नए भारत के इरादे, लोकतंत्र का स्केल, PUSHP का विजन… जानिए US से PM मोदी ने दुनिया को क्या दिया संदेश?
PM Modi Speech: न्यूयॉर्क के नासाउ कोलिजियम में पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब अवसरों का इंतजार नहीं करता, बल्कि अवसर पैदा करता है.बीते 10 साल में भारत में हर सप्ताह एक यूनिवर्सिटी बनी है. हर दिन दो नए कॉलेज बने हैं. हर दिन एक नई ITI की स्थापना हुई है. 10 साल में IIIT की संख्या 9 से बढ़कर 25 हो चुकी है.अभी तक दुनिया ने भारत के डिजाइनर्स का दम देखा. अब दुनिया डिजाइन इन इंडिया का जलवा देखेगी.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि पहले भारत सबसे समान दूरी की नीति पर चला था. अब भारत सबसे समान नजदीकी की नीति पर चल रहा है.भारत ग्लोबल साउथ की बुलंद आवाज बन रहा है. भारत की पहल पर G-20 समिट में अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता मिली.आज जब भारत ग्लोबल प्लैटफॉर्म पर कुछ कहता है, तो दुनिया सुनती है.कुछ समय पहले जब मैंने कहा- This is not the era of war, तो उसकी गंभीरता सबने समझी.
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प्रधानमंत्री ने प्रवासियों के माध्यम से दुनिया को संदेश देते हुए कहा कि भारत की प्राथमिकता दुनिया में अपना दबाव बढ़ाने की नहीं, अपना प्रभाव बढ़ाने की है.हम आग की तरह जलाने वाले नहीं, हम सूरज की किरण की तरह रोशनी देने वाले लोग हैं. भारत-अमेरिका ड्रेमॉक्रसी के जश्न में एक साथ हैं. अमेरिका में चुनाव होने वाले हैं और भारत में चुनाव हो चुके हैं. एक तरफ दुनिया के कई देशों के बीच तनाव है, दूसरी तरफ कई देशों में ड्रेमॉक्रसी का जश्न चल रहा है.
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अमेरिका की कुल आबादी से भी करीब दोगुने, पूरे यूरोप की कुल आबादी से ज्यादा वोटर, इतने सारे लोगों ने भारत में अपना वोट डाला है. भारत की ड्रेमॉक्रसी का स्केल देखकर गर्व होता है. तीसरी बार हमारी सरकार की वापसी हुई है. ऐसा पिछले 60 सालों में भारत में नहीं हुआ था. तीसरे टर्म में हमें बहुत बड़े लक्ष्य साधने हैं. हमें तीन गुना ताकत और तीन गुना गति के साथ आगे बढ़ना है. हम पुष्प (PUSHP) की पांच पंखुड़ियों को मिलाकर विकसित भारत बनाएंगे. फिर पीएम मोदी ने इसका मतलब भी समझाया..
P फॉर प्रोग्रेसिव भारत
U फॉर अनस्टॉपेबर भारत
S फॉर स्प्रिचुअल भारत
H फॉर ह्युमिनिटी फर्स्ट को समर्पित भारत
P फॉर प्रॉस्परस भारत
पीएम मोदी ने कहा कि मैं भारत का पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसका जन्म आजादी के बाद हुआ है. हम देश के लिए मर नहीं पाए, लेकिन हम देश के लिए जरूर जी सकते हैं. पहले दिन से मेरा मन और मिशन क्लियर है. मैं स्वराज के लिए जीवन नहीं दे पाया, लेकिन सुराज और समृद्ध भारत के लिए जीवन समर्पित करूंगा. समंदर के किनारे से लेकर पहाड़ों तक और रेगिस्तान से लेकर बर्फीली चोटियों तक मैंने अपने देश के जीवन और चुनौनियों का फर्स्ट हैंड एक्सपीरियंस लिया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने अपनी दिशा कुछ और तय की थी, लेकिन नियति ने मुझे राजनीति में पहुंचा दिया. एक दशक में भारत 10वें नंबर से पांचवें नंबर की इकॉनमी बना. अब भारत तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बनेगा. आज भारत के लोगों में एक संकल्प है, मंजिल तक पहुंचने का इरादा है. अब भारत अवसरों का निर्माण करता है. हम आग की तरह जलाने वाले नहीं, हम सूरज की किरण की तरह रोशनी देने वाले लोग हैं. जल्द ही आप भारत में भी ओलंपिक्स के साक्षी बनेंगे. हम 2036 के ओलंपिक की मेजबानी के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.