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‘इंडिया’ गठबंधन लोगों के लिए काम करेगा, 'नेता की छवि' के लिए नहीं : शशि थरूर

शशि थरूर ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘मुझे लगता है कि भारतीय मतदाताओं के लिए यह पूछने का समय आ गया है कि उनके हित में क्या है, न कि मोदी की छवि या भाजपा के पीआर (जनसंपर्क) कार्य में क्या है. क्या आप ऐसी सरकार चाहते हैं जो आपके कल्याण को प्राथमिकता दे? क्या आप ऐसी सरकार चाहते हैं जो लोगों को पहले रखे, न कि नेता की छवि को.”

उन्होंने कहा कि अगर लोग एक ऐसी सरकार चाहते हैं जो किसी नेता के बजाय लोगों के बारे में सोचे तो ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) इसका जवाब है.

जनता भाजपा को कड़ा संदेश देने की तैयारी कर रही

थरूर ने कहा, ‘सच कहूं तो ऐसा लगता है कि भारत की जनता भाजपा को कड़ा संदेश देने की तैयारी कर रही है. अगर आप चुनावों पर नजर डालें तो इस समय भाजपा पांच में से चार राज्यों में कांग्रेस से काफी पीछे है और पांचवें राज्य राजस्थान में थोड़ा कम पीछे है.’

उन्होंने कहा, ‘इसलिए, यदि आप नतीजों को देख रहे हैं, तो ऐसा लगता है कि जब अगले साल लोकसभा चुनाव होंगे तो विपक्ष को बहुत मजबूती मिलने वाली है. और यह भाजपा के लिए अच्छी खबर नहीं हो सकती.’

राजस्थान, मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों का जिक्र करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि इन सभी ने राजस्थान को छोड़कर सभी राज्यों में विपक्षी दल को भाजपा से आगे बताया है.

कांग्रेस इन चुनावों में बहुत अच्छा प्रदर्शन करने जा रही

उन्होंने कहा, ‘यदि आप यह भी पूछें कि पार्टी कार्यकर्ता ज़मीनी स्तर पर क्या कह रहे हैं, तो कांग्रेस पार्टी में बहुत विश्वास है कि हम इन चुनावों में बहुत अच्छा प्रदर्शन करने जा रहे हैं.’

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इन पांचों राज्यों में सात से 30 नवंबर के बीच मतदान होगा और मतगणना एक ही दिन तीन दिसंबर को होगी.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह लोकसभा चुनाव से पहले इन पांच राज्यों के चुनावों को ‘सेमीफाइनल’ कहना चाहेंगे, थरूर ने कहा कि यह शब्दावली ‘थोड़ी अजीब’ है क्योंकि मतदाताओं ने विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अलग-अलग तरीके से मतदान करना सीख लिया है.

विधानसभा और लोकसभा चुनावों के बीच हो सकता है कुछ भी

उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा, राज्यों के चुनावों के नतीजों और लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता की घोषणा के बीच कुछ महीनों में, कुछ भी हो सकता है. पिछली बार 2018 में, (नरेन्द्र) मोदी की पार्टी सभी पांच राज्यों में हार गई थी और मई तक 2019 में, उन्होंने इन सभी राज्यों में अधिकतर सीट जीती थीं.”

थरूर ने कहा, ‘तो, क्या हुआ? खैर, आंशिक रूप से क्योंकि पुलवामा हुआ. पुलवामा और बालाकोट के साथ, सरकार अपनी आर्थिक अक्षमता पर जनमत संग्रह को राष्ट्रीय सुरक्षा वोट में बदलने में सक्षम रही. लोगों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से, वे मोदी को वोट देते हैं.’

अगले साल के चुनाव के दौरान फिर से ऐसे किसी मुद्दे का उपयोग होने की संभावना पर, थरूर ने कहा: ‘मुझे नहीं लगता कि कोई घटना एक ही तरीके से एक ही स्थान पर दो बार हो सकती है.’

उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) जनवरी में होने वाली दो घटनाओं- राम मंदिर का पूरा होना और गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में (अमेरिकी राष्ट्रपति) जो बाइडेन की यात्रा का फायदा उठा सकता है.

नरेन्द्र मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले किए गए भाजपा के वादों पर सवाल उठाते हुए थरूर ने देश के लोगों से पूछा कि क्या वे सभी आश्वासन पूरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को उसी के अनुसार निर्णय लेना चाहिए.

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देश के नाम से जुड़े विवाद के बारे में सांसद ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह देश के सामने मौजूद वास्तविक मुद्दों से पूरी तरह अनावश्यक रूप से ध्यान भटकाना है. भारत कुछ ऐसा है जिसे हर कोई हमारे देश के विचार के हिस्से के रूप में पहचानता है. हम एक से दूसरे को क्यों चुनना चाहते हैं? आइए हम दोनों (‘इंडिया’ और भारत) को रखें.’

थरूर के अनुसार, लोग जिस भाषा को बोलते या लिखते हैं उसके आधार पर वे बहुत आसानी से ‘इंडिया’ और भारत के बीच चयन कर लेते हैं. अंग्रेजी में हो और अंतरराष्ट्रीय मंच पर हो तो ‘इंडिया’ और किसी की मातृभाषा में हो तो भारत.

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘इंडिया शब्द की उत्पत्ति हिंदू शब्द के समान व्युत्पत्ति संबंधी जड़ों से हुई है. दोनों इसलिए आए क्योंकि फारसियों ने सिंधु नदी के पार के लोगों को एक व्यक्ति के रूप में देखा. वे ‘सिंधु’ नाम नहीं कह सकते थे क्योंकि वे ‘एस’ का स्पष्ट उच्चारण नहीं कर सकते थे, तो उन्होंने इसे हिंदू बना दिया.”

हिंदू और ‘इंडिया’ दोनों की उत्पत्ति फारसी शब्दों से हुई

उन्होंने कहा, ‘इस तरह हिंदू और ‘इंडिया’ दोनों की उत्पत्ति सिंधु नदी के पार के लोगों के लिए फ़ारसी शब्दों से हुई है. इसलिए, यदि आप यह नहीं कहना चाहते कि ‘गर्व से कहो कि हम ‘इंडियन’ हैं’, तो आप यह भी नहीं कह सकते कि ‘गर्व से कहो कि हम हिंदू हैं’. दोनों एक ही मूल से हैं.”

केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर थरूर ने आरोप लगाया कि यह कोई नयी बात नहीं है क्योंकि भाजपा 2014 से अपने पूरे कार्यकाल में ऐसा करती रही है.

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थरूर ने कहा, ‘यह मतदान होने से पहले ही तेज होता है. वे किसी तरह उन लोगों को हतोत्साहित करना चाहते हैं जो उन्हें चुनौती देने का साहस रखते हैं. मुझे लगता है कि हमें विपक्ष और सरकार की आलोचकों के खिलाफ अधिक से अधिक मामले मिलेंगे.

उन्होंने कहा, ‘…और सच कहूं तो मुझे लगता है कि जनता ने अब इसके पीछे के संदेश को समझना सीख लिया है. ऐसा नहीं हो सकता कि इस देश में जांच के लायक एकमात्र लोग विपक्षी नेता हैं.’

थरूर 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने के लिए आइजोल में थे. मिजोरम में सात नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा.

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