इजरायल ने गाजा पर फिर दागी मिसाइलें, सीजफायर को लेकर बातचीत पर गहराया संशय?

इजरायल ने गाजा पर फिर किया हमला
इजरायली सेना (IDF) एक बार फिर गाजा को निशाना बना रही है. IDF के अनुसार उनकी सेना ने हमास के ठिकानों पर व्यापक हमले किए हैं. इन हमलों में 20 लोगों के मारे जाने की भी खबर है. इजरायल ये हमले उस वक्त कर रहा है जब इजरायल और हमास के बीच पहले चरण का सीजफायर खत्म हो चुका है और दूसरे चरण के लिए बातचीत पर कब तक सहमति बनेगी, इसे लेकर दोनों पक्ष संशय में हैं. गाजा पर हमास के ठिकानों पर किए गए हमलों को लेकर IDF ने अभी तक ज्यादा कुछ नहीं बताया है.

चश्मदीदों के अनुसार मध्य गाजा के देर अल-बलाह में तीन घरों, गाजा शहर में एक इमारत और खान यूनिस और राफा में ठिकानों पर हमला किया गया. जनवरी में शुरू हुए तीन-चरणीय युद्धविराम को कैसे बनाए रखा जाए, इस पर इजरायल और हमास के बीच असहमति के बीच हिंसा बढ़ रही है. पिछले दो हफ्तों में हुई बातचीत में अमेरिका समर्थित अरब मध्यस्थ दोनों युद्धरत पक्षों के बीच मतभेदों को सुलझाने में सफल नहीं हो पाए हैं.
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले खबर आई थी कि इज़रायल सीज़फ़ायर के दूसरे चरण में जाने की बजाय पहले चरण के एक्सटेंशन पर अड़ा है. वो इसलिए क्योंकि दूसरे चरण के सीज़फ़ायर में इज़रायल डिफेंस फोर्स को ग़ाज़ा से पूरी तरह से निकलना होगा, लेकिन इज़रायल ऐसा नहीं चाहता. वे ऐसा क्यों नहीं चाहता इस बाबत जब हमने इज़रायल के एक उच्च पदस्थ सूत्र से बात की तो उन्होंने सीधे शब्दों में जवाब दिया था कि जब तक हमास ग़ाज़ा नहीं छोड़ता, इज़रायल की सेना पूरी तरह से ग़ाज़ा नहीं छोड़ सकती. अगर इज़रायल दूसरे फ़ेज के सीज़फ़ायर में जाता है तो जनवरी में तय फ्रेमवर्क के मुताबिक़ IDF को पूरी तरह से ग़ाज़ा छोड़ना होगा और IDF ऐसा करती है तो इस बात का पूरा ख़तरा है कि हमास अपने आपको फिर से संगठित कर लेगा और इज़रायल पर फिर हमले करेगा.
पहले चरण के सीज़फ़ायर का ही विस्तार चाहता है इज़रायल
इज़रायल के उच्च पदस्थ सूत्र का कहना था कि इसलिए हमास को ग़ाज़ा छोड़ना होगा, तभी इज़रायल दूसरे चरण के सीज़फ़ायर के लिए आगे बढ़ेगा. इसलिए दूसरे चरण के सीज़फ़ायर की बजाय इज़रायल पहले चरण के सीज़फ़ायर का विस्तार चाहता है. ये पूछे जाने पर कि हमास के ग़ाज़ा छोड़ने का मतलब क्या है? क्या हमास के लड़ाके ग़ाज़ा से निकलकर कहीं और चलें जाएं या फिर इसका मतलब ये है कि हमास ग़ाज़ा पर रूल करने की, उस पर पूर्ण नियंत्रण की अपनी मंशा छोड़ दें?