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उत्तर पश्चिम भारत में 123 साल में सबसे गर्म रहा जून, जानिए- जुलाई महीने में कैसा रहेगा आपके राज्य का मौसम


नई दिल्‍ली:

उत्तर-पश्चिम भारत (Northwest India) में जून के महीने में लोगों को भीषण गर्मी और हीटवेव से जूझना पड़ा था. अब भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि उत्तर पश्चिम भारत में 1901 के बाद से इस साल जून का महीना सबसे गर्म रहा है. इस दौरान औसत तापमान 31.73 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. गौरतलब है कि उत्तर-पश्चिमी भारत के कई शहरों में इस साल जून के महीने में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था और आसमान से बरसती आग ने आम लोगों का हाल बेहाल कर दिया था. हालांकि मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश में जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है. 

आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने डिजिटल तरीके से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस साल जून में सामान्‍य से कम बारिश दर्ज की गई है और बारिश में 11 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. यह पांच सालों में सबसे ज्‍यादा है. 

16 दिनों में सामान्‍य से कम वर्षा दर्ज 

आईएमडी प्रमुख मृत्‍युंजय मोहापात्रा ने कहा कि देश में 11 जून से 27 जून तक 16 दिनों में सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई, जिसके कारण सामान्य से कम बारिश हुई. आईएमडी के मुताबिक, उत्तर पश्चिम  भारत में 33 प्रतिशत, मध्य भारत में 14 प्रतिशत और पूर्वी तथा पूर्वोत्तर भारत में 13-13 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई. सिर्फ दक्षिण भारत में जून के महीने के दौरान अधिक बारिश (14 प्रतिशत) दर्ज की गई.

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जब जून में बारिश कम, तब जमकर मौसमी बारिश

इसके साथ ही मौसम विभाग ने एक दिलचस्‍प आंकड़ा भी शेयर किया है. आईएमडी ने बताया कि 25 में से 17 सालों के दौरान जब जून में बारिश सामान्य से कम थी, तब मौसमी बारिश सामान्य या सामान्य से अधिक दर्ज की गई थी. 

दिल्‍ली में 28 जून को नहीं फटा था बादल : IMD

इसके साथ ही मौसम विभाग ने कहा कि पिछले हफ्ते दिल्‍ली में हुई मूसलाधार बारिश बादल फटने का नतीजा नहीं थी. सफदरजंग वेधशाला ने शुक्रवार सुबह 8.30 बजे समाप्त 24 घंटों के दौरान 228.1 मिमी बारिश दर्ज की थी, जो जून की औसत बारिश 74.1 मिमी से तीन गुना से अधिक थी.

साथ ही दिल्‍ली की यह बारिश 1936 के बाद 88 वर्षों में इस महीने की सबसे अधिक बारिश भी है.  

जुलाई में सामान्‍य से अधिक हो सकती है बारिश 

मौसम विभाग के मुताबिक, पूरे देश में जुलाई की औसत बारिश सामान्य से अधिक होने की संभावना है जो लंबी अवधि के औसत (एलपीए) 28.04 सेमी से 106 प्रतिशत अधिक रह सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों और उत्तर-पश्चिम, पूर्व और दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है.”

सामान्‍य से नीचे रह सकता है अधिक‍तम तापमान : IMD

आईएमडी ने कहा कि पश्चिमी तट को छोड़कर उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है. मौसम विभाग ने कहा, ‘‘मध्य भारत, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों और पश्चिमी तट पर सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है.”

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आईएमडी ने कहा कि उत्तर-पश्चिम के कुछ हिस्सों और मध्य भारत के आस-पास के इलाकों और दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने का अनुमान है. महापात्र ने कहा, ‘‘हम जुलाई में मानसून के दौरान अच्छी बारिश की उम्मीद कर रहे हैं.”

मासिक औसत तापमान सामान्‍य से 1.96 डिग्री अधिक : IMD

आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, इस क्षेत्र में मासिक औसत अधिकतम तापमान 38.02 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.96 डिग्री सेल्सियस अधिक है. औसत न्यूनतम तापमान 25.44 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.35 डिग्री सेल्सियस अधिक है. 

आईएमडी प्रमुख ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत में जून में औसत तापमान 31.73 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.65 डिग्री सेल्सियस अधिक और 1901 के बाद सबसे अधिक है. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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