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'जेल की दीवारें मुझे कमजोर नहीं कर सकतीं' : तिहाड़ से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने भरी हुंकार


नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) 177 दिन बाद शुक्रवार को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) से बाहर आ गए. आज ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उन्हें दिल्ली शराब नीति मामले (Delhi Liqour Policy Case) से जुड़े CBI केस में भी जमानत मिल गई. अदालत ने जमानत के लिए वही शर्तें लगाई हैं, जो ED केस में बेल देते वक्त लगाई गई थीं. जेल से बाहर आते ही केजरीवाल ने हुंकार भरी है. केजरीवाल ने कहा, “मैं सही था, इसलिए भगवान ने मेरा साथ दिया. जेल की दीवारें मुझे कमजोर नहीं कर सकतीं. जेल से बाहर आकर मेरी ताकत 100 गुना बढ़ गई है.”

दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 2 जांच एजेंसी (ED और CBI) ने केस दर्ज किया है. ED मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिली थी. आज CBI के केस में भी जमानत मिल गई है. AAP ने इस फैसले को सत्य की जीत बताया है.

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AAP कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, “सबसे पहले मैं भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिनकी वजह से मैं बाहर आया हूं. उन सभी का शुक्रिया जिन्होंने मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा में प्रार्थना की. मेरे खून का एक-एक कतरा देश के लिए समर्पित है.” 

केजरीवाल ने कहा, “मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जैसे ऊपरवाले ने अभी तक मुझे ताकत दी, ऐसे ही भगवान मुझे रास्ता दिखाता रहे. मैं देश की सेवा करता रहूं. जितनी राष्ट्रविरोधी ताकतें हैं, जो देश को बांटने और कमजोर करने का काम कर रही हैं, मैं जिंदगी भर उनके खिलाफ लड़ता रहूं.” उन्होंने कहा, “लाखों लोगों ने मेरे लिए दुआ की थी. उन लोगों की दुआओं की वजह से आज बाहर आया हूं. जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले के कमजोर नहीं कर सकतीं.”

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जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट के जजों ने क्या कहा?
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “अगर कोई व्यक्ति पहले से हिरासत में है. जांच के सिलसिले में उसे दोबारा अरेस्ट करना गलत नहीं है. CBI ने बताया है कि उनकी जांच क्यों जरूरी थी.” जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी अवैध नहीं है. CBI ने नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है. उन्हें जांच की जरूरत थी. इसलिए इस केस में अरेस्टिंग हुई.”

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जबकि जस्टिस उज्जवल भुइयां ने कहा, “CBI की गिरफ्तारी जवाब से ज्यादा सवाल खड़े करती है. जैसे ही ED केस में उन्हें जमानत मिलती है. CBI एक्टिव हो जाती है. ऐसे में अरेस्टिंग के समय पर सवाल खड़े होते हैं.” उन्होंने कहा, “CBI को निष्पक्ष दिखना चाहिए. ताकि गिरफ्तारी में मनमानी न हो. जांच एजेंसी को पिंजरे में बंद तोते की धारणा को दूर करना चाहिए.

केजरीवाल को किन शर्तों पर मिली जमानत?
-अरविंद केजरीवाल CM ऑफिस नहीं जा सकेंगे.
-किसी भी सरकारी फाइल पर साइन नहीं करेंगे.
-वो दिल्ली शराब नीति केस से जुड़ा कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे.
-उन्हें 10-10 लाख रुपये का बॉन्ड भरना होगा.
-वो जांच में बाधा नहीं डालेंगे या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे.
-जांच में सहयोग करते रहेंगे और जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे.

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कब गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल?
केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार गिरफ्तार किया. 10 दिन की पूछताछ के बाद उन्हें 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया. सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए उन्हें 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी. 2 जून को उन्हें सरेंडर करना पड़ा था. फिर 12 जुलाई को उन्हें ED केस में जमानत मिल गई. लेकिन फिर CBI ने उन्हें अरेस्ट कर लिया था. ऐसे में पूरे 177 दिन बाद केजरीवाल रिहा हुए हैं. केजरीवाल के रिहा होते ही तिहाड़ जेल के बाहर AAP कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजियां की.

शराब नीति केस में अब तक और किन लोगों को मिली जमानत?
इस केस में AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें 177 दिन बाद 2 अप्रैल 2024 को जमानत मिली. मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को अरेस्ट किया गया था. उन्हें 9 अगस्त 2024 को जमानत मिली. केसीआर की बेटी के कविता को 15 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें 27 अगस्त 2024 को जमानत मिली.

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