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इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च 25% तक बढ़ाना जरूरी, मिडिल क्लास पर कम हो टैक्स का बोझ : बजट को लेकर CII अध्यक्ष संजीव पुरी


नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को सदन में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-2024 पेश किया. इसके जरिए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक प्रदर्शन का विस्तार से विश्लेषण दिया गया. इसमें कहा गया है कि अर्थव्यवस्था का विस्तार जारी है. वित्त वर्ष 2024 में वास्तविक रूप से जीडीपी 8.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. साथ ही वित्त मंत्री ने मंगलवार को पेश होने वाले बजट को लेकर भी कई संकेत दिए. इसी मुद्दे को लेकर The Hindkeshariने सीआईआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आईटीसी चेयरमैन संजीव पुरी से बात की.

संजीव पुरी ने कहा कि पिछले साल जब पुरी दुनिया तकलीफ में थी, तब भी हमारी जीडीपी ने अच्छा प्रदर्शन किया था. भारत की इकॉनमी अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है. CII का मानना है कि मौजूद वित्तीय साल में आर्थिक विकास दर 8% रहेगी.

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को बजट में मिडिल क्लास के लिए पर्सनल इनकम टैक्स रेट में रिलीफ देना चाहिए. हमने अर्थव्यवस्था में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री को सुझाव दिया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च 25% तक बढ़ाना जरूरी होगा.

आईटीसी चेयरमैन ने कहा कि हमने वित्त मंत्री से मांग की है कि 20 लाख से कम आय वाले मिडिल क्लास के लोगों पर टैक्स का बोझ कम करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि बजट में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम की तर्ज पर एक Employment Linked Incentive (ELI) Scheme का प्रावधान  होना चाहिए.

रोजगार के मोर्चे पर आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि भारत को गैर-कृषि क्षेत्र में 2030 तक सालाना औसतन 78.5 लाख नौकरियां पैदा करने की जरूरत होगी. CII को उम्मीद है कि वित्त मंत्री बजट 2024-25 में अर्थव्यवस्था में रोजगार बढ़ाने के लिए नए प्रस्ताव शामिल करेंगी.

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आर्थिक सुधार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के संकेत- संजीव पुरी
उद्योग जगत का मानना है कि आर्थिक सर्वे में आर्थिक सुधार की प्रक्रिया को सरकार आगे बढ़ाएगी इसके संकेत हैं. The Hindkeshariको दिए इंटरव्यू में संजीव पुरी ने कहा, “जी. नेक्स्ट जनरेशन के आर्थिक सुधार की बात कही गई है. सीआईआई ने अपने बजट-पूर्व ज्ञापन में वित्त मंत्री से भूमि, श्रम, बिजली और कृषि क्षेत्रों सहित प्रस्तावित सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच आम सहमति बनाने के लिए एक संस्थागत मंच बनाने का आग्रह किया है.”

लोकसभा में बजट पेश करने से ठीक एक दिन पहले आर्थिक सर्वे 2023-24 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि साल 2024-25 के दौरान अर्थव्यवस्था की आर्थिक विकास दर 6.5%-7% रहने की उम्मीद है. उद्योग जगत CII के मुताबिक बजट से ठीक पहले पेश आर्थिक सर्वे में आर्थिक सुधार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के अहम संकेत हैं. उसके मुताबिक इकनोमिक सर्वे 2023-24 में अगले पांच साल के दौरान Modi 3.0 सरकार की अर्थ नीति क्या होगी, इसके अहम संकेत हैं.

आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में जारी अनिश्चितता के बावजूद भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा.

जीडीपी वृद्धि 6.5%-7% रहने के अनुमान- मुख्य आर्थिक सलाहकार
मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. ए अनंत नागेश्वरन ने आर्थिक सर्वे में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ़्तार के आकलन पर कहा, “हमारा अनुमान है कि जीडीपी वृद्धि 6.5%-7% रहेगी. हमें आर्थिक विकास दर के पूर्वानुमान को लेकर सतर्क और विवेकपूर्ण रहना होगा. भारत वित्त वर्ष 2025 में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा. हम भारत के विकास पूर्वानुमान को लेकर उत्साहित हैं, लेकिन वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों को देखते हुए सतर्क भी हैं.

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सर्वेक्षण में चेतावनी दी गई है कि 2024 में अगर Geopolitical Conflicts बढ़ते हैं, तो इसकी वजह से Commodities महंगी हो सकती हैं और महंगाई के मोर्चे पर चुनौती बड़ी हो सकती है. कृषि क्षेत्र का परफॉरमेंस बेहतर रहने की उम्मीद है, लेकिन 31% रेनफॉल डेफिशियेंसी को लेकर चिंता भी जताई गयी है.

सर्वे में भारत को एक विकसित देश बनाने का एक रोडमैप शामिल है. आर्थिक सर्वे में इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से लेकर कंस्ट्रक्शन, कृषि जैसे क्षेत्रों में आधारभूत सुधार की वकालत की गयी है.


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