कपिल सिब्बल ने कोलकाता रेप-मर्डर केस की सुनवाई में रखी ये 10 बड़ी दलीलें
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप-मर्डर मामले में सुनवाई के दौरान बंगाल सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कई सवाल किये. सीबीआई की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी बंगाल सरकार पर कई आरोप लगाए. आइए आपको बताते हैं कि कपिल सिब्बल ने सीजेआई के सवालों और SG के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट में क्या दलील दीं…
जानिए सुप्रीम कोर्ट ने की क्या सबसे बड़ी टिप्पणी
डॉक्टरों की सुरक्षा को सरकार द्वारा प्राथमिकता के आधार पर संबोधित किया जाना चाहिए. मंगलवार शाम 5 बजे तक सरकार डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई ना करें. पश्चिम बंगाल सरकार को डॉक्टरों के मन में यह भरोसा पैदा करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि उनकी सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं का उचित तरीके से समाधान किया जाएगा. पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक परिस्थितियां बनाई जाएं. कल शाम पांच बजे तक डॉक्टर काम पर लौटें. अगर नहीं लौटते हैं, तो किसी दूसरे पर आरोप ना लगाएं.
कोलकाता रेप-मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट
- पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार स्थिति रिपोर्ट प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष जमा की. उन्होंने पीठ से कहा, ‘एक स्टेटस रिपोर्ट जमा की गई है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट जमा की है. डॉक्टर हड़ताल पर हैं, इसलिए 23 लोगों की मौत हो चुकी है’
- इससे पहले तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि कपिल सिब्बल ने जो स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की, वो हमें नहीं मिली. पश्चिम बंगाल सरकार सीबीआई से क्या छिपाना चाहती है? हमे पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से दाखिल जवाब की कॉपी नहीं मिली है.
- इस मामले में एक याचिकाकर्ता ने पुलिस की शुरुआती जांच पर सवाल उठाया. याचिका में कहा गया कि देश में कभी भी रात मैं पोस्टमार्टम नहीं होता. इतना ही नहीं एफआईआर दर्ज करने से पहले सीजर एंड सर्च का काम नहीं होता, लेकिन इस मामले में ऐसा हुआ है. इस पर कपिल सिब्बल ने कहा, ‘महिला डॉक्टर पोस्टमार्टम के समय वहां मौजूद थी.’
- CJI ने सिब्बल से पूछा कि हमें दो पहलुओं पर स्पष्टीकरण चाहिए. हमें अप्राकृतिक मौत के मामले में स्पष्टीकरण चाहिए. इस पर जवाब देते हुए सिब्बल ने कहा, ‘डेथ सर्टिफिकेट 1.47 PM पर बना. इसके बाद थाने में अप्राकृतिक मौत मामले में 2.55 PM पर डायरी दर्ज की गई. 4.10 पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट आए. इंक्वेस्ट रिपोर्ट 4.40 तक तैयार की गई. सारी जांच की वीजियोग्राफी हुई.
- इसके बाद सीजेआई ने पूछा कि ये बताने के लिए सीसीटीवी फुटेज है कि आरोपी कितने बजे सेमीनार रूम में गया और बाहर निकला. सर्च और सीजर कब हुआ? सिब्बल ने बताया कि 8.30 शाम को. जब बॉडी पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया, तब से प्रक्रिया शुरू हुई. उससे पहले वहां कि फोटोग्राफी का काम पूरा हो गया था. सीसीटीवी फुटेज, सब कुछ सीबीआई को दे दिया गया है?
- SG तुषार मेहता ने मामले की सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि सीआईएसएफ का राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही है. इस पर पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने कहा, ‘हमने पूरी सुविधा सीआईएसएफ को प्रदान की है.’ सिब्बल ने तफसील बताई कि किन स्कूलों और सरकारी फ्लैट्स में जवानों और अधिकारियों को रखा गया है.
- सॉलिसिटर जनरल ने आरोप लगाया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रिपोर्ट का समय भी नहीं बताया गया है. इस पर सिब्बल ने कहा, ‘सब कुछ मौजूद है.ये सब क्यों प्रस्तुत किए जा रहे हैं?
- सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वीडियोग्राफी किसने की, कोई विवरण नहीं है! मौजूद सभी डॉक्टर उत्तर बंगाल लॉबी से थे! इस पर कपिल सिब्बल ने दलील दी कि न्यायिक मजिस्ट्रेट वहां थे…’ इस पर SG ने कहा कि यह अप्रासंगिक है, दोपहर 2:30 बजे से रात 10:30 बजे तक कैसे वह रह सकते हैं?.
- कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि राज्य में हर जगह प्रदर्शन हो रहा है. 41 पुलिस वाले घायल हो गए है. बिना पुलिस के इजाजत के प्रदर्शन हो रहे है. डॉक्टर हड़ताल पर हैं, इसलिए 23 लोगों की मौत हो चुकी है.
- सुप्रीम कोर्ट ने बॉडी चालान के न पेश किये जाने पर भी सवाल उठाए. इस पर पश्चिम बंगाल के वकील सिब्बल ने कहा कि उनके पास भी अभी नहीं है. वो पता लगा कर अदालत को सूचित करेंगे? कृपया हमें समय दें. हम इसे अदालत में पेश करेंगे. मुझे जो बताया गया है, वह यह है कि सीजेएम ने इसे खुद भरकर भेजा है.