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कश्मीरी पंडितों को वोट बैंक के हथियार के रूप में भी इस्तेमाल किया : महबूबा मुफ्ती का BJP पर तंज

महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया,‘‘भाजपा ने कश्मीरी पंडितों को न केवल वोट बैंक के रूप में बल्कि हथियार के रूप में भी इस्तेमाल किया. उसने कश्मीरी पंडितों की पीड़ा को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया और फिर उस हथियार का इस्तेमाल दूसरों के वोट हासिल करने में किया.”

उन्होंने कहा, ‘‘पंडित समुदाय के अपने इतने वोट नहीं हैं, लेकिन भाजपा ने उनके वास्ते कुछ किये बिना ही, उनकी पीड़ा और दुख-दर्द का इस्तेमाल किया तथा वह उनके नाम पर वोट हासिल करने निकल पड़ी.”

पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य की मुख्यमंत्री रहीं महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब से भाजपा नीत केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में प्रत्यक्ष रूप से प्रशासन चलाने लगी है तब से ‘‘ वे कश्मीरी पंडित भी चले गये जो यहां रहा करते थे क्योंकि स्थिति ही ऐसी हो गयी.”

पीडीपी प्रमुख ने कहा कि लाल उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के घनिष्ठ मित्र थे और कुछ फिल्मों में दिखायी गयी स्थिति के बावजूद घाटी में रहते थे. महबूबा मुफ्ती ने फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ की ओर संकेत किया.

उन्होंने कहा, ‘‘देशभर में कश्मीरियों को बदनाम किया जाता है, उनके बारे में फिल्में बनायी जाती हैं. मैं सोचती हूं कि भाईचारा के बीच लाल का यहां रहना इन फिल्मों को जवाब है. लाल के निधन पर बड़ी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे. यह भाईचारा का सबसे बड़ा उदाहरण है.”

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ‘बड़ी मुश्किल स्थिति’ में घाटी में लाल का रहना देश के हिंदू समुदाय के लिए एक सबक है. उन्होंने कहा, ‘‘देश में क्या हो रहा है…जिस तरह हमारे समुदाय के लोगों की भीड़ द्वारा पिटाई की जाती है, उनकी हत्या कर दी जाती है, हमारी मस्जिदों और मदरसों को गिराया जाता है, घरों को तोड़ा जाता है. हमारे देश के लोग, हमारे हिंदू भाई धर्मनिरपेक्ष हैं. वे इसमें यकीन नहीं करते हैं, यह उनके लिए सबक है कि लाल बड़े मुश्किल दौर में यहां रहे तथा मुसलमान एवं हिंदू यहां उसी तरह रहने को तैयार हैं जिस तरह वे रहा करते थे.”

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घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी की चर्चा करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि समुदाय को किसी सरकार की मदद की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे कश्मीरी पंडित भाई-बहन जम्मू या अन्य जगह पर बड़ी मुश्किल स्थितियों में रह रहे हैं, मैं समझती हूं कि उन्हें यहां बसने के लिए किसी से मदद की जरूरत नहीं है— वह चाहे भाजपा की सरकार हो या महबूबा मुफ्ती की या किसी अन्य की. कश्मीर के लोग चाहते हैं कि कश्मीरी पंडित लौटें.”

 

(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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