केजरीवाल की गिरफ्तारी को लोकसभा चुनाव में भुनाएगा 'INDIA'? कैसे BJP को पहुंच सकता है नुकसान
आइए जानते हैं कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का लोकसभा चुनाव में AAP और INDIA अलायंस कैसे फायदा उठा सकती है:-
मोदी सरकार के प्रति आक्रामक कैंपेनिंग में मिलेगी मदद
शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी ने विपक्ष को मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक होने का एक मौका दे दिया है. INDIA गठबंधन इलेक्शन कैंपेनिंग के दौरान अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के मुद्दे पर अलग-अलग राज्यों में जनता के बीच जा सकती है और मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल सकती है. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, गोवा और चंडीगढ़ में गठबंधन किया है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों अपनी सभाओं में केजरीवाल की गिरफ्तारी का मामला उठा रहे हैं.
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चुनाव में इमोशनल कार्ड का इस्तेमाल
वैसे राजनीति में इमोशनल कार्ड काफी चलता है. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस को चुनाव में मिला जनादेश इसका सीधा उदाहरण है. विदेशों में भी ऐसे कई उदाहरण हैं जहां चुनावों में इमोशनल कार्ड ने बड़ा रोल प्ले किया. जाहिर तौर पर आम आदमी पार्टी और INDIA अलायंस इस चुनाव में केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर इमोशनल कार्ड खेलकर इसे भुनाने की कोशिश करेगी. आम आदमी पार्टी के कई नेताओं के हालिया बयानों से साफ दिख रहा है कि वो केजरीवाल को लेकर जनता के बीच एक माहौल बनाने में लग गए हैं. AAP के नेता जनता के बीच जाकर यह बता रहे हैं कि केजरीवाल की गिरफ्तारी इसीलिए की गई है, ताकि दिल्ली में मुफ्त शिक्षा, मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त तीर्थयात्रा और मोहल्ला क्लीनिक बंद हो जाएं.
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बीजेपी पर विपक्ष को खत्म करने का नैरेटिव होगा सेट
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से AAP और INDIA अलायंस जनता के बीच ये नैरेटिव सेट करने की कोशिश करेगी कि कैसे बीजेपी विपक्ष को खत्म करने की कोशिश में लगी है. दरअसल, एक सिटिंग सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है. केजरीवाल ने कई सार्वजनिक मौकों पर इस बात का दावा किया है कि वह कट्टर ईमानदारी से सरकार चलाते है. ऐसे में अगर INDIA अलायंस के नेता यह बताने में सफल हो जाते हैं कि केजरीवाल या विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी एक राजनीतिक साजिश के तहत हो रही है, तो चुनाव में इसका फायदा मिल सकता है.
ED-CBI के मोदी सरकार के इशारे पर काम करने का नैरेटिव
ED-CBI की छापेमारी को विपक्ष मुद्दा बनाता रहा है. केजरीवाल की अरेस्टिंग को चुनावी मुद्दा बनाने से लोगों के बीच ये नैरेटिव बनेगा कि ED-CBI जैसी जांच एजेंसियां केंद्र सरकार के इशारे पर काम करती हैं. INDIA अलायंस इसके पीछे छत्तीसगढ़ चुनाव के दौरान तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ ED के छापों, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का उदाहरण दे सकता है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी यह कह चुके हैं कि विपक्ष के 95% नेताओं पर ED और CBI का केस दर्ज हुआ है, लेकिन जो नेता बीजेपी में शामिल हो जाते हैं उसका दाग धुल कर साफ कर दिया जाता है. केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर कई विपक्षी नेताओं ने तर्क दिया कि असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ मामला है, लेकिन ED-CBI उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी. इसी तरह अजित पवार के खिलाफ कई केस दर्ज हैं, चूंकि वो महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं और डिप्टी सीएम भी, लिहाजा उनके सारे दाग धुल गए हैं.
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दिल्ली की सीटों पर हो सकता है फायदा
अरविंद केजरीवाल ने अब तक सीएम पद से इस्तीफा नहीं दिया है. बताया जा रहा है कि वह ED की कस्टडी में रहकर ही दिल्ली की सरकार चला रहे हैं. वैसे दिल्ली की जनता के बीच केजरीवाल की अलग अपील है. कहा जाता है कि दिल्लीवासी दिल्ली में AAP और लोकसभा में BJP को चाहते हैं. ऐसे में सीटिंग सीएम की गिरफ्तारी का दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर असर पड़ सकता है.