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UN में इजरायल ने हिजबुल्लाह पर ईरान की मदद से फिर से हथियार जुटाने की कोशिश करने का लगाया आरोप


नई दिल्ली:

इजरायल के संयुक्त राष्ट्र राजदूत ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को बताया कि लेबनान का हिजबुल्लाह “ईरान की मदद से ताकत हासिल करने और फिर से हथियारबंद होने की कोशिश कर रहा है”, उन्होंने घोषणा की कि आतंकवादी, इजरायल और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए “गंभीर खतरा” बने हुए हैं. 

पिछले महीने रॉयटर्स द्वारा रिपोर्ट की गई अमेरिकी खुफिया जानकारी में चेतावनी दी गई थी कि ईरान समर्थित हिजबुल्लाह संभवतः अपने भंडार और सेना का पुनर्निर्माण करने की कोशिश करेगा, जिससे अमेरिका और उसके क्षेत्रीय सहयोगियों के लिए खतरा पैदा हो सकता है. इजरायल और हिजबुल्लाह ने एक साल से अधिक समय तक चले संघर्ष के बाद अमेरिका की मध्यस्थता में 60 दिन के युद्ध विराम पर सहमति जताई है – जो 27 नवंबर से शुरू हो गया था. शर्तों के अनुसार लेबनानी सेना को दक्षिणी लेबनान में तैनात किया जाएगा, क्योंकि इजरायली सेना और हिजबुल्लाह सेना वापस लौट रहे हैं.

हालांकि, दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे पर डील को न मानने का इल्जाम लगाया है. इजरायल में संयुक्त राष्ट्र के एंबेसडर डैनी डेनन ने 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद को लिखा, “युद्ध के दौरान हिजबुल्लाह की सैन्य क्षमताएं काफी कम हो गई थीं लेकिन अब वो ईरान की सहायता से अपनी ताकत बढ़ाने और फिर से हथियारबंद होने की कोशिश कर रहे हैं.” 

डैनन ने कहा कि यह “जरूरी” है कि लेबनान सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय “सीरिया-लेबनान सीमा और हवाई और समुद्री मार्गों के माध्यम से हथियारों, गोला-बारूद और वित्तीय सहायता की तस्करी पर अंकुश लगाने” पर ध्यान दें. रॉयटर्स द्वारा देखे गए पत्र में डैनन ने लिखा है कि युद्ध विराम समझौते के बाद से, “हथियार और नकदी को हिजबुल्लाह को हस्तांतरित करने के कई प्रयास किए गए हैं.” उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह का चल रहा सैन्य निर्माण कई बार दक्षिणी लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के ठिकानों और गश्ती दल के करीब होता है. 

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