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ईरान के परमाणु हमले के डर से क्या घबराया गया इजरायल? नहीं जुटा पा रहा हमले की हिम्मत


नई दिल्ली:

Iran Israel Tension: ईरान ने कुछ दिन पहले ही परमाणु परीक्षण (Iran Nuclear Test) कर डाला. ऐसा कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है. पूरी दुनिया में किसी भी देश को भनक तक नहीं लगी ईरान ने परमाणु परीक्षण (Secret Nuclear Test in Iran) की तैयारी कर ली और परीक्षण कर भी डाला. हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि ईरान में भूकंप (Earthquake in Iran) आया. यह भूकंप नहीं परमाणु परीक्षण  का असर बताया गया है. कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान ने जमीन के 10-12 किलोमीटर नीचे यह परीक्षण किया जिससे धरती डोली. इस भूकंप 6 अक्तूबर को रिक्टर स्केल पर 4.6  मापा गया. सुबह करीब 3.15 बजे यह भूकंप ईरान के सेमनान प्रांत के सोरखेह स्थान पर आया था. 

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतनयाहू  (Joe Biden Talks with Benjamin Netanyahu) के बीच बुधवार की शाम करीब आधे घंटे तक विस्तार से बातचीत हुई. बताया जा रहा है कि इस बातचीत में ईरान के मुद्दे पर ही चर्चा हुई. इजरायल की (Israel revenge on Iran) ओर से कहा जा रहा है कि ईरान पर जोरदार हमले के लिए बेताब है. वह ईरान को 1 अक्तूबर के हमले का करारा जवाब देना चाहता है. लेकिन अमेरिका की ओर से इजरायल को हमले में संयम (US urges Israel to restrain) बरतने की बात समझाई जा रही है.

व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह बातचीत सीधी, ईमानदार और काम की रही.

ईरान के हमले के एक हफ्ते के बाद दोनों नेताओं के बीच यह वार्ता हुई है. प्रवक्ता का कहना है कि इजरायल ईरान के हमले का किस प्रकार से जवाब देगा इसी मुद्दे पर दोनों देशों के प्रमुख नेताओं में बातचीत हुई है. 

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प्रवक्ता (White House Spokesperson) का यह भी कहना था कि इस बातचीत में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) जो वर्तमान में अमेरिकी  राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव भी लड़ रही हैं, को भी शामिल किया गया है. गौर करने की बात है कि ईरान के हमले के बाद से इजरायल के रिएक्शन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन काफी चिंतित रहे हैं.

इजरायल के लेबनान में बिना अमेरिका को सूचना दिए किए गए हमले से भी बाइडेन नाराज थे. इस हमले की वजह से लेबनान में रह रहे अमेरिकी लोगों की जान को खतरा हो गया था.

इस वजह से दोनों देशों के प्रमुख नेताओं के रिश्तों में खटास होने की बात भी सामने आ रही थी. अब कहा जा रहा है कि इस बातचीत के बाद से दोनों के मनमुटाव को समाप्त करने की कोशिश भी की गई है. गौर करने की बात यह भी है कि बाइडेन  से  बातचीत के अलावा नेतन्याहू ने रिपब्लिकिन की ओर से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से बात की गई है. 

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बताया जा रहा है कि इजरायल की ओर से हमले के बारे डिटेल नहीं बताया गया है. इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि अमेरिका यह नहीं चाहता कि ईरान के परमाणु केंद्रों और तेल उत्पादन केंद्रों पर इजरायल किसी प्रकार से हमला करे. तेल उत्पादन केंद्रों पर हमले से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के दामों में अस्थिरता आने की संभावना है. 

अमेरिका यह भी भय है कि इजरायल का ज्यादा बड़ा हमला दोनों देशों में पूर्ण वॉर का रूप न ले लें.

इधर इन दोनों नेताओं की बातचीत के बाद  इजरायल के डिफेंस मिनिस्टर योव गैलेंट ने कहा कि इजरायल हमले का बदला लेगा जो कि खतरनाक, सटीक और सरप्राइज वाला होगा. गैलेंट का कहना है कि हम पर हमला करने वाले को कीमत चुकानी होगी. वे यह समझ ही नहीं पाएंगे, क्या हुआ, कैसे हुआ. उन्हें केवल परिणाम दिखेगा. 

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पहले कहा जा रहा था कि ईरान अपने इस हमले की योजना में ईरान के परमाणु केंद्रों को निशाना बना सकता है. लेकिन अमेरिका चाहता है कि इजरायल इस प्रकार को कोई हमला न करे.

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वहीं, इजरायल के पूर्व पीएम भी यही कह रहे हैं कि अब मौका है कि ईरान को अच्छे से सबक खिखाया जाए.

इसमें उनके परमाणु केंद्रों को तबाह करने की वकालत भी इजरायल के पूर्व पीएम कर रहे हैं. 
सवाल यह उठ रहा है कि 1 अक्तूबर के हमले का जवाब इजरायल कब देगा. क्या ईरान का परमाणु शक्ति बनने की वजह से कोई घबराहट तो नहीं है.


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