करगिल युद्ध में भारतीय सेना ने एक ऐसा कारनामा किया था जैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ, जानिए क्या हुआ था

करगिल:
Kargil Vijay Diwas 2024: करगिल विजय के 25 साल शुक्रवार को पूरे हो रहे हैं. करगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान की एक पोस्ट को कुछ इस तरह तबाह किया था कि वह घटना इतिहास बन गई. भारतीय सेना की 326 लाइट रेजिमेंट ने पाकिस्तानी बंकरों को तबाह करने का ऐसा कारनामा किया था जो इतिहास में कभी नहीं हुआ था. सेना ने जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल से जमीन से जमीन पर हमला किया था. इस सटीक निशाने ने पाकिस्तान की एक पोस्ट उड़ा दी थी. इस कारनामे को अंजाम देने वाले आर्मी एयर डिफेंस के सूबेदार मेजर बीपी सिंह (रिटायर्ड) ने The Hindkeshariको उस घटना के बारे में विस्तार से बताया.
कारगिल में टाइगर हिल (Tiger Hill) के लेमोचिन पॉइंट पर The Hindkeshariकी टीम मौजूद है. यहां सूबेदार मेजर बीपी सिंह (रिटायर्ड) से The Hindkeshariने बातचीत की.
बीपी सिंह ने बताया कि, ”मेरी यूनिट 326 लाइट रेजीमेंट भरतपुर में थी, लेकिन स्पेशल बुलावा था, हम लोग आए. मैं काकसर में पोस्ट पर गया. एक अगस्त 1999 को उन्होंने (पाकिस्तानी सेना) अपनी गन से हमारी पोस्ट पर फायर किया. वह गन डिस्ट्रायर हुआ करती थी. उसमें हमारा एक जवान शहीद हुआ.”
‘न्यूटन ने भी नहीं सोचा होगा कि वह वैज्ञानिक बनेगा’
उन्होंने बताया कि, ”उस समय 4 जाट के मेजर राजेश सेठी ब्रिव कंपनी के कंपनी कमांडर थे. उन्होंने आदेश दिया कि आप मिसाइल से फायर कीजिए. लेकिन हमारे पास मिसाइल, सरफेस टू एयर मिसायल थी. यानी जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल थी, और उन्होंने जमीन से जमीन में मार करने के लिए कहा. ऐसा इतिहास में इससे पहले कभी किसी ने नहीं किया था. तो मुझे भी लगा कि यह नहीं होगा. लेकिन उन्होंने कहा कि आप फायर करके देखो. मैंने सोचा कि न्यूटन ने भी तो कभी सोचा नहीं होगा कि वह वैज्ञानिक बनेगा.”
सूबेदार मेजर सिंह ने कहा कि, ”हम तीन बंदे थे. बाबूलाल थे, अवधेश सिंह थे..तो हमने आपस में विचार किया कि करके देखते हैं, क्या होता है. हमारे पास 30 सेकेंड का वक्त होता है, टारगेट को ट्रैस करना होता है और उसको डिस्ट्रॉय भी करना होता है. एयर में तो ठीक है, ग्राउंड पर इससे पहले कभी यह हुआ नहीं था.”
पाकिस्तानी सेना ने फायर करके शामत बुला ली
उन्होंने बताया कि, ”उनकी (पाकिस्तान) पोस्ट हमारी माता पोस्ट के ठीक सामने थी. मेजर राजेश सेठी बोले फायर करो. हमने कंधे पर मिसाइल ली. उस समय एक जज्बा होता है, डर नहीं था.”
सिंह ने बताया कि, ”इतिहास में पहली बार जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल से जमीन से जमीन पर मार की. वह मिसाइल ‘इग्ला वन एम’ थी. उसके बाद हमारे रेजिमेंट के जवानों का दिल खुल गया, कि अब यह हो सकता है. पहले नाइट में फायर नहीं हो सकता था, बाद में उन्होंने रात में भी फायर करना शुरू कर दिया. 326 लाइट रेजिमेंट ऐसी है कि उसमें अनहोनी कहानी होती रहती है. उन्होंने नाइट में भी फायर करके कर दिखाया.”
विजय दिवस समारोह में पहुंचेंगे पीएम मोदी
करगिल विजय दिवस पर शुक्रवार को करगिल में मुख्य समारोह होगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) शिरक़त करेंगे. वे शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे. इस समारोह में करगिल के शहीदों के परिजन भी बड़ी संख्या में शामिल होने वाले हैं. कारगिल विजय के रजत जयंती समारोह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
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