देश

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: कश्मीर चुनाव में आखिरी वक्त में गुलाम नबी आजाद की एंट्री के क्या मायने?


नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर अब तैयारियां आखिरी चरण में हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दल जनता को लुभाने में लग गई हैं. दिल्ली से लेकर श्रीनगर तक इस चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं. इन सब के बीच एक बड़ी खबर निकलकर ये सामने आ रही है कि डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद इस चुनाव में अब अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे. हालांकि, पहले खबर आ रही थी कि स्वास्थ कारणों की वजह से वह इस चुनाव से दूर ही रहेंगे. 

खबर आ रही है कि पूर्व कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद अपनी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी  (DPAP) के लिए इस हफ़्ते लगातार नौ सभाएं संबोधित करने जा रहे हैं. इसे लेकर कश्मीर के सियासी गलियारों में हलचल शुरू हो गई है. ऐसा इसीलिए क्योंकि पहले ख़ुद आज़ाद कह चुके थे कि खराब स्वास्थ की वजह से वो इस बार चुनावों में अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं कर पायेंगे.अगले एक हफ़्ते में 24 असेंबली सेग्मेंट्स में पहले चरण की वोटिंग होनी है, इसमें ज़्यादातर इलाक़े साउथ कश्मीर के हैं. आज़ाद भी अनंतनाग डोरू डोडा और देवसार में प्रचार करने वाले हैं. ये वो इलाक़े हैं जहां पहले चरण में वोटिंग होनी है. DPAP अभी तक 23 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर चुकी है जिसमें गंदरबल भी है. 

बीजेपी से आज़ाद की नज़दीकियां जग ज़ाहिर हैं

आज़ाद का राज्य सभा का कार्यकाल 2021 में ख़त्म हो गया था लेकिन अभी भी वो दिल्ली में सरकारी बंगले में रहते हैं. जम्मू कश्मीर के नेताओं का कहना है कि उन्हें अपने बंगले से बहुत प्यार है. उनकी बीजेपी से नजदीकियों का ही नतीजा है कि सभी नेताओं को बंगला छोड़ने का नोटिस मिल जाता है लेकिन आज़ाद साहब अभी तक नहीं मिला.

यह भी पढ़ें :-  महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा लड़ेंगी चुनाव? जानें किसे कहा-"कोई एहसान नहीं किया"

केंद्र ने आज़ाद को बनाया था वन नेशन वन इलेक्शन की कमेटी का सदस्य 

सब तब  हैरान हो गये थे जब केंद्र ने आजाद को एक राष्ट्र और एक चुनाव की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए राष्ट्रपति कोविंद के नेतृत्व वाले पैनल का हिस्सा बनाए गए थे. जम्मू कश्मीर की सियासत पर नज़र रखने वाले एक्सपर्ट्स कहते हैं बीजेपी उन्हें एक्कोमॉडेट कर रही थी. एक राजनीतिक विशेषज्ञ ने बताया कि आजात को अभी भी किसी बड़े असाइनमेंट की उम्मीद है.

Latest and Breaking News on NDTV

कॉन्फ़्रेंस अब उनसे दूरी बना चुकी है 

DPAP पार्टी सितंबर 2022 में बनी थी तब कई कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद के साथ चले गये थे. लेकिन पिछले एक साल में ज़्यादातर लोग कांग्रेस में वापिस आ चुके हैं. कांग्रेस के जम्मू कश्मीर पार्टी चीफ तारिक हामिद कारा का कहना है कि मैंने ऑन रिकॉर्ड कहा है कि जहां तक ​​डीपीएपी का सवाल है, यह अब बंद हो चुका मामला है. वे जो कुछ भी कर रहे थे वह पार्टी में टूट पैदा करने के लिए था, जिसमें वे विफल रहे. इसलिए मुझे नहीं लगता कि अब उनका कोई भविष्य है. 

ग़ुलाम नबी आज़ाद कभी नहीं रहे ग्रास रूट वर्कर 

जम्मू कश्मीर में आजाद बेशक कभी मुख्यमंत्री रहे हों लेकिन  उनको कभी ग्राउंड सपोर्ट नहीं मिली है. वैसे तो  वो जम्मू कश्मीर से सिर्फ़ एक बार चुनाव लड़े हैं, वो भी तब जब वो सिटिंग मुख्यमंत्री थे. इसके अलावा उन्होंने कभी जम्मू कश्मीर से चुनाव नहीं लड़ा. एक कांग्रेस वर्कर ने बताया कि माना जा रहा है की आज़ाद को इसलिए चुनावी रण में उतारा जा रहा है ताकि वो कांग्रेस के वोट काट सकें, लेकिन ऐसा होगा नहीं क्योंकि अब  को असलियत सब जानते हैं. 

यह भी पढ़ें :-  रतन टाटा आखिरी समय तक रहे अकेले, खुद बताई थी अपनी प्रेम कहानी...यहां जानिए उनकी लव स्टोरी

Latest and Breaking News on NDTV

ग़ुलाम नबी आज़ाद थे इंदिरा गांधी  के नज़दीकी 

गुलाब नबी आजाद बतौर स्टूडेंट लीडर 1970 के दशक में वो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नज़दीकी माने जाते थे.फिर वो संजय गांधी की टीम का हिस्सा भी बने रहे. 

आज़ाद हमेशा रहे कांग्रेस की किटी कैबिनेट का हिस्सा 

आज़ाद के रिश्ते कांग्रेस से तब बिगड़े जब 2021 में उनको राज्य सभा की सदस्यता ख़त्म हुई. कांग्रेस पार्टी ने उन्हें वापस जम्मू कश्मीर जाकर पार्टी का काम देखने को कहा लेकिन उन्होंने उसे अपना डिमोशन समझा. वैसे वो G 23 का हिस्सा भी थे और उन्होंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिख कर राहुल गांधी पर कई आरोप भी लगाये थे. जम्मू कश्मीर के सियासी गलियारों में चर्चा है की जब बाक़ी के कांग्रेसी नेता वापिस कांग्रेस गए तब आज़ाद भी वापिस जाना चाहते थे. कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कुछ सहमत थे लेकिन नेता विपक्ष राहुल गांधी नहीं माने. 

 


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button