"महिला को अबॉर्शन के लिए टेक्सास छोड़ने के लिए मजबूर करना अपमानजनक": जो बाइडेन

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महिला को मजबूर करना अपमानजनक-बाइडेन
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट में कहा, “किसी भी महिला को सिर्फ अपनी जरूरी स्वास्थ्य देखभाल के लिए अदालत जाने या अपने गृह राज्य से भागने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन रिपब्लिकन निर्वाचित अधिकारियों की बदौलत टेक्सास में बिल्कुल ऐसा ही हुआ और यह बहुत ही अपमानजनक है.”
दो बच्चों की मां 31 साल की केट कॉक्स 20 हफ्ते से ज्यादा की गर्भवती हैं. वह एक दुर्लभ जेनेटिक परेशानी पूर्ण ट्राइसॉमी 18 से पीड़ित है. जिसका मतलब यह है कि बच्चा जन्म से पहले ही मर जाएगा या कुछ ही दिनों तक जीवित रहेगा. डॉक्टरों का कहना है कि अबॉर्शन करने की कोशिश फेल होने पर कॉक्स का गर्भाशय फट सकता है, जिससे भविष्य में उसकी बच्चा पैदा करने की क्षमता को और साथ ही उसकी लाइफ को खतरा हो सकता है.
महिला को नहीं मिली अबॉर्शन की इजाजत
टेक्सास में सख्त अबॉर्शन कानूनों की वजह से महिला ने पिछले हफ्ते राज्य पर मुकदमा दायर किया और शुरुआत में ट्रैविस काउंटी के एक जज द्वारा अबॉर्शन वाला केस जीत गई. लेकिन राज्य के अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन ने तुरंत टेक्सास सुप्रीम कोर्ट में अपील की. पैक्सटन ने गर्भपात करने वाले किसी भी डॉक्टर पर केस दायर करने की धमकी दी. जिसके बाद सोमवार को कॉक्स ने इमरजेंसी अबॉर्शन की मांग करते हुए टेक्सास छोड़ दिया. कुछ ही घंटों बाद टेक्सास सुप्रीम कोर्ट ने सरकार का पक्ष लेते हुए और निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए एक आदेश जारी किया.
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने जून 2022 में देश भर में अबॉर्शन के संवैधानिक अधिकार को पलट दिया, इस फैसले ने राज्यों को इस प्रक्रिया के आसपास अपने खुद के कानून बनाने के लिए स्वतंत्र कर दिया गया. साल 2022 के फैसले के बाद टेक्सास राज्य का “ट्रिगर” प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गया, जिसमें रेप या अनाचार के मामलों में भी गर्भपात पर रोक लगा दी गई. टेक्सास में भी एक कानून है जो निजी नागरिकों को गर्भपात कराने या उसमें मदद करने वाले किसी भी व्यक्ति पर मुकदमा करने की परमिशन देता है.
अबॉर्शन करने वाले डॉक्टर को होगी 99 साल की जेल
अबॉर्शन कराने के दोषी पाए जाने वाले टेक्सास के डॉक्टर्स को 99 साल तक की जेल, 100,000 डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और उनका मेडिकल लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है. जबकि राज्य सिर्फ उन मामलों में अबॉर्शन की परमिशन देता है, जहां मां का जीवन खतरे में होता है. डॉक्टर्स का कहना है कि यह शब्द क्लियर नहीं है, इस वजह से वह मेडिकल फैसलों पर कानूनी नतीजे भुगत सकते हैं.
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