भारतीय-अमेरिकी कंप्यूटर इंजीनियर को टेक्सास के सर्वोच्च अकादमिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया
भारतीय मूल के जाने-माने कंप्यूटर इंजीनियर और प्रोफेसर अशोक वीरराघवन को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए ‘एडिथ और पीटर ओ’डॉनेल’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जो टेक्सास के सर्वोच्च शैक्षणिक पुरस्कारों में से एक है.
राज्य के उभरते शोधकर्ताओं को यह पुरस्कार प्रदान करने वाली ‘टेक्सास एकेडमी ऑफ मेडिसिन, इंजीनियरिंग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ (टीएएमईएसटी) ने कहा कि राइस यूनिवर्सिटी के जॉर्ज आर. ब्राउन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में ‘इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग’ के प्रोफेसर वीरराघवन को इसके लिए चुना गया था. उन्हें अदृश्य को दृश्यमान बनाने का प्रयास करने वाली उनकी परिवर्तनकारी इमेजिंग प्रौद्योगिकी के लिए यह पुरस्कार दिया गया है.
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यह पुरस्कार चिकित्सा, इंजीनियरिंग, जैव विज्ञान, भौतिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार में अग्रणी कार्य करने वाले राज्य के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं को प्रतिवर्ष दिया जाता है.
मूल रूप से चेन्नई के रहने वाले वीरराघवन ने यह पुरस्कार मिलने के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं यह पुरस्कार प्राप्त कर बहुत खुश हूं. यह उस अद्भुत और नवीन शोध का सम्मान है जो राइस यूनिवर्सिटी में कम्प्यूटेशनल इमेजिंग लैब में कई छात्रों, पोस्टडॉक (पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने के बाद शोध करने वाले शोधकर्ता) और वैज्ञानिकों ने पिछले दशक किया है.”
वीरराघवन अपने शोध के जरिए ऐसे इमेजिंग परिदृश्यों के लिए समाधान मुहैया कराने की कोशिश कर रहे हैं जब प्रकाश के बिखरने के कारण इमेजिंग प्रौद्योगिकी किसी व्यक्ति को देखने में असमर्थ होती है.
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(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)