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"भारत और अमेरिका खालिस्तानी आतंकवादी मुद्दे को मैच्योरिटी से कर रहे हैंडल" : US राजनयिक

यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष अतुल केशप (Atul Keshap) ने गुरुवार को The Hindkeshariके साथ एक खास इंटरव्यू में ये बातें कही. अतुल केशप ने कहा, “2023 दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए एक अनोखा दौर शुरू हुआ है. ऐसे मुद्दे अब तक दुनियाभर में अमेरिका के बेहद करीबी देशों के साथ सामने आते हैं.”

भारत-अमेरिका के रिश्ते के लिहाज से केशप के ये नजरिया काफी अहम है, क्योंकि उन्होंने भारत में अमेरिकी राजदूत समेत नई दिल्ली में कई पदों पर काम किया है. केशप ने देखा है कि भारत और अमेरिका के संबंध पिछले कुछ सालों में कैसे सुधरे हैं.

पीएम ने दिया था ये बयान

पीएम मोदी ने मंगलवार को ब्रिटिश अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या से संबंधित आरोपों की जांच की जाएगी. हालांकि, पीएम ने जोर देकर कहा कि ‘कुछ घटनाएं’ भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को पटरी से नहीं उतार सकतीं. भारत और अमेरिका के रिश्ते अब तक के सबसे अच्छे दौर में है.

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अतुल केशप ने पीएम मोदी के इस बयान को लेकर कहा, “मैंने प्रधानमंत्री की टिप्पणी देखी. मुझे लगता है कि उन्होंने बिल्कुल सही कहा है. वास्तव में अमेरिका-भारत संबंधों के लिए ये साल अद्भुत रहा है. शायद मेरे अब तक के करियर में मैंने ऐसा समय नहीं देखा. हमारी एक विजिट थी. प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की पहली स्टेट विजिट थी. बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी जी-20 समिट के लिए नई दिल्ली आए थे.”

राजनयिक अतुल केशप ने जोर देकर कहा, “हर रिश्ते में मुद्दे सामने आते हैं. खासतौर पर अमेरिका और भारत के बीच व्यापक, विविध और शक्तिशाली मुद्दे हैं. यह दुनियाभर में अमेरिका के निकटतम सहयोगियों के साथ होता है. जापान, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ भी ऐसा होता है.”

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अतुल केशप ने कहा, “जिस तरह से हमारी दोनों सरकारें सामने आए मुद्दों को संभाल रही हैं. वो काबिलेतारीफ है. दोनों देशों ने मुद्दों को बहुत मैच्योरिटी से डील किया है. दो महान लोकतंत्रिक देशों के बीच साझा रणनीतिक, आर्थिक और टेक्निकल कंवर्जेंस काफी अहम है.” उन्होंने कहा, “और इसलिए मुझे पूरा विश्वास है कि वे इसे बहुत ही सही तरीके, मैच्योरिटी और चतुराईपूर्ण ढंग से मैनेज करेंगे. क्योंकि दोनों देशों का रिश्ता इस स्टेज पर पहुंच चुका है.”

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प्रत्यर्पण या मामले को छोड़कर आगे बढ़ना?

अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर जून में चेक गणराज्य के प्राग एयरपोर्ट पर भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को हिरासत में लिया गया था. अमेरिकी न्याय विभाग ने निखिल गुप्ता पर भारत सरकार के एक अधिकारी के साथ मिलकर अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. अमेरिका ने निखिल गुप्ता के चेक गणराज्य से प्रत्यर्पण की मांग की है. खालिस्तानी आतंकवादी के पास संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा दोनों की नागरिकता है.

भारत और अमेरिका के रिश्ते को देखते हुए क्या निखिल गुप्ता का प्रत्यर्पण होगा या इसमें देरी होगी? इसके जवाब ने केशप ने कहा, “ठीक है, देखिए. मैं पूर्वानुमान नहीं लगा सकता, लेकिन मुझे इस बात का बहुत उच्च स्तर का विश्वास है. दिल्ली और वॉशिंगटन के सत्ता के गलियारों में दोनों पक्ष कई अलग-अलग आयामों में हमारी साझा साझेदारी के जबरदस्त महत्व को पहचानते हैं.”

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केशप ने कहा, “इस विशेष मामले में जो कुछ भी होगा, उसे दोनों सरकारें उस व्यापक साझेदारी के संदर्भ में निपटाएंगी. ये खतरनाक समय है. भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े, सबसे स्थिर, सबसे गतिशील, सबसे मजबूत लोकतंत्र हैं. दोनों देश एक साथ हजारों मामलों पर काम कर रहे हैं. पन्नू का मुद्दा उनमें से एक है.”

इजरायल-हमास युद्ध की ओर इशारा करते हुए यूएस राजनयिक ने बताया कि भारत और अमेरिका मध्य पूर्व की स्थिरता सुनिश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

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