सुप्रीम कोर्ट पहुंचा कर्नाटक हनी ट्रैप मामला, जनहति याचिका दायर… जानें कब होगी सुनवाई

Supreme Court, Karnataka Honey Trapping: जनहित याचिका दायर.
नई दिल्ली:
कर्नाटक में न्यायाधीशों और लोकसेवकों को हनीट्रैप में फंसाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को याचिका दायर की गई है. याचिका में इन आरोपों की सीबीआई या एसआईटी जांच कराए जाने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर तत्कालीन रूप से सुनवाई करने की भी मांग की है. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस याचिका पर आज या कल सुनवाई की जाएगी.
हनीट्रैप में कर्नाटक के मंत्री भी फंसे
कुछ दिन पहले कर्नाटक सरकार के सहकारिता मंत्री राजन्ना ने विधानसभा में दावा किया था कि केंद्रीय मंत्रियों समेत 48 राजनेताओं को भी हनीट्रैप में फंसाया गया है. राजन्ना ने कहा था कि कर्नाटक सीडी और पैन ड्राइव फैक्ट्री कहा जाता है और यह नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है. इसमें कई केंद्रीय मंत्री भी फंसे हैं.
48 लोग हुए हैं हनीट्रैप का शिकार
सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने सदन को बताया था कि राज्य में 48 लोग हनी ट्रैप का शिकार हुए हैं और उनके आपत्तिजनक वीडियो को प्रसारित किया गया है. राज्य के लोग निर्माण मंत्री सतीश जरकीहोली ने आरोप लगाया है कि एक कैबिनेट सहयोगी को दो बार हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश की गई है.
क्या होता है हनी ट्रैप?
हनी ट्रैप एक प्रकार की जासूसी तकनीक है, जिसमें एक व्यक्ति को आकर्षित करने के लिए एक महिला या पुरुष का उपयोग किया जाता है. इसका उद्देश्य व्यक्ति से गोपनीय जानकारी प्राप्त करना या उसे किसी विशिष्ट कार्य के लिए प्रेरित करना होता है. हनी ट्रैप में अक्सर खूबसूरत लड़कियों का इस्तेमाल किया जाता है, जो अपने आकर्षण और हुस्न के जाल में टार्गेट शख्स को फंसाती हैं. इसके बाद, वे फोटो, वीडियो या मैसेज के जरिए ब्लैकमेल करती हैं और उनसे खुफिया जानकारी या पैसे की मांग करती हैं. यह एक खतरनाक और अनैतिक तकनीक है, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गोपनीयता का उल्लंघन करती है.