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भारत खरीदेगा 31 MQ-9B सशस्त्र ड्रोन, अमेरिका ने बिक्री को दी मंजूरी

नई दिल्ली:

अमेरिका ने बृहस्पतिवार को 3.99 अरब अमेरिकी डॉलर की अनुमानित लागत पर भारत को 31 एमक्यू-9बी सशस्त्र ड्रोन की बिक्री को मंजूरी दे दी.  इससे समुद्री मार्गों में मानवरहित निगरानी और टोही गश्त के जरिये वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपटने के लिए भारत की क्षमता को बढ़ेगी.  इस ड्रोन सौदे की घोषणा जून 2023 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के दौरान की गई थी.  रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (डीएससीए) ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘विदेश विभाग ने 3.99 अरब अमेरिकी डॉलर की अनुमानित लागत पर एमक्यू-9बी एयरक्राफ्ट और संबंधित उपकरणों को भारत सरकार को बेचने को मंजूरी देने का निर्णय लिया है. ”

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एजेंसी ने कहा कि उसने बृहस्पतिवार को कांग्रेस को इस संभावित बिक्री के बारे में सूचित करते हुए आवश्यक प्रमाणीकरण दे दिया है.  एजेंसी ने कहा, ‘‘इस प्रस्तावित बिक्री से अमेरिका-भारत के रणनीतिक संबंधों को मजबूती मिलेगी और हिंद-प्रशांत तथा दक्षिण एशियाई क्षेत्र में आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा. ” इसने कहा, ‘‘प्रस्तावित बिक्री से परिचालन के समुद्री मार्गों में मानवरहित निगरानी और टोही गश्त को सक्षम बनाकर वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपटने की भारत की क्षमता में सुधार होगा. ”

भारत अपने सशस्त्र बलों की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए, विशेष रूप से चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर, लंबे समय तक संचालिल होने वाले ड्रोन खरीद रहा है.  तीन अरब अमेरिकी डॉलर के सौदे के तहत, भारत को 31 अत्याधुनिक ड्रोन (यूएवी) मिलेंगे.  उनमें से 15 ‘सी-गार्जियन’ ड्रोन नौसेना को मिलेंगे, जबकि थलसेना और वायुसेना को आठ-आठ ‘स्काई-गार्डियन’ ड्रोन मिलेंगे.  डीएससीए ने इस बात की सराहना कि भारत ने अपनी सेना के आधुनिकीकरण के प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है.  इसने कहा कि भारत को इन सेवाओं को अपने सशस्त्र बलों में शामिल करने में कोई कठिनाई नहीं होगी. 

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रक्षा क्षेत्र की प्रमुख अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स सिस्टम (जीए) से ड्रोन की खरीद होगी.  इससे पूर्व विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि पिछले साल जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के दौरान प्रस्तावित ड्रोन सौदे की घोषणा की गई थी, जिसमें क्षेत्र में सैन्य सहयोग और द्विपक्षीय रणनीतिक प्रौद्योगिकी सहयोग को आगे बढ़ाने की महत्वपूर्ण संभावना है. 

मिलर भारतीय मीडिया में आयी इस खबर को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे कि बाइडन प्रशासन ने एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या की कथित साजिश में एक भारतीय अधिकारी के शामिल होने के आरोपों की जांच होने तक भारत को सशस्त्र ड्रोन की बिक्री पर रोक लगा दी है.  मिलर ने बुधवार को कहा, ‘‘निश्चित रूप से, अमेरिका की हथियार अंतरण प्रक्रिया में अमेरिकी कांग्रेस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.  हम अपनी औपचारिक अधिसूचना से पहले, नियमित रूप से कांग्रेस के सदस्यों के साथ परामर्श करते हैं ताकि हम उनके सवालों का समाधान कर सकें, लेकिन औपचारिक अधिसूचना कब जारी होगी, इस संबंध में मेरे पास कोई टिप्पणी नहीं है. ”

उन्होंने कहा, ‘‘इस बिक्री की घोषणा पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान हुई थी.  हमारा मानना है कि इसमें भारत के साथ रणनीतिक प्रौद्योगिकी सहयोग और क्षेत्र में सैन्य सहयोग को आगे बढ़ाने की महत्वपूर्ण क्षमता है. ”

 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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