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साल 2023 में विदेशों में 86 भारतीयों की हत्या हुई या उन पर हमले किए गए, सबसे ज्यादा केस अमेरिका में : सरकार


नई दिल्ली:

पिछले साल विदेशों में 86 भारतीयों पर हमला किया गया या उनकी हत्या कर दी गई. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने गुरुवार को संसद में यह जानकारी दी. कीर्ति वर्धन सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में आंकड़े साझा किए. उन्होंने पिछले तीन वर्षों के देशवार आंकड़े बताए. इनके अनुसार 2021 में 29, 2022 में 57 और 2023 में 86 ऐसे मामले हुए. यानी तीन सालों में क्रमश: मौतों के मामले बढ़े. 

साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2023 में सामने आए कुल 86 मामलों में से अमेरिका में 12 जबकि कनाडा, ब्रिटेन एवं सऊदी अरब में 10-10 मामले सामने आए.

एक अन्य प्रश्न में उनसे पूछा गया कि पिछले पांच सालों के दौरान राज्यवार और वर्षवार कितने भारतीय नागरिकों ने स्वेच्छा से अपनी भारतीय नागरिकता त्यागी और इसके क्या कारण थे. इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या सन 2019 में 1,44,017,  वर्ष 2020 में 85,256, सन 2021 में 1,63,370, साल 2022 में 2,25,620 और वर्ष 2023 में 2,16,219 थी.”

इससे पहले सन 2011 में 1,22,819, 2012 में 1,20,923, 2013 में 1,31,405, 2014 में 1,29,328, 2015 में 1,31,489, 2016 में 1,41,603, 2017 में 1,33,049 और सन 2018 में 1,34,561 भारतीयों ने देश की नागरिकता छोड़ी थी.

उन्होंने कहा कि विदेशी नागरिकता के लिए भारतीय नागरिकता त्यागने वाले लोगों का राज्यवार विवरण उपलब्ध नहीं है.

उन्होंने अल्जीरिया, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, ग्रीस, ईरान, इराक, चीन, पाकिस्तान, कोरिया गणराज्य, अमेरिका, ब्रिटेन और यूक्रेन सहित 135 देशों के नाम साझा किए, जिनकी नागरिकता भारतीयों ने हासिल की है. उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र ने भारतीय नागरिकों की सहायता के लिए “विदेशों में भारतीय मिशनों/पोस्टों में 24×7 हेल्पलाइन” स्थापित की है.

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कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि, “विदेश में भारतीयों की सुरक्षा भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. हमारे मिशन और पोस्ट सतर्क रहते हैं और किसी भी अप्रिय घटना पर बारीकी से नजर रखते हैं. ऐसी घटनाओं को तुरंत मेजबान देश के संबंधित अधिकारियों के सामने उठाया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मामलों की उचित जांच हो और अपराधियों को दंडित किया जाए.” इन मुद्दों को “उच्चतम स्तर” पर शामिल विशेष देशों के सरकारी अधिकारियों के साथ बैठकों के दौरान भी उठाया गया है.

(इनपुट एजेंसियों से)

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