Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश

इसरो इतिहास रचने के बेहद करीब, 3 मीटर ट्रायल सफल, स्पैडेक्स मिशन के बड़े अपडेट्स

नई दिल्‍ली:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष में चमत्कार करने जा रहा है. इसरो स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ (स्पैडेक्स) मिशन को पूरा करने के बेहद करीब पहुंच गया है. ये ऐतिहासिक पल है, इसरो रविवार को दोनों स्‍पैडेक्‍स सेलेटाइल ‘स्पैडेक्स01’ और ‘स्पैडेक्स02’ को एक दूसरे के लगभग 3 मीटर करीब ले आया. इसरो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, अंतरिक्षयानों को सुरक्षित दूरी पर ले जाया गया है और डॉकिंग प्रक्रिया डेटा एनालिसिस के बाद की जाएगी. इसरो ने मिशन से जुड़ी तस्‍वीरें भी शेयर की हैं.

  1. इसरो अंतरिक्ष के इतिहास रचने से सिर्फ चंद मीटर की दूरी पर है. स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट मिशन में इस समय दो उपग्रह, SDX01 (चेज़र) और SDX02 (टारगेट), अच्छी स्थिति में हैं. इनके बीच की दूरी मात्र 3 मीटर है. इन्‍हें और करीब लाया जाएगा. 
  2. स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट मिशन 30 दिसंबर को लॉन्च किया गया था. इस मिशन का उद्देश्य छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग करने में सफलता हासिल करना है. इसरो इस मिशन को जल्‍द ही पूरा करने की ओर बढ़ रहा है. 220 किलोग्राम के दो उपग्रहों को ले जाने वाले पीएसएलवी सी60 रॉकेट ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी और अंतरिक्ष यान को 475 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित किया गया. 
  3. इसरो के इस मिशन में सफलता हासिल करते ही, भारत उन जटिल प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल करने वाला चौथा देश होगा, जो उसके भविष्य के मिशनों के लिए महत्वपूर्ण हैं. भारत से पहले इस अभियान को रूस, चीन और अमेरिका हासिल कर चुके हैं.  
  4. स्पेस डॉकिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दो अंतरिक्ष यान एक-दूसरे से जुड़ते हैं. यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें दोनों यानों को एक ही कक्षा में लाना, उनकी गति और दिशा को सिंक्रनाइज़ करना और फिर उन्हें बहुत ही सटीकता से एक-दूसरे के करीब लाना शामिल है. 
  5. स्पैडेक्स परियोजना पहले ही 7 और 9 जनवरी को ‘डॉकिंग’ प्रयोगों के लिए घोषित दो समय सीमा को चूक गई है. इसरो ने 30 दिसंबर को स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) मिशन को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा था.
  6. इसरो का ये मिशन क्‍या इतना महत्‍वपूर्ण है… दरअसल, यह प्रौद्योगिकी भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं जैसे चंद्रमा पर भारतीय मिशन, चंद्रमा से नमूने वापस लाना, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) का निर्माण और संचालन आदि के लिए आवश्यक है. इस मिशन के जरिए से, भारत अंतरिक्ष डॉकिंग प्रौद्योगिकी रखने वाला दुनिया का चौथा देश बनने की ओर अग्रसर है.
  7. स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट तकनीक अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जाती है और इससे भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.
यह भी पढ़ें :-  चारधाम यात्रा को लेकर CM पुष्कर सिंह धामी ने तैयारियों का लिया जायजा, अधिकारियों को दिए कई निर्देश

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button