सात साल में मेरे 'लाडले' के हाथ में होगा देश का नेतृत्व : किसकी ओर इशारा कर रहे हैं चिन्मयानंद
स्वामी ने यह भी कहा कि ”मैं जहां हूं, जितना हूं, बिना राजनीतिक पद के, बिना दायित्व के वह सभी काम मैं कर सकता हूं, जो एक राजनीतिक व्यक्ति कर सकता है.”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपना करीबी रिश्ता जाहिर करते हुए चिन्मयानंद ने कहा कि ”मैंने एक सफर में कहा था कि योगी आदित्यनाथ आप गोरखपुर को द्वारकापुरी बना रहे हैं तो मैं शाहजहांपुर को सुदामा पुरी बनाना चाहता हूं.”
चिन्मयानंद ने कहा ”मेरा सपना था और मैं संबंधों का लाभ शाहजहांपुर को देना चाहता था लेकिन नहीं दे सका.”
उन्होंने नाम लिए बगैर अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि ”जिले को जो भी लाभ मिलने थे, उन्होंने वे खुद हासिल कर लिए, जबकि जनता को कम ही लाभ मिले हैं.”
बरी होने के बाद अदालत के फैसले पर जताई खुशी
अदालत के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ”हम न्यायालय का सम्मान करते हैं तथा आज हम सभी पापों से, आरोपों से तथा आक्षेपों से बरी हैं.”
उन्होंने कहा कि ”मिथ्या आरोप के जरिए हमारे कदमों को रोका गया लेकिन मैंने मुमुक्षु शिक्षा संकुल को स्वामी शुकदेवानंद राजकीय विश्वविद्यालय बनवाने की लड़ाई जारी रखी और इसी का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के मौजूदा सत्र में इसे विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव आ सकता है.”
उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि ”मैंने शिक्षा संस्थान को उच्च शिखर पर पहुंचाने की कोशिश की और न्यायालय ने भी मामलों में बरी कर उन लोगों की जबान बंद कर दी जो हमें इस घृणित आरोप में अपमानित करने की कोशिश कर रहे थे.”
विधि कॉलेज को निशाना बनाया : चिन्मयानंद
चिनमयानंद ने कहा कि ”न्यूयॉर्क में एक पर्चा बांटा गया था जिसमें हमारा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फोटो लगाया गया था तथा इस दुराचार (जिस मामले में अदालत से बरी हुए) की पूरी कहानी लिखी गई थी. इससे वर्चस्व की लड़ाई में मेरा नुकसान किया गया.”
उन्होंने कहा कि ”2011 से मेरा पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था जिसके चलते हम अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में भाग नहीं ले पाते हैं जबकि हम प्रतिवर्ष कम से कम दो विदेश यात्राएं करते थे.”
चिन्मयानंद ने कहा कि ”हमें बदनाम करने के लिए हमारे विधि कॉलेज को निशाना बनाया गया और इस घृणित कार्य से हमारे विद्यालय की छवि खराब करने तथा नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया.”
छात्रा ने लगाया था यौन शोषण का आरोप
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री तथा मुमुक्षु आश्रम के संस्थापक स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ उन्हीं के कॉलेज में पढ़ाने वाली उनकी एक शिष्या ने वर्ष 2011 में यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था.
चिन्मयानंद सरस्वती के अधिवक्ता फिरोज हसन खान ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बृहस्पतिवार को बताया था कि स्थानीय सांसद-विधायक अदालत के अपर जिला न्यायाधीश एहसान हुसैन ने बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई करते हुए साक्ष्य के अभाव में स्वामी चिन्मयानंद को बरी कर दिया है.
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