लगातार दूसरे साल पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल नहीं हुए भारतीय अधिकारी

नई दिल्ली:
भारत ने लगातार दूसरे साल यहां पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा आयोजित पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस समारोह में हिस्सा नहीं लिया, जबकि उसने इस्लामाबाद द्वारा सीमापार आतंकवाद को ‘सक्रिय’ समर्थन दिए जाने को शांति की राह में ‘सबसे बड़ी बाधा’ बताया. भारत ने विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक को सम्मानित करने के लिए भी पाकिस्तान की आलोचना की. नाइक भारतीय अधिकारियों द्वारा वांछित है. भारत की यह टिप्पणी पाकिस्तानी उच्चायोग प्रभारी (चार्ज डी’अफेयर्स) साद अहमद वराइच के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के बीच संबंधों में एक ‘‘नया सवेरा” आपसी समझ को बढ़ाकर, साझा चिंताओं को दूर करके और कश्मीर मुद्दे सहित ‘‘दीर्घकालिक विवादों” को हल करके आ सकता है.
इस कार्यक्रम में भारत की ओर से कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था
वराइच ने यह टिप्पणी बृहस्पतिवार रात को पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा देश के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह में की थी. इस कार्यक्रम में भारत की ओर से कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान ने इस समारोह में भारतीय अधिकारियों को आमंत्रित किया था या नहीं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से शुक्रवार को जब यह पूछा गया कि क्या पाकिस्तान उच्चायोग ने इस कार्यक्रम के लिए निमंत्रण दिया था, तो प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक निमंत्रण का सवाल है, वे रिश्तों पर निर्भर करते हैं, है न? निमंत्रण की स्वीकृति रिश्तों की प्रकृति पर निर्भर करती है.”
अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली कर देना चाहिए
अपने वक्तव्य में जायसवाल ने मंगलवार को दिए गए अपने बयान का भी उल्लेख किया, जो पाकिस्तान द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पाकिस्तान पर की गई कुछ आलोचनात्मक टिप्पणियों की आलोचना के बाद जारी किया गया था. बयान में जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान को ‘झूठ’ फैलाने के बजाय अपने अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली कर देना चाहिए. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उस विशेष वक्तव्य में हमने अन्य बातों के अलावा यह भी कहा था कि विश्व स्पष्ट रूप से जानता है कि वास्तविक मुद्दा पाकिस्तान द्वारा सीमापार आतंकवाद को सक्रिय रूप से बढ़ावा देना और प्रायोजित करना है.” उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में, यह क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी बाधा है.”
भारत का हमेशा संबंध सुधारने पर रहा जोर
भारत लगातार कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है, तथा इस बात पर जोर देता रहा है कि इस तरह के संबंधों के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी पड़ोसी देश पर है. प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में कहा था कि पाकिस्तान के साथ शांति को बढ़ावा देने के हर प्रयास का जवाब शत्रुता और विश्वासघात के रूप में मिला है और उन्हें उम्मीद है कि द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए इस्लामाबाद में नेतृत्व को सद्बुद्धि मिलेगी. इस सप्ताह की शुरुआत में लाहौर में नाइक की पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी तथा पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज से मुलाकात के बारे में पूछे गए सवाल पर जायसवाल ने कहा, ‘‘यह पहली बार नहीं है कि उसे (नाइक को) पाकिस्तान में सम्मानित किया गया है.” उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर है, यह दर्शाता है कि उनके मेजबानों का दृष्टिकोण कैसा है और हमारे लिए इसका क्या मतलब है, तथा यहां वांछित व्यक्ति को इतना समर्थन देने के संदर्भ में इसका क्या मतलब है.”
पाकिस्तानी राजनयिक ने क्या कुछ कहा
पाकिस्तानी राजनयिक ने राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि इस्लामाबाद ने ‘‘संप्रभु समानता, आपसी सम्मान और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व” के सिद्धांतों के आधार पर अन्य देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने के लिए लगातार प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि यही दृष्टिकोण ‘‘भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध स्थापित करने की पाकिस्तान की कोशिश” में उसका मार्गदर्शक रहा है. वराइच ने कहा, ‘‘दक्षिण एशिया हमारा साझा घर है और उसे स्थिर शांति, समान सुरक्षा और साझा समृद्धि के साथ आगे बढ़ना चाहिए.” उन्होंने इसके लिए ऐसी रचनात्मक भावना की आवश्यकता पर जोर दिया, जो साझा समाधानों के लिए सहयोगात्मक प्रयासों को प्राथमिकता देती हो और जबरन परिणाम थोपने की कोशिश न करती हो.
वराइच ने कहा, ‘‘कूटनीति का मार्ग पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है.” पाकिस्तान की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, वराइच ने इस आयोजन को नवरोज के साथ मनाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि वसंत का आगमन अनादि काल से आशा, नवीनीकरण और बदलाव का अग्रदूत रहा है. वराइच ने कहा, ‘‘आपसी समझ को बढ़ाकर, साझा चिंताओं से निपटकर और जम्मू-कश्मीर सहित लंबे समय से जारी विवादों को हल करके पाकिस्तान-भारत संबंधों में एक नयी सुबह लाई जा सकती है.”
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