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कनिष्क, खालिस्तान, ट्रूडो सीनियर … आज भारत ने यूं ही कनाडा को आईना नहीं दिखाया, पढ़ें बदनसीब प्लेन की कहानी

क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार?

पाकिस्तान की मदद से जरनैल सिंह भिंडरवाले के नेतृत्व में जब खालिस्तानी ताकतें मजबूत होने लगीं तो इंदिरा गांधी सरकार ने आतंकियों को पकड़ने के लिए 8 जून 1984 को ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया. इसका मकसद हरमिंदर साहिब परिसर को खालिस्तानी समर्थक भिंडरवाले और उसके समर्थकों से मुक्त कराना था. इस ऑपरेशन के दौरान 493 लोग मारे गए थे. वहीं 83 जवानों ने भी शहादत दी थी. आतंकी इंदरजीत सिंह रेयात ने खुद ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेने की बात कही थी. वहीं बम धमाके की बात भी उसने कबूल की थी. मगर इस मामले में लंबे समय तक केस चलने के बावजूद भी कुछ नहीं हुआ. 

हादसे से पहले भारत ने दी थी चेतावनी

भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस तरह के आतंकवादी खतरे की चेतावनी कनाडा के तत्कालीन पीएम और जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो को खुद भी दी थी. मगर उन्होंने इस मामले को अनदेखा किया और इसका नतीजा पूरी दुनिया ने देखा. अब उनके बेटे यानी कि जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानी आतंकी निज्जर को हीरो बना रहे हैं और उसकी हत्या का आरोप भारत पर मढ़ रहे हैं. पियरे ट्रूडो ने खालिस्तान मुद्दे को भड़ कनाडा का खालिस्तानी प्रेम कम होने का नाम नहीं ले रहा है. पहले तो जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर मढ़ा और अब उसे कनाडा की संसद में हीरो भी बनाया जा रहा है. उसके सम्मान में मौन सभा रखी जा रही है. यह सब ट्रूडो खालिस्तानियों को खुश करने के लिए कर रहे हैं ताकी कनाडा में रह रहे सिखों को यह एहसास दिला सकें कि वह उनके लिए लड़ रहे लोगों के साथ हैं, मगर जल्द ही ट्रूडो का यह भ्रम टूट जाएगा, क्योंकि सिख समुदाय खालिस्तानियों के साथ नहीं भारत के साथ है. मोदी सरकार ने कनाडा पर क्या कहा, यहां पढ़ें 

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