दुनिया

भारत को प्रति व्यक्ति उच्च कार्बन उत्सर्जन वाले देशों के साथ नहीं जोड़ा जा सकता: यूरोपीय संसद सदस्य

दुबई :

यूरोपीय संसद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा कि भारत का प्रतिव्यक्ति कार्बन उत्सर्जन “बेहद कम” है, ऐसे में इसे चीन और अमेरिका जैसे देशों से जोड़ना पूरी तरह से अस्वीकार्य है. जर्मनी के नेता और यूरोपीय संसद के सदस्य पीटर लीसे ने यहां संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, “जब जर्मनी में लोगों के पास दो कार हैं, तो भारतीय लोगों के पास भी एक कार तो होनी ही चाहिए.”

यह भी पढ़ें

जलवायु शिखर सम्मेलन में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन कम होने के बावजूद भारत को अमेरिका जैसे प्रमुख उत्सर्जकों के साथ जोड़ने के ठोस प्रयास किए गए हैं.

यूरोपीय संसद के सदस्य पीटर लीसे ने कहा, ‘हर किसी के लिए यह स्वीकार करना बहुत महत्वपूर्ण है कि संयुक्त अरब अमीरात, चीन और अमेरिका का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन… वे भारत से बहुत अलग हैं. यूरोप में कई लोग चीन और भारत को और कभी-कभी खाड़ी देशों को एक ही नजर से देखते हैं, जो पूरी तरह अस्वीकार्य है. इन देशों की तुलना में भारत में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन बहुत कम है.’

इस सप्ताह की शुरुआत में वैज्ञानिकों की एक वैश्विक टीम द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रति व्यक्ति कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन पिछले साल लगभग पांच प्रतिशत बढ़कर 2 टन कार्बन डाइऑक्साइड तक पहुंच गया, लेकिन यह अब भी वैश्विक औसत के आधे से भी कम है.

वैज्ञानिकों ने कहा कि अमेरिका प्रति व्यक्ति उत्सर्जन चार्ट में शीर्ष पर है, जहां देश का प्रत्येक व्यक्ति 14.9 टन सीओ2 उत्सर्जित करता है. इसके बाद रूस (11.4), जापान (8.5), चीन (8), और यूरोपीय संघ (6.2) हैं. वैश्विक औसत 4.7 टन रहा है.

यह भी पढ़ें :-  रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल की कार्रवाई के बीच पुतिन और मसूद की मुलाकात, क्या है मायने

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button