देश

केजरीवाल की गिरफ्तारी पर 'INDIA' गठबंधन की पार्टियों में रोष, तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा- ”डरा हुआ तानाशाह, एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है. मीडिया समेत सभी संस्थाओं पर कब्ज़ा, पार्टियों को तोड़ना, कंपनियों से हफ्ता वसूली, मुख्य विपक्षी दल का अकाउंट फ्रीज़ करना भी ‘असुरी शक्ति’ के लिए कम था, तो अब चुने हुए मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है. INDIA इसका मुंहतोड़ जवाब देगा.”

एनसीपी के नेता शरद पवार ने एक्स पर पोस्ट में कहा- विपक्ष को निशाना बनाने के लिए बदले की भावना से केंद्रीय एजेंसियों के किए जा रहे दुरुपयोग की कड़ी निंदा करता हूं, खासकर जब आम चुनाव नजदीक आ रहे हैं. यह गिरफ्तारी दर्शाती है कि भाजपा सत्ता के लिए किस हद तक गिर सकती है. अरविंद केजरीवाल के खिलाफ इस असंवैधानिक कार्रवाई के खिलाफ ‘इंडिया’ एकजुट है.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट में कहा- ”जो खुद हैं शिकस्त के ख़ौफ़ में क़ैद ‘वो’ क्या करेंगे किसी और को क़ैद. भाजपा जानती है कि वो फिर दुबारा सत्ता में नहीं आने वाली, इसी डर से वो चुनाव के समय, विपक्ष के नेताओं को किसी भी तरह से जनता से दूर करना चाहती है, गिरफ़्तारी तो बस बहाना है. ये गिरफ़्तारी एक नई जन-क्रांति को जन्म देगी.”

डीएमके के अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक्स पर पोस्ट में लिखा- ”2024 के चुनाव से पहले एक दशक की विफलताओं और आसन्न हार के डर से, फासीवादी भाजपा सरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करके गर्त में डूब गई है. हेमंत सोरेन के बाद अरविंद केजरीवाल को अन्यायपूर्वक निशाना बनाया.”  

उन्होंने लिखा है कि, ”एक भी भाजपा नेता को जांच या गिरफ्तारी का सामना नहीं करना पड़ा, जो सत्ता के दुरुपयोग और लोकतंत्र के पतन को उजागर करता है. भाजपा सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं के लगातार उत्पीड़न में एक हताश की बू आ रही है. यह अत्याचार जनता के गुस्से को भड़काने वाला है, जिससे भाजपा का असली रंग उजागर हो रहा है. लेकिन निरर्थक गिरफ्तारियां हमारे संकल्प को मजबूत कर रही हैं. इससे  इंडिया गठबंधन की जीत की राह मजबूत होगी. जनता के गुस्से के लिए तैयार रहे बीजेपी!”

यह भी पढ़ें :-  "मैं दिल्लीवालों का कभी कर्ज नहीं उतार सकता.": दिल्ली बजट पर CM अरविंद केजरीवाल

टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्राइन ने एक्स पर लिखा- ”हम निर्वाचित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हैं, खासकर तब जब शक्तियां चुनाव आयोग के पास हैं और आदर्श आचार संहिता लागू है. इससे पहले एक अवैध अध्यादेश के जरिए उनकी प्रशासनिक शक्तियां छीन ली गई थीं. अगर मौजूदा मुख्यमंत्रियों और प्रमुख विपक्षी नेताओं को चुनाव से कुछ हफ्ते पहले गिरफ्तार कर लिया जाता है तो हम भारत में निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? यदि सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग अब कार्रवाई करने में विफल रहते हैं, तो भविष्य में भाजपा की दमनकारी राजनीति के खिलाफ लोगों के साथ कौन खड़ा होगा?”

तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने कहा कि, ”एक बार फिर प्रतिशोध के लिए विपक्ष को निशाना बनाने को मोदी सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया. चुनाव से पहले विपक्ष को नष्ट करने की मंशा में मोदी की हताशा की बू आ रही है.”

आरजेडी के नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर कहा- ”दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी की गिरफ़्तारी से साफ ज़ाहिर है कि विपक्ष से लोकतांत्रिक तरीके से लड़ने की बजाय बीजेपी जांच एजेंसियों एवं अन्य संवैधानिक संस्थानों की आड़ और पुरजोर मदद से चुनाव लड़ना चाहती है. राजनैतिक, लोकतांत्रिक व संवैधानिक नैतिकता एवं मर्यादाओं को NDA सरकार ने तार-तार कर देश पर अघोषित आपातकाल थोप दिया है.”

यह भी पढ़ें :-  पानी के बाद दिल्ली में गहराया बिजली संकट, नेशनल पावर ग्रिड फेल होने पर कई इलाकों की बत्ती गुल

उन्होंने कहा कि, ”हम सभी मजबूती से दिल्ली के लोगों की अति लोकप्रिय सरकार के साथ खड़े हैं. जैसा की हम सब ने पटना व मुंबई से खुलकर ऐलान किया था – हम डरने वाले नहीं बल्कि लड़ कर जीतने वाले लोग हैं.”

कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि, ”फिलहाल भारी पुलिस सुरक्षा में दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर को घेरकर छावनी में तब्दील कर दिया है, जैसे वे कोई डकैत हों… लोगों द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री को आज ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. भारत में ऐसा व्यवहार लोकतंत्र की हत्या है…”

हाल ही में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सांसद दानिश अली ने एक्स पर लिखा- ”दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी की गिरफ्तारी सरकार को भारी पड़ेगी. देश लोकतंत्र का पर्व मना रहा है और सरकार ED के ज़रिए इसके रंग में भंग करने का प्रयास कर रही है लेकिन अब जनता की बारी है. 4 जून के नतीजे बता देंगे कि यह सरकार की बड़ी भूल थी.”

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button