The HindkeshariExclusive: दफ्तरों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेबाक राय

नई दिल्ली:
दफ्तरों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेबाक राय. The Hindkeshariसे एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि कानून में सिर्फ महिलाओं यौन उत्पीड़न के प्रावधान हैं, भविष्य के लिए पुरुषों के लिए भी प्रावधान शामिल हों समय की जरूरत है कि अब पुरुष और अन्य जेंडर के लोगों को भी इसमें शामिल किया जाए.
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने बताया कि भारत में महिलाओं को ज्यादा सम्मान दिया जाता है. उन्होंने कहा कि 11 साल से POSH ऐक्ट बने हो गए ऐक्ट में कुछ सुधार की जरूरत.
उन्होंने कहा कि महिलाओं की शिकायत पर जल्द फैसला हो. कभी कभी 10-15 साल सिर्फ जांच चल जाती है. प्रावधानों को कुछ हल्का करने की जरूरत. देरी से महिला और पुरुष दोनों को समस्या होती है. कानून को सरल रखेंगे तो ये और बेहतर होगा.
जस्टिस प्रतिभा सिंह ने कहा कि महिला और पुरुष दोनों को संवेदनशील करने की जरुरत. संगठनों में कर्मियों को ट्रैनिंग हो. व्यवहार को लेकर ज्यादा परेशान. इससे इससे 98 फीसदी केस खत्म होंगे.