क्या पेपर लीक का 'हब' है हजारीबाग ? NEET से पहले BPSC परीक्षा का भी पेपर हो चुका है लीक
ईओयू की जांच अब ब्लू डार्ट नामक कोरियर सेवा पर भी केंद्रित हो गई है. ब्लू डार्ट ने रांची एयरपोर्ट से पेपर को हजारीबाग स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर तक पहुंचाया था. ईओयू की टीम ने हजारीबाग की स्थानीय पुलिस के साथ ओएसिस स्कूल, हजारीबाग के प्रिंसिपल से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया है. ये वही केंद्र है, जिसका प्रश्नपत्र पटना में आधा जला हुआ मिला था.
पुलिस और ईओयू की टीम ने स्टेट बैंक हजारीबाग शाखा का भी दौरा किया और वहां बयान दर्ज किए. ईओयू की टीम ने उक्त स्कूल, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और हजारीबाग स्थित ब्लू डार्ट कोरियर सेवा कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज हासिल किए हैं. साथ ही हजारीबाग के विभिन्न चौक-चौराहों से भी सीसीटीवी फुटेज हासिल किए हैं. जहां से कोरियर बॉय गुजरा होगा.
ईओयू को संदेह है कि पेपर कोरियर द्वारा भेजे जाने के दौरान चूक हुई होगी. लेकिन यह रांची में हुआ या हजारीबाग में या फिर इस बीच कहीं और, इसकी जांच की जा रही है. ईओयू की एक इकाई इस मामले में आगे की जांच के लिए रांची भी गई है.
BPSC का पेपर भी किया था लीक
नीट पेपर लीक से पहले संजीव मुखिया का नाम बीएससी, सिपाही भर्ती समेत अन्य परीक्षाओं की पेपर लीक में भी आया था और वह जेल भी गया था. इस साल आयोजित BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर भी हजारीबाग से लीक हुआ था.
संजीव मुखिया के गांव के पंचायत के लोगों ने बताया कि पेपर लीक मामले में पिता और पुत्र का नाम आने के बाद इस पंचायत का नाम काफी बदनाम हुआ है. मुखिया के कार्यकाल के दौरान भी कई प्रकार की अनियमितता आ चुकी है.
पत्नी ने लड़ा था विधानसभा का चुनाव
ग्रामीणों ने बताया कि पैसे के बल पर संजीव मुखिया ने अपनी राजनीतिक पहचान बनाई. वह अपनी पत्नी ममता कुमारी को हरनौत विधानसभा से जेडीयू के खिलाफ लोक जनशक्ति पार्टी की टिकट पर चुनाव भी लड़वाया था. हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
पुलिस उसकी तलाश में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है. संजीव का पुत्र डॉ शिव भी प्रश्न पत्र लीक मामले में फिलहाल जेल में है. शिव शिक्षक भर्ती के प्रश्नपत्र लीक मामले का आरोपी है.
प्रश्न पत्र के लिए वसूले थे 40 -40 लाख रुपये
मामले में गिरफ्तार सिकंदर प्रसाद पहले झारखंड में ही रहता था. आशंका है कि बिहार में झारखंड से ही प्रश्न पत्र पहुंचा है. सूत्रों के मुताबिक, अब तक की जांच में पता चला है कि झारखंड के एक शहर में कुछ अभ्यर्थियों को नीट का प्रश्न पत्र देने से पहले सिकंदर के गिरोह के लोगों ने उनके अभिभावकों के साथ एक होटल में बैठक की थी. इस बैठक के दौरान, आरोपियों ने अभ्यर्थियों के अभिभावकों से पैसे की डील की थी. गिरोह के सदस्यों ने एक प्रश्न पत्र के लिए अभ्यर्थियों के अभिभावकों से 40-40 लाख रुपये तक वसूले थे. (भाषा इनपुट के साथ)
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