केजरीवाल का बीजेपी पर वोटर लिस्ट से बड़े पैमाने पर नाम हटाने का आरोप, EC को 3000 पन्नों के सबूत दिए
नई दिल्ली:
अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की. ‘आप’ ने बीजेपी पर आगामी विधानसभा चुनावों से पहले दिल्ली में “बड़े पैमाने पर मतदाताओं को हटाने” की साजिश रचने का आरोप लगाया.
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को 3,000 पन्नों के सबूत सौंपे हैं. इनमें आरोप लगाया गया है कि बीजेपी मौजूदा दिल्ली निवासियों के वोट हटाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास कर रही है.
केजरीवाल ने कहा कि, “काटे जा रहे अधिकांश वोट गरीब, अनुसूचित जाति, दलित समुदायों, खासकर झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के हैं. एक आम आदमी के लिए एक वोट बहुत कीमती होता है, क्योंकि यह उसे इस देश की नागरिकता प्रदान करता है.”
वोटर लिस्ट से नाम हटाने के लिए आवेदन दिए
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि शाहदरा में एक बीजेपी पदाधिकारी ने गुप्त रूप से 11,008 मतदाताओं की सूची हटाने के लिए प्रस्तुत की थी और चुनाव आयोग ने इस पर गुप्त रूप से काम करना शुरू कर दिया था. उन्होंने दावा किया कि, “जनकपुरी में 24 बीजेपी कार्यकर्ताओं ने 4,874 वोटरों को हटाने के लिए आवेदन किया. तुगलकाबाद में 15 बीजेपी कार्यकर्ताओं ने 2,435 वोटरों को हटाने की मांग की. तुगलकाबाद में बूथ नंबर 117 पर 1,337 पंजीकृत मतदाता हैं, फिर भी दो व्यक्तियों ने 554 वोटरों को हटाने के लिए आवेदन किया. इसका मतलब है कि उन्होंने एक ही बूथ से 40 प्रतिशत वोट हटाने का प्रयास किया.”
केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि AAP ने इस तरह के सामूहिक डिलीशन को तत्काल रोकने की मांग की है और ऐसे आवेदन जमा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आह्वान किया है.
चुनाव आयोग ने ‘आप’ को दिए आश्वासन
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “चुनाव आयोग ने हमें तीन-चार आश्वासन दिए हैं. सबसे पहला, चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर वोटरों के नाम नहीं काटे जाएंगे. दूसरा वोटरों को हटाने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति को अब फॉर्म 7 भरना होगा. किसी भी वोटर को हटाने से पहले बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) द्वारा अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ फील्ड जांच की जाएगी. हमारा मानना है कि इससे गलत तरीके से वोटरों को हटाए जाने पर रोक लगेगी.”
उन्होंने कहा, “हमें एक और आश्वासन मिला है कि अगर कोई व्यक्ति पांच से अधिक वोट हटाने के लिए आवेदन करता है, तो सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) फिर से अन्य दलों के प्रतिनिधियों के साथ व्यक्तिगत रूप से फील्ड जांच करेंगे.”
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की शुरुआत में होने की उम्मीद है. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) ने 70 में से 62 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को आठ सीटें मिली थीं.
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