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"बिहार और हिंदुस्तान के सभी दलित लोगों का अपमान…": CM नीतीश कुमार पर भड़के जीतनराम मांझी

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में अपशब्‍द और शर्मनाक बातें कहीं- जीतनराम मांझी

खास बातें

  • पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आज धरना पर बैठे
  • मैंने सिर्फ इतना कहा था कि आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए…
  • छठ के बाद हम दिल्‍ली के राजघाट पर भी जाकर प्रार्थना करेंगे- जीतनराम

पटना :

पिछले हफ़्ते विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान से व्यथित पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आज धरना पर बैठे हैं. हालांकि, पटना हाई कोर्ट के सामने जिस अंबेडकर की मूर्ति के पास वो धरना देने पहुंचे उसके गेट बंद थे. हालांकि, बिहार बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेता जैसे विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा और बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी उनके समर्थन में उपस्थित थे. इस दौरान जीतनराम मांझी ने कहा कि अगर हमें कहीं अपनी बात रखने का अवसर नहीं दिया गया, तो छठ के बाद हम दिल्‍ली के राजघाट पर भी जाकर प्रार्थना करेंगे. 

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, “मैं समझता हूं कि उन्होंने(नीतीश कुमार) सिर्फ जीतन राम मांझी का अपमान नहीं किया, बल्कि बिहार और हिंदुस्तान के सभी दलित लोगों का अपमान किया. एक राज्य का मुख्यमंत्री जो 13 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनके मुख से ऐसी चीजें आना विषादनीय है… मैं उनसे उम्र में, राजनीति करियर में उनसे बड़ा हूं.”

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में जो अपशब्‍द और शर्मनाक बातें कहीं, उसे सभी ने सुना. एक मुख्‍यमंत्री को ऐसी शब्‍दावली का प्रयोग नहीं करना चाहिए. उन्‍होंने मुझे ऐसा क्‍यों कहा समझ से परे है, क्‍योंकि मैंने कोई भी अनुचित बात नहीं कही थी. सरकार जो आरक्षण और कोटा बिल लेकर आई, उसका सभी ने समर्थन किया था. फिर विरोध की बात कहां से आती है. मैंने सिर्फ इतना कहा था कि आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए. यह बात संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर ने कही थी.” 

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जीनतराम मांझी ने सवाल किया, “नीतीश कुमार पिछले 18 सालों से मुख्‍यमंत्री हैं, उनके बड़े भाई (लालू प्रसाद यादव) भी 15 सालों तक मुख्‍यमंत्री रहे, फिर आरक्षण की समीक्षा क्‍यों नहीं हुई. हमारा कोटा 16 प्रतिशत होना चाहिए था, लेकिन जांच करेंगे तो पाएंगे कि ये सिर्फ7-8 प्रतिशत से ज्‍यादा नहीं है. दूसरी बात जो हमने कही कि रोस्‍टर लागू होना चाहिए, जिसका प्रावधान 1971 से है. रोस्‍टर लागू होने के उपरांत 16 प्रतिशत प्रमोशन के आरक्षण मिलना चाहिए. लेकिन आज बिहार में एसी-एसटी पदाधिकारियों का प्रतिनिधित्‍व सिर्फ 3.7 प्रतिशत है. ये किस शताब्‍दी में पूरा होगा, मुख्‍यमंत्री जी…? इसके लिए एक आयोग बनाइए और जांच कीजिए. इतना कहने पर ही नीतीश कुमार भड़क गए.” 

जीतनराम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार कहते हैं कि उन्‍होंने मुझे मुख्‍यमंत्री बनाया. मैं कहता हूं कि आपको भाजपा ने मुख्‍यमंत्री बनाया और उनसे धोखा करके आप आरजेडी के पाले में चले गए.  अब आरजेडी ने आपको मुख्‍यमंत्री बनाया है. आपको जनता ने कहां मुख्‍यमंत्री बनाया है…? आप भी तो पलटूराम बनकर सत्‍ता में हैं. आपने मुझे भी अपनी राजनीतिक लालसा के कारण मुख्‍यमंत्री बनाया था. 

नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए जीनतराम मांझी ने कहा कि हमें विधानसभा में बोलने नहीं दिया गया. यहां अंबेडकर की मूर्ति पर पुष्‍प अर्पण करने आए थे, लेकिन यहां भी ताला लगवा दिया गया. ऐसे में हम ईश्‍वर से कामना करते हैं कि नीतीश कुमार को सद्बुद्धि दें. अगर हमें कहीं अपनी बात रखने का अवसर नहीं दिया गया, तो छठ के बाद हम दिल्‍ली के राजघाट पर भी जाकर प्रार्थना करेंगे. इसके अलावा हमने नीतीश कुमार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का विचार भी कर रहे हैं, क्‍योंकि उन्‍हें मुख्‍यमंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.

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