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INS ब्रह्मपुत्र में भीषण आग… जानिए 23 साल पहले कमीशन हुए युद्धपोत की खास बातें
- आईएनएस ब्रह्मपुत्र का निर्माण देश में ही किया गया है. यह ‘ब्रह्मपुत्र’ श्रेणी का पहला मिसाइल फ्रिगेट है. इसे अप्रैल 2000 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.
- यह युद्धपोत करीब 5,300 टन वजनी है और इसकी लंबाई 125 मीटर है. यह 27 समुद्री मील से अधिक की गति पाने में सक्षम है. जहाज पर 40 अधिकारियों और 330 नाविकों का दल है.
- आईएनएस ब्रह्मपुत्र विमान भेदी तोपों, सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के साथ ही टारपीडो लांचर से लैस है.
- इसमें समुद्री युद्ध के सभी पहलुओं को कवर करने वाले सेंसर लगे हैं. यह सीकिंग और चेतक हेलीकॉप्टरों को संचालित करने में सक्षम है.
- इस युद्धपोत का नाम असम में बहने वाली प्रसिद्ध नदी ‘ब्रह्मपुत्र’ से लिया गया है. जहाज के शिखर पर सफेद और नीली समुद्री लहरों के ऊपर भूरे रंग की पृष्ठभूमि पर एक सींग वाले भारतीय गैंडे को दर्शाया गया है.