कर्नाटक CM सिद्दारमैया की बढ़ेंगी मुश्किलें? ED दर्ज कर सकती है PMLA के तहत केस दर्ज
नई दिल्ली:
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सूत्रों के अनुसार ED उनके खिलाफ केस दर्ज कर सकती है. पिछले हफ्ते कर्नाटक लोकायुक्त ने कर्नाटक के सीएम और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था. विशेष अदालत ने भी मामला दर्ज करने का आदेश दिया था. आरोप है कि कर्नाटक के सीएम की पत्नी को 2011 में कथित तौर पर मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण की तरफ़ से तमाम नियमों को ताक पर रखकर 14 हाउसिंग साईट दी गयी थी.
अब जल्द ED मनी लॉंड्रिंग का केस दर्ज कर जांच कर सकती है.
मैं दोषी नहीं हूं, इस्तीफा नहीं दूंगा : सीएम सिद्दारमैया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को कहा था कि वह दोषी नहीं हैं और अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जेडीएस (जनता दल-धर्मनिरपेक्ष) ने कहा था कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) घोटाला मामले में विशेष अदालत के आदेश के मद्देनजर सिद्धारमैया को पद छोड़ देना चाहिए. उनकी इस मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम सिद्दारमैया ने कहा कि मैं दोषी नहीं हूं और अपने पद से इस्तीफा नहीं दूंगा.
सीएम सिद्दारमैया ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “मैंने कोई गलती नहीं की है. इसलिए मुझे इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है. कई भाजपा नेता जमानत पर हैं, क्या इससे उन्हें शर्मिंदगी नहीं होती? क्या उनमें से किसी ने अपना इस्तीफा दिया है?”
मुडा घोटाले की सच्चाई को छिपाना चाहती है कांग्रेस सरकार: राजीव चंद्रशेखर
मुडा मामले को लेकर चौतरफा घिरी कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में सीबीआई की एंट्री पर बैन लगाने का फैसला लिया. सिद्दारमैया सरकार के इस फरमान पर भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने सवाल उठाए हैं. राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “न्यायालय ने कहा है कि मुडा घोटाले की जांच होनी चाहिए, जिसमें साफ है कि सिद्दारमैया के परिवार ने कथित तौर पर जमीन हड़पी है. जब न्यायालय ने जांच के लिए कहा, तो कांग्रेस पार्टी डर गई। यह वही कांग्रेस है, जिसका नेतृत्व राहुल गांधी कर रहे हैं, जो हमेशा संविधान और कानून के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की बात करती ह।
फिर भी आज वे इतने डरे हुए हैं कि उन्होंने सीबीआई जांच पर भी प्रतिबंध लगा दिया, जिससे जांच में बाधा पहुंचे. कांग्रेस सरकार का एक ही मकसद है कि वह लोगों तक इस मामले की सच्चाई नहीं पहुंचाए. सरकार चाहती है कि किसी भी तरह से इस घोटाले को दबाया जाए और इसकी जांच न की जाए.