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कर्नाटक : सेक्स स्कैंडल के आरोपी हासन के जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना पराजित


बेंगलुरु:

Lok Sabha Election 2024 Results: सेक्स स्कैंडल में आरोपी जनता दल-सेक्युलर (JDS) के नेता और हासन सीट से सांसद प्रज्वल रेवन्ना लोकसभा चुनाव में 42,649 वोटों से हार गए. इस सीट पर कांग्रेस के श्रेयस एम पटेल विजयी हुए. प्रज्वल रेवन्ना सेक्स स्कैंडल मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं. उनको 6,30,339 वोट मिले, जबकि श्रेयस पटेल को 6,72,988 वोट मिले.

जेडीएस के संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के 33 वर्षीय पोते प्रज्वल रेवन्ना ने एनडीए के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. हासन सीट पर 26 अप्रैल को मतदान हुआ था. इसके बाद प्रज्वल के खिलाफ महिलाओं के यौन शोषण का मामला सामने आया. इस पर जेडीएस ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया था. प्रज्वल फिलहाल इस केस की जांच कर रही एसआईटी की हिरासत में हैं.

श्रेयस पटेल के दादा ने प्रज्वल के दादा देवेगौड़ा को हराया था
प्रज्वल रेवन्ना को हराने वाले श्रेयस पटेल 34 साल के हैं. करीब 25 साल पहले सन 1999 में श्रेयस पटेल के दादा जी पुट्टास्वामी गौड़ा ने प्रज्वल रेवन्ना के दादा और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा को हराया था. यानी इतिहास दोहराया गया है. सन 1999 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान एचडी देवेगौड़ा की लोकप्रियता चरम पर थी. कर्नाटक के वे पहले नेता हैं जो प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे थे. इसी साल, यानी सन 1999 में उन्होंने अपनी एक अलग पार्टी जेडीएस बनाई थी. इसके बावजूद एचडी देवेगौड़ा को श्रेयस पटेल के दादा जी पुट्टेगौड़ा ने 1,41,757 वोटों से हरा दिया था.

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सेक्स स्कैंडल का हासन के चुनाव में नहीं पड़ा असर
हासन में 26 अप्रैल को मतदान हुआ था. प्रज्वल के कथित यौन उत्पीड़न से जुड़ी पेन ड्राइव 21-22 अप्रैल को बाहर आ गई थीं. समूचे लोकसभा क्षेत्र में इसकी चर्चा थी. लेकिन इसके बावजूद विजयी कांग्रेस उम्मीदवार श्रेयस पटेल और प्रज्वल रेवन्ना के बीच हार-जीत का फासला महज 42,659 वोटों का है. यानी सेक्स स्कैंडल के सामने आने के बावजूद श्रेयस पटेल और प्रज्वल रेवन्ना के बीच कांटे की टक्कर हुई. 

श्रेयस पटेल को 6,72,988 वोट मिले जबकि प्रज्वल रेवन्ना को 6,30,339 मत मिले. दोनों ही उम्मीदवारों को महिला और पुरुष दोनों के वोट मिले. इससे यह साफ है कि सेक्स स्कैंडल का इस चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ा. इसकी एक वजह यह हो सकती है कि प्रज्वल रेवन्ना के दादा एचडी देवेगौड़ा को वोक्कालिग्गा अपना हीरो मानते हैं. कई लोगों ने बताया कि देवेगौड़ा की 91 साल की उम्र की वजह से वोक्कलिग्गाओं की सहानुभूति उनके साथ थी और हासन वोकलिग्गा बाहुल्य इलाका है.

एनडीए ने जेडीएस को तीन सीटें दी थीं
बीजेपी और जेडीएस का कर्नाटक में गठबंधन है. बीजेपी ने जेडीएस को 3 सीटें दी थीं- हासन, कोलार और मांड्या. मांड्या से एचडी कुमारस्वामी और कोलार से मलेश बाबू जीत गए हैं, जबकि हासन से प्रज्वल रेवन्ना हार गए.

वोक्कलिग्गाओं के नेता के तौर पर कौन उभरा? 
कुमारस्वामी ने दो लाख से ज्यादा मतों से जीत हासिल करके यह साबित कर दिया है कि प्रज्वल रेवन्ना यौन उत्पीड़न मामला सामने आने के बावजूद वोक्कलिग्गा समुदाय का नेतृत्व अब भी देवेगौड़ा परिवार के पास है. वहीं दूसरी तरफ राज्य के उप मुख्यमंत्री और वोकालिग्गा नेता डीके शिवकुमार के छोटे भाई डीके सुरेश बेंगलुरु रूरल से चुनाव हार गए हैं. उनके खिलाफ एचडी देवेगौड़ा के दामाद डॉक्टर सीएन मंजूनाथ 2,69647 वोटों से जीत गए हैं. सीएन मंजूनाथ बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे.

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