिक भोजपुरी संगीत समूह है जो भारत के भोजपुरी क्षेत्र की महिलाओं द्वारा मॉरीशस में लाई गई समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है.

मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, “ मॉरीशस में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए गर्मजोशी भरे स्वागत से मैं बहुत अभिभूत हूं. भारतीय विरासत, संस्कृति और मूल्यों से उनका गहरा जुड़ाव वाकई प्रेरणादायक है. इतिहास और दिल का यह बंधन पीढ़ियों से चला आ रहा है.”प्रधानमंत्री मोदी को पारंपरिक गीत का आनंद लेते देखा गया.

उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘आज मैं राष्ट्रपति धरम गोखूल, प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम से मुलाकात करूंगा और शाम को एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करूंगा.’

मॉरीशस के होटल में पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. होटल में मौजूद लोगों ने उनका स्वागत ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ किया और भारतीय तिरंगा झंडा लहराया. ‘गीत गवई’ के सांस्कृतिक महत्व को मान्यता देते हुए, इसे दिसंबर 2016 में यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया था.गायकों के अनुसार, ‘गीत गवई’ का जीवन में विशेषकर विवाह में गहरा महत्व है, जहां इसकी शुरुआत देवताओं के आह्वान से होती है.

प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को मॉरीशस पहुंचे और सर शिवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मॉरीशस में उनके समकक्ष नवीनचंद्र रामगुलाम ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया.

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ऐतिहासिक रहा है रिश्ता

मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “ मॉरीशस पहुंच गया हूं. मैं अपने मित्र प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का आभारी हूं, जिन्होंने हवाई अड्डे पर मेरा विशेष स्वागत किया. यह यात्रा एक मूल्यवान मित्र से मिलने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्ते तलाशने का एक शानदार अवसर है.”

उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘आज मैं राष्ट्रपति धरम गोखूल, प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम से मुलाकात करूंगा और शाम को एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करूंगा.’
 

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मॉरीशस रवाना होने से पहले मोदी ने सोमवार को कहा था कि उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों में एक ‘नया और उज्ज्वल’ अध्याय जोड़ेगी. मोदी मॉरीशस के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे, प्रधानमंत्री के साथ बैठक करेंगे तथा द्वीपीय राष्ट्र के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे.

वह भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ भी बातचीत करेंगे तथा सिविल सेवा कॉलेज और क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन करेंगे, जिनका निर्माण भारत की अनुदान सहायता से किया गया है.

मॉरीशस रवाना होने से पहले एक बयान में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह मॉरीशस के नेतृत्व के साथ ‘सभी पहलुओं में हमारी साझेदारी को बढ़ाने तथा हमारे लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए हमारी स्थायी मित्रता को मजबूत करने’ के लिए उत्सुक हैं. भारतीय सशस्त्र बलों की एक टुकड़ी, भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत और भारतीय वायु सेना की आकाश गंगा ‘स्काईडाइविंग टीम’ (मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस) समारोह में भाग लेगी.

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मोदी ने कहा, ‘‘हिंद महासागर में मॉरीशस एक करीबी समुद्री पड़ोसी, एक प्रमुख साझेदार और अफ्रीकी महाद्वीप का प्रवेश द्वार है. हम इतिहास, भूगोल और संस्कृति से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं.”उन्होंने कहा, ‘‘गहरा आपसी विश्वास, लोकतंत्र के मूल्यों में साझा विश्वास और अपनी विविधता पर गर्व हमारी ताकत है.”

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प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच घनिष्ठ एवं ऐतिहासिक संबंध साझा गौरव का स्रोत है. मोदी ने आखिरी बार 2015 में मॉरीशस का दौरा किया था. भारत मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है. मॉरीशस पूर्व में ब्रिटिश और फ्रांसीसी उपनिवेश था और इसे 1968 में स्वतंत्रता मिली थी.

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विशेष संबंधों का एक प्रमुख कारण यह तथ्य है कि इस द्वीपीय देश की 12 लाख की जनसंख्या में लगभग 70 प्रतिशत लोग भारतीय मूल के हैं.

प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले भारत ने शनिवार को कहा कि वह हिंद महासागर में चागोस द्वीप समूह को लेकर ब्रिटेन के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते पर पहुंचने के मॉरीशस के प्रयासों का समर्थन करता है. उम्मीद है कि यह मुद्दा मोदी की मॉरीशस के प्रधानमंत्री रामगुलाम के साथ बातचीत में उठेगा.

पिछले साल अक्टूबर में ब्रिटेन ने एक ऐतिहासिक समझौते के तहत आधी सदी से भी अधिक समय के बाद चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने के अपने फैसले की घोषणा की थी.


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