झारखंड : MLA सरफराज अहमद ने दिया इस्तीफा, BJP ने बताया JMM की 'पूर्व नियोजित रणनीति'
रांची: झारखंड के सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) के विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है. सोमवार को जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई. हालांकि इस अधिसूचना में गांडेय विधानसभा सीट के JMM (Jharkhand Mukti Morcha) विधायक डॉक्टर सरफराज अहमद के इस्तीफा देने का कारणों को लेकर नहीं बताया गया है. विधानसभा सचिवालय की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘जनता को सूचित किया जा रहा है कि झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष ने गांडेय से विधायक सरफराज अहमद का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. यह निर्वाचन क्षेत्र 31 दिसंबर, 2023 से खाली है झारखंड में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. जब अहमद से ‘PTI-भाषा’ ने उनके इस्तीफे के सिलसिले में संपर्क किया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है.”
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वैसे उनके इस्तीफा से कई अटकलें लगने लगी हैं. भाजपा ने आरोप लगाया है कि अहमद को इस्तीफा दिलवाया गया है ताकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन गांडेय सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकें. इसी कड़ी में वरिष्ठ भाजपा विधायक और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सी पी सिंह ने भी आरोप लगाए. सिंह ने कहा कि इसका मकसद है कि कल्पना सोरेन इस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ पाए, जिससे कि जब हेमंत सोरेन को कथित जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए ED तलब करें तो उनकी पत्नी अगली मुख्यमंत्री बन सके.
सिंह ने कहा कि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल इस साल दिसंबर में समाप्त हो जाएगा. सिंह ने विधायक के आकस्मिक इस्तीफे तथा विधानसभाध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो की तरफ उसे स्वीकार कर लिये जाने पर अचरच प्रकट किया. सिंह ने कहा कि JMM की यह पहले से बनाई गई रणनीति है कि ED समन के सिलसिले में किसी अचानक से आई स्थिति में पार्टी लोगों की सहानुभूति बटोर सके. मुख्यमंत्री और JMM के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को ईडी की तरफ से पिछले महीने सातवीं बार समन जारी किया गया था. इस समन में उन्हें जांच अधिकारी को अपनी पसंद के हिसाब से तारीख, जगह और समय बताने को कहा गया है ताकि धनशोधन रोकथाम अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) के तहत उनका बयान दर्ज किया जा सके.
मामले में क्या बोले CM सोरेन?
इधर, सोरेन ने केंद्र सरकार पर लोकतांत्रिक रुप से चुनी हुई राज्य सराकर को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया है. इस बीच, गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ पर पोस्ट किया कि झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए एक साल से भी कम समय रह गया है ऐसे में गांडेय विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं कराया जा सकता है. उन्होंने इस मामले में मुंबई उच्च न्यायालय के एक फैसले का हवाला दिया. महाराष्ट्र के एक निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव को लेकर यह फैसला है जहां विधानसभा चुनाव एक महीने 50 दिनों में होने वाले हैं.
अहमद के इस्तीफे के संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क नहीं हो सका है लेकिन JMM के गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि चूंकि अहमद ने इस्तीफे की वजह नहीं बताई है. ऐसे में इसपर कुछ कहना उनके लिए सही नहीं होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि जहां गैर भाजपा दलों की सरकार होती है, वहां भाजपा उन सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश करती है.
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