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भारत कभी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़ा, लोकतंत्र हमारे DNA में : गयाना की संसद में PM मोदी


नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैरिबाई देश गयाना में मौजूद हैं. पीएम मोदी गुयाना की संसद में संबोधन कर रहे हैं. संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कई महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की. पीएम मोदी ने कहा, गयाना से मेरा गहरा रिश्ता है. दोनों देश दुनिया में लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं. आज गुयाना की संसद में 140 करोड़ भारतीयों की तरफ से अभिनंनदन करता हूं. गुयाना में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास दुनिया के विकतास को मजबूत कर रहा है.

संबोधन की खास बातें

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आज विश्व के सामने आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है- Democracy First, Humanity First. Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो, सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो. Humanity First की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है. जब Humanity First को निर्णयों का आधार बनाते हैं तो नतीजे भी मानवता के हित करने वाले ही होते हैं. Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो, सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो.

विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े. हम RESOURCES पर कब्जे की, RESOURCES को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं.

आज भारत हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है, शांति के पक्ष में खड़ा है. इसी भावना के साथ आज भारत ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है.

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दुनिया के लिए यह समय conflict का नहीं है, यह समय conflict पैदा करने वाली कंडिशंस को पहचानने और उनको दूर करने का है.

विश्व के सामने कई बड़ी चुनौतियां

आज टेररिज्म, ड्रग्स, साइबर क्राइम… ऐसी कितनी भी चुनौतियां हैं जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे. आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है.

पीएम मोदी ने कहा, आज भी गयाना में मिल जाएंगे जो मुझसे मिल चुके हैं. पीएम मोदी ने कहा कि यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत संगीत और यहां की चटनी. पीएम मोदी ने चटनी के बारे में कहा कि भारत की हो या गुयाना की, बहुत ही कमाल की होती है.

गयाना और भारत की कहानी एक जैसी

पीएम मोदी ने कहा, पिछले 200-250 साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा. दोनों देशों ने गुलामी से हटने के लिए एक जैसी छटपटाहट थी. आजादी की लड़ाई में दोनों देशों के कई लोगों ने अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी.

लोकतंत्र हमारे डीएनए और विजन में है

पीएम मोदी ने संबोधान करते हुए कहा कि वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर का मंत्र. वैश्विक परिस्थितियों पर नजर रखनी है. 21वीं सदी की चुनौतियां पूरी तरह से अलग. कोरोना के बाद दुनिया दूसरी चीजों में उलझी. जिन देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर मदद की. हम कभी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े. हम कब्जे और हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे. यह समय विवाद पैदा करने का नहीं है. सबको साथ लेकर चलो, विकास में सहभागी बनो. लोकतंत्र हमारे डीएनए और विजन में है.

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पीएम मोदी ने कहा, भारत और गुयाना जब आजाद हुए थे तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थी. आज 21वीं सदी में चुनौतियां पूरी तरह से अलग हैं.  कोरोना के बाद जहां विश्व को अलग दिशा में बढ़ना वहीं दुनिया दूसरी चीजों में बढ़ गई. आज विश्व में आगे बढ़ने के लिए डेमोक्रेसी फर्स्ट और ह्यूमनिटी फर्स्ट. मानवता और लोकतंत्र को आगे बढ़ाना है.

विश्व के लिए आधी आबादी जरूरी

पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि दुनिया को आगे बढ़ाने के लिए महिलाओं को आगे आना होगा. आधी आबादी को आगे नहीं बढ़ने नहीं दिया गया. विश्व की बेहतरी के लिए महिलाओं का आगे होना बेहद जरूरी है. आज हर सेक्टर में महिलाओं की भूमिका अहम होने वाली है. 

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका दिया जाता है. भारत में लोकल स्तर पर महिलाएं प्रतिनिधित्व कर रही हैं.

पीएम मोदी ने गयाना की संसद में संबोधित करते हुए कहा कि गयाना में टी20 का बेहतरीन आयोजन किया गया. इस बेहतरीन आयोजन में भारत का भी सहयोग है. हमें खुशी है कि गयाना ने टी20 विश्व कप का सफल आयोजन किया है.

पीएम मोदी ने वैश्विक सहभागिता पर कहा कि एक भी देश पीछे रह गया तो, हम ग्लोबल गोल हासिल नहीं कर पाएंगे.तभी भारत कहता है कि हर देश अहम है. भारत ने हमेशा सिद्धांत के आधार पर बात रखी है.

G20 समिट के दौरान भारत ने वीमेन लेड डेवलपमेंट को एक बड़ा एजेंडा बनाया था. भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है.

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भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं. पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं उनमें से सिर्फ 5 प्रतिशत महिलाएं है, जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं उनमें से 15 प्रतिशत महिलाएं हैं.



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