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साइबर अटैक या कोई साजिश… इंटरनेट रुका और सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म


वाशिंगटन:

क्‍या दुनियाभर में इंटरनेट रुकावट किसी साजिश का परिणाम था? सोशल मीडिया पर इंटरनेट में आई दिक्‍कतों को लेकर अलग-अलग थ्‍योरी पेश की गई. एएफपी की खबर के मुताबिक, भारत समेत दुनियाभर में शुक्रवार को इंटरनेट यूजर्स तब परेशान दिखे, जब माइक्रोसॉफ्ट के उपयोगकर्ताओं को भारी समस्याओं का सामना करना पड़. किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर, इंटरनेट में ग्‍लोबल लेवल पर ऐसी समस्‍या क्‍यों आ रही है? ऐसे में कयासों और अफवाहों का बाजार गर्म हो गया. किसी ने इसे ‘तीसरे विश्‍व युद्ध’ की दस्‍तक, तो किसी ने साइबर अटैक बताया. ऐसी झूठी कहानियां और अफवाहें सोशल मीडिया पर छाई रहीं, हालांकि, ऐसा कुछ था नहीं.    

एयरलाइंस से बैंक तक सब जगह उथल-पुथल

साइबर सुरक्षा कंपनी ‘क्राउडस्ट्राइक’ का कहना है कि जिस मुद्दे के कारण बड़ी रुकावटें आई हैं, वह कोई साइबर हमला नहीं है. इंटरनेट में आई गड़बड़ी के कारण एयरलाइंस, बैंक, टीवी चैनल और वित्तीय संस्थान में उथल-पुथल आ गई. बता दें कि हाल के वर्षों में सबसे बड़ी घटनाओं में से एक माइक्रोसॉफ्ट विंडोज पर चलने वाले एंटीवायरस प्रोग्राम के खराब सॉफ़्टवेयर अपडेट का परिणाम था. 

ऐसी फैलीं मिसइंफॉर्मेशन 

सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर इंटरनेट में आई दिक्‍कतों को लेकर तरह-तरफ की बातें की जाने लगीं. इन गलत सूचाओं के कारण कोई दूसरी दुर्घटना न हो, इसलिए कई मीडिया प्‍लेटफॉर्मों ने ऐसी खबरों को न देना ही बेहतर समझा. इस घटना से यह भी देखने को मिला कि किसी घटना को लेकर कैसे और कितनी तेजी से मिसइंफॉर्मेशन फैलती है. अगर ऐसी सूचनाओं को रोका न जाए, तो ये एक अलग ही रूप धारण कर लेती है, जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं.   

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सोशल मीडिया पर अफवाहों की बाढ़…

इंटरनेट में आई दिक्‍कतों के बाद एक्‍स पर अपने अलग-अलग विचार बिना किसी आधार के रखने लगे, जिनका कोई लॉजिक नहीं था. एक शख्‍स ने लिखा, “दुनिया एक नापाक ताकत के हमले के अधीन थी.”  

एक्स पर एक अन्‍य यूजर ने लिखा, “मैंने एक बार कहीं पढ़ा था कि WW3 (तृतीय विश्व युद्ध) ज्यादातर एक साइबर युद्ध होगा.” इस घटना ने एक निराधार सिद्धांत को भी जन्म दिया कि विश्व आर्थिक मंच ने एक वैश्विक साइबर हमले की साजिश रची थी. इस सिद्धांत को विश्वसनीय दिखाने के लिए, कई पोस्टों में एक पुराने WEF वीडियो को जोड़ा गया, जिसमें “कोविड जैसे हालात वाले साइबर हमले” की संभावना के बारे में चेतावनी दी गई थी.

WEF की वेबसाइट पर उपलब्ध वीडियो में चेतावनी दी गई थी कि साइबर खतरे के तेजी से प्रसार को रोकने का एकमात्र तरीका लाखों कमजोर उपकरणों को एक-दूसरे और इंटरनेट से डिस्कनेक्ट करना होगा.

अमेरिका से ऑस्‍ट्रेलिया तक सब रहे परेशान

भारत समेत दुनियाभर में माइक्रोसॉफ्ट के उपयोगकर्ताओं को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इंटरनेट व्यवधान पर नजर रखने वाली वेबसाइट डाउनडिटेक्टर पर विभिन्न सेवाओं से जुड़े दुनियाभर के उपयोगकर्ताओं ने इस संबंध में सूचना दी है. अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक दुनियाभर में इंटरनेट में रुकावट होने से एयरलाइंस, बैंक, मीडिया और कार्यालयों का कामकाज प्रभावित हुआ.

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