यह जिद है या जज्बा है, ट्रंप को घर में पलटकर जवाब देते जेलेंस्की की यह क्या अदा है?

वाशिंगटन:
ऐसा इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ. दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान को उसके ऑफिस में आकर कोई खरी-खोटी सुनाकर चला जाए. अमेरिका का व्हाइट हाउस कई लम्हों का गवाह बना, लेकिन शुक्रवार की रात जो कुछ हुआ वह दुनिया के इतिहास में कुछ अलग फॉन्ट में दर्ज हो गया. व्हाइट हाउस में ‘तू-तू, मैं-मैं’ पूरी दुनिया ने देखी. अमेरिका इसे घर में आए मेहमान जेलेंस्की की बदमिजाजी और जिद्दीपन बता रहा है, लेकिन जेलेंस्की के तेवरों पर उसके दोस्त और चाहने वाले फिदा हैं. अपने नायब जेडी वेन्स के साथ बरसते ट्रंप और ‘अभी पूरी तरह से टूटा नहीं हूं’ के तेवरों के साथ पलटकर जवाब देते जेलेंस्की. आखिर जेलेंस्की के दिल का ज्वालामुखी क्यों फटा? क्या ट्रंप इसके जिम्मेदार खुद हैं? इसकी कई वजहें.
ट्रंप ने समझौते से दूर रखा
रूस और अमेरिका के बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर पिछले दिनों सऊदी अरब में एक हाई लेवल मीटिंग हुई थी. इस बैठक में यूक्रेन पर विस्तार से चर्चा हुई. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव इस बैठक में शामिल हुए थे. लेकिन हैरानी करने वाली ये रही कि इस बैठक में यूक्रेन की ओर से किसी को शामिल नहीं किया गया था. जेलेंस्की ने इस पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि यूक्रेन के भविष्य का फैसला ऐसे नहीं हो सकता है. इस बात से भी जेलेंस्की काफी खफा थे, जिसकी भड़ास उन्होंने ट्रंप के साथ हुई बैठक में निकाल दी.
लगातार रूस के पक्ष लेते ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप अपनी दूसरी पारी में एकदम बदले-बदले नजर आ रहे हैं. वह शुरुआत से ही युद्ध रोकने और रूस का पक्ष लेते नजर आ रहे हैं. सऊदी अरब में हुई बैठक के बाद ट्रंप ने कहा था कि पुतिन भी युद्ध के पक्ष में नहीं हैं. वह भी शांति चाहते हैं और समझौते के लिए तैयार हैं. इस दौरान उन्होंने जेलेंस्की को ‘तानाशाह’ तक कह दिया. जेलेंस्की से बातचीत के दौरान भी ट्रंप लगातार रूस का पक्ष लेते हुए नजर आए. जेलेंस्की ने जब रूस के राष्ट्रपति पुतिन को हत्यारा कहा तो ट्रंप ने जेलेंस्की को फटकार लगा दी. ट्रंप ने कहा, ‘आपको शुक्रगुजार होना चाहिए कि युद्ध को समाप्त करवाया जा रहा है. हम जो महसूस कर रहे हैं, उसे डिक्टेट करने की आप स्थिति में नहीं हैं. आपने हाथ में अब कुछ (कार्ड्स) नहीं बचा है. आप लाखों लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं. आप तीसरे विश्व युद्ध से खेल रहे हैं. आप जो कुछ कर रहे हैं, वह इस देश के लिए बहुत असम्मानजनक है.’ अमेरिका का रूस के खिलाफ ये बदला नजरिया भी जेलेंस्की को रास नहीं आ रहा है.

अपने मिनिरल्स सौंपने का दर्द
यूक्रेन खनिजों के मामले में एक समृद्ध देश है. यहां कई प्रकार के खनिज पाए जाते हैं. यूक्रेन में टाइटेनियम, यूरेनियम, मैंगनीज और नेचुरल गैस जैसे कुछ प्रमुख खनिज हैं. रूसी सेना ने पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया है. इन क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में मिनिरल्स मौजूद हैं. अब अगर युद्ध विराम हो जाता है और समझौता होता है, तो यूक्रेन को अपने खनिज क्षेत्र का बड़ा हिस्सा रूस को सौंपना होगा. बीते 3 साल से रूस का जंग लड़ने का मकसद यही मिनिरल्स हैं. जेलेंस्की को अपने इन मिनिरल्स को सौंपने का दर्द भी है, जो ट्रंप के साथ बातचीत में ज्वालामुखी के रूप में फटा है.
जिद पर कायम जेलेंस्की
जेलेंस्की ने इस पूरे ड्रामे के लिए ट्रंप से माफी मांगने से इनकार किया है. फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उन्होंने कुछ गलत किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस जरूर है कि यह पूरी दुनिया के मीडिया के सामने हुआ.
वाइट हाउस से निकाले गए जेलेंस्की!
ट्रंप और जेलेंस्की के रिश्तों में कड़वाहट किस हद तक घुल गई है, उससे दोनों का एक मेज पर बैठना मुमकिन नहीं है. शुक्रवार की रात व्हाइट हाउस में माहौल कितना तनावपूर्ण था, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि जेलेंस्की को वहां से समय से पहले ही निकलने का कह दिया गया. जेलेंस्की जिस मिनिरल्स डील के लिए आए थे, उस पर भी हस्ताक्षर नहीं किए गए. अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, जेलेंस्की को ट्रंप के वरिष्ठ अधिकारियों ने व्हाइट हाउस से निकल जाने के लिए कहा था.