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मिडिल ईस्ट में कितना अहम रोल… कैसे भारत पर निर्भर हैं देश? इजरायल के राजदूत ने बताया


नई दिल्ली:

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) की जंग की आग मिडिल ईस्ट (Middle East) में फैल गई है. इस जंग में लेबनान का मिलिशिया ग्रुप हिज्बुल्लाह भी हमास के पक्ष में इजरायल पर हमले कर रहा है. हमास और हिज्बुल्लाह दोनों को ईरान सपोर्ट करता है. ईरान और इजरायल की दुश्मनी जगजाहिर है. लिहाजा उसने भी इजरायल पर हमले करने शुरू कर दिए हैं. इजरायल भी इन हमलों का जवाब दे रहा है. इस बीच भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार (Reuven Azar) ने समझाया है कि मिडिल ईस्ट में मौजूदा समय में भारत की भूमिका कितनी अहम है? 

इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित The Hindkeshariके वर्ल्ड समिट में कहा, “भारत दुनिया के इस क्षेत्र में काफी कुछ सहयोग कर सकता है. भारत तेजी से उभरती हुई शक्ति है. अगले साल जब भारत की ग्रोथ 7% की रेट से होगी, तो उसकी इकोनॉमी 260 बिलियन डॉलर हो जाएगी. हमारे इजरायल की इकोनॉमी 600 बिलियन डॉलर है. ऐसे में भारत को दुनिया के बहुत योगदान देना है.”

अजार कहते हैं, “भारत दुनिया के लिए एक पावर हाउस, एक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने जा रहा है. इसे दुनिया से जुड़ने की जरूरत है. जिस तरह से भार UAE के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है, उससे काफी कुछ सीखा जा सकता है.”

इजरायली राजदूत ने कहा, “भारत हमारे रीजन में एक अभूतपूर्व भूमिका निभा सकता है. यह सिर्फ व्यापारिक क्षेत्र को लेकर नहीं है, बल्कि मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को लेकर भी है. हम भारत की अच्छी साख पर निर्भर हैं, उसके निवेश पर निर्भर हैं. भारत और इजरायल का आपसी सहयोग हर साल ऐसे ही बढ़ता जाएगा.”

ईरान को जवाब देना हमारा हक और जिम्मेदारी 
अजार ने कहा, “इजरायल क्षेत्र में शांति और स्थिरता का इच्छुक है, लेकिन ऐसी स्थिति नहीं हो सकती; जहां ईरान जब चाहे हमला करने के लिए स्वतंत्र हो. ईरान ने 1 अक्टूबर को कम से कम 180 मिसाइलें दागीं. इसके बाद जवाबी कार्रवाई करना इजरायल का अधिकार है और कर्तव्य भी.” 

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अजार ने यह भी कहा कि एक उभरती हुई शक्ति के रूप में भारत को मिडिल ईस्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. अगर ऐसा हुआ, तो उसका महत्व हर साल बढ़ता ही जाएगा.

क्या US इलेक्शन के पहले ईरान पर अटैक करेगा इजरायल?
इंटरनेशनल मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि इजरायल अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने से पहले ईरान के हमलों का जवाब दे सकता है. इससे जुड़े सवाल के जवाब में इजरायली राजदूत ने कहा, “अमेरिकी चुनाव कोई फैक्टर नहीं है. फैक्टर ये है कि हमले के बाद जवाबी कार्रवाई करना न सिर्फ हमारा हक है, बल्कि ये हमारा कर्तव्य भी है. ईरान जैसा देश बिना किसी नतीजे के क्षेत्र के किसी भी देश को धमकी देने में सक्षम हो… यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है.”

क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देना चाहता है इजरायल
रूवेन अजार ने कहा कि इजरायल क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देना चाहता है. वह जॉर्डन और मिस्र के साथ अपने शांति समझौते, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मोरक्को और सूडान के साथ अब्राहम समझौते और सऊदी अरब में ऐसा कर रहा है. लेकिन इजरायल को यह मंजूर नहीं.

हम मिडिल ईस्ट को ईरानी खतरे से बचाने में सक्षम
उन्होंने कहा, “ईरान के हमले के बाद हमने साबित कर दिया है कि हम मिडिल ईस्ट के आसमान को ईरानी खतरे से बचाने में सक्षम हैं, लेकिन हम ऐसी स्थिति में नहीं रह सकते हैं; जिसमें ईरानी किसी भी पॉइंट पर हम पर हमला करने के लिए स्वतंत्र महसूस करें.”

हमास के मिसाइल अटैक रहे बेअसर
कई रिपोर्ट में ऐसे दावे किए गए हैं कि याह्या सिनवार जैसे नेताओं की मौत के बाद भी हमास फिर से संगठित हो गया है. हालांकि, अजार इससे इत्तेफाक नहीं रखते. उन्होंने कहा कि पहले के मुकाबले अभी की स्थिति बहुत अलग है.

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अजार ने कहा, “हम गाजा पट्टी में बहुत कुछ हासिल कर चुके हैं. हमने हमास की आतंकवादी सेना को इस तरह हरा दिया है कि वे इजरायल के लिए मिसाइल खतरा पैदा नहीं कर सकते हैं. हमने उनके मिसाइल फैक्ट्रियों को तबाह कर दिया है. हमने बीच की सीमा को सील कर दिया है. इसलिए हमास के लड़ाकों को फिर से हथियारबंद करना बहुत मुश्किल होगा.”

अभी आजाद नहीं कराए जा सके सभी बंधक
समिट में इजरायली राजदूत ने माना कि अभी तक गाजा में बंधक बनाए गए सभी लोगों को छुड़ाया नहीं जा सका है. 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने रॉकेट हमलों के बाद इजरायल में घुसपैठ की थी. हमास के लड़ाकों ने 1200 लोगों की हत्या की. जबकि 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे. अब तक 150 बंधक आजाद किए जा सके हैं.

इजरायली राजदूत ने कहा, “गाजा में हम बंधकों को मदद पहुंचाने के रास्तों के बारे में सोच रहे हैं.” अजार ने दावा किया कि हमास और हिज्बुल्लाह के साथ संघर्ष में बैलेंस इजरायल के पक्ष में बदल रहा है.
 


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