भारत और चीन की सेना ने LAC पर देपसांग और दमचोक में शुरू की पेट्रोलिंग
एलएसी पर बेहतर हो रहे हैं हालात
नई दिल्ली:
भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर बीते कुछ दिनों में हालात काफी बेहतर हुए हैं. इसी का नतीजा है कि अब दोनों ही सेनाएं एलएसी पर लगने वाले इलाकों में एक बार फिर गश्त कर पा रहे हैं. आपको बता दें कि एलएसी पर बीते करीब साढ़े चार साल से गश्त बंद थी. भारत और चीन की सेना ने गुरुवार को एलएसी के देपसांग और दमचोक इलाके में गश्त की. गश्त से पहले दोनों ही सेनाओं ने आपस में इस गश्त को लेकर जानकारी भी साझा की थी. इस गश्त के दौरान किसी भी तरह से कोई विवाद नहीं हुआ.
दिवाली पर दोनों साझा की गई थी मिठाई
दिवाली के मौके पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गुरुवार को मिठाइयों का आदान-प्रदान भी किया था. पूर्वी लद्दाख के देपसांग और दमचोक क्षेत्रों में भारत-चीन सीमा पर सैनिकों की वापसी के एक दिन बाद दोनों देश के सैनिकों के बीच दिवाली के मौके पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया गया था. बता दें भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो स्थानों-दमचोक और देपसांग पर सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है.
रिश्तों को बेहतर करने में मिलेगी मदद
भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने बीते बुधवार को उम्मीद जताई थी कि पूर्वी लद्दाख से लगती भारत-चीन सीमा से दोनों देशों के सैनिकों की वापसी पूरी होने से रिश्तों को बेहतर करने और आने वाले दिनों में दोनों पड़ोसियों के बीच बेहतर समझ बनाने में मदद मिलेगी. चीनी राजनयिक ने यहां ‘मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ (एमसीसीआई) द्वारा आयोजित एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई हालिया बैठक ‘‘बहुत महत्वपूर्ण” थी.
पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति की बातचीत के बाद बेहतर हुए हालात
बीते दिनों पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग के बीच रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर एक बैठक हुई थी. इस बैठक के दौरान सीमा विवाद को लेकर भी दोनों देशों के बीच चर्चा हुई थी. इस बातचीत के दौरान दोनों ही नेताओं ने एलएसी पर हालात को बेहतर करने पर जोर दिया था. बताया जाता है कि दोनों शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद ही एलएसी पर हालात करीब साढ़े चार साल बाद बेहतर होने की तरफ बढ़ रहे हैं.