दुनिया

चीनी AI DeepSeek पर दुनिया चौकन्नी, गोलमोल जवाबों पर इटली ने भी किया ब्लॉक, बैठाई जांच










चीन के AI टूल Deepseek से अलर्ट हुई दुनिया

चीन की AI टूल DeepSeek का लोगों ने अभी ठीक से इस्तेमाल करना शुरू भी नहीं किया था कि इसे कई देशों ने बैन करना भी शुरू कर दिया. कहा जा रहा है कि इसके इस्तेमाल से प्राइवेसी का खतरा है. अमेरिका से लेकर भारत तक ये एक बड़ी चिंता की तरह है कि क्या इसके इस्तेमाल से हमारा डेटा या यूं कहें कि हमसे जुड़ी तमाम जानकारियां सुरक्षि हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई हमसे जुड़ी जानकारी चुरान की कोशिश करने की फिराक में है. चीन के इस AI टूल को इटली और आयरलैंड ने भी बैन कर दिया है. यानी अब इन देशों में एपल ऐप स्टोर या गूगल प्ले के माध्यम से इसे डाउनलोड नहीं किया जा सकता है. 

इटली ने इस AI टूल को बैन करने के बाद एक बयान भी जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि हमनें तत्काल प्रभाव से डीपसीक चैटबॉट सेवा प्रदान करने वाली चीनी कंपनियों हांग्जो डीपसीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बीजिंग डीपसीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा इतालवी उपयोगकर्ताओं के डेटा के प्रोसेसिंग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. इटली की रेगुलेटरी बॉडी ने कहा कि डीपसीक के एआई सिस्टम को प्रशिक्षित करने के लिए किस प्रकार की जानकारी का उपयोग किया गया था और, यदि डेटा इंटरनेट से निकाला गया था, तो यह स्पष्ट करने के लिए कि सेवा के उपयोगकर्ताओं को उनके डेटा के प्रोसेसिंग के बारे में कैसे सूचित किया जाता है. हमें अपने सवालों को कोई सटीक जवाब नहीं मिला है. हम चाहते हैं डीपसीक इसपर अपना जवाब दे. हम फिलहाल डीपसीक को लेकर एक जांच के आदेश भी दे रहे है. 

Latest and Breaking News on NDTV

आखिर क्यों इतना डरा रहा है ये Deepseek

आपको बता दें कि चीन का Deepseek टूल लेटेस्ट तकनीक पर आधारित तो है लेकिन इसके इस्तेमाल को लेकर अभी से ही तरह तरह की धारणाएं बन चुकी हैं. ज्यादातर लोग इसे एक ट्रैप की तरह देख रहे हैं. लोगों का मानना है कि चीन Deepseek की मदद से आपके फोन, लैपटॉप और कंप्यूर में प्रवेश कर आपकी निजी जानकारियों को चुराया जा सकता है. Deepseek  के मार्केट में आने से पहले किसी एआई टूल को बनाने को लेकर भी कई तरह की धारणाएं थीं. उनमें से एक बड़ी चर्चित धारणा ये थी कि ऐसे एआई टूल को तैयार करने के लिए काफी मोटा पैसा लगता था. लेकिन चीन ने काफी सस्ते में Deepseek बनाकर ये साबित कर दिया कि कम कीमत में भी ऐसे एप तैयार किए जा सकते हैं. लेकिन ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या इतनी कम कीमत में बना ये टूल आपकी प्राइवेसी का उतना ही ध्यान रख पाएगा जितना की दूसरे टूल अभी तक रख रहे थे. 

यह भी पढ़ें :-  चीन का भोंपू निकला DeepSeek? जब The Hindkeshariने किया लाइव रियलिटी टेस्ट, VIDEO में देखिए

Latest and Breaking News on NDTV

डेटा कलेक्शन को लेकर अपनी है Deepseek की पॉलिसी

बताया जा रहा है कि डेटा कलेक्शन को लेकर Deepseek की खुदकी अपनी प्राइवेसी पॉलिसी है. Deepseek ने इस पॉलिसी का जिक्र अपने प्लेटफॉर्म पर भी किया है. जिसमें उसने बताया है कि वह क्या-क्या इंफोर्मेशन कलेक्ट करता है. बताया गया है कि ये टूल तीन तरह से जानकारी जुटाता है. इसमें एक इंफॉर्मेशन यूजर्स को दी जाती है जबकि दूसरी वह खुद ऑटोमैटिक कलेक्शन करता है जबकि तीसरे तरीके में वह अन्य सोर्स से डेटा कलेक्ट करता है. जब उपभोगकर्ता इसपर अपना अकाउंट क्रिएट करते हैं तब यूजर्स अपनी कुछ इंफॉर्मेशन इसमें एंटर करते हैं. इसमें यूर्जस का नाम, ईमेल एड्रेस और टेलीफोन नंबर जैसी जानकारियां शामिल होती हैं. वहीं ऑटोमैटिक कलेक्ट इंफॉर्मेशन में वो डिवाइस की इंफॉर्मेशन और नेटवर्क कनेक्शन की इंफॉर्मेशन लेता है.



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button