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केरल रैगिंग : सीनियर छात्रों को नर्सिंग कॉलेज से निकाला जा सकता है, NHRC सख्त

Kerala Ragging: केरल के एक सरकारी नर्सिंग कॉलेज में कथित रैगिंग मामले के वायरल वीडियो में दिखे सीनियर छात्रों को निष्कासित किया जा सकता है. राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं, जबकि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने राज्य पुलिस से 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है.  फर्स्ट ईयर के छात्र के साथ रैंगिग के आरोप में कोट्टायम सरकारी नर्सिंग कॉलेज के थर्ड ईयर के पांच छात्रों को कल गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार छात्रों में राहुल राज, एनएस जीवा, एनपी विवेक, रिगिल जीत और सैमुअल जॉनसन शामिल हैं.

क्या हुआ था

वायरल वीडियो में सीनियर छात्र हंसते और भद्दे कमेंट्स करते नजर आ रहे हैं, वहीं एक जूनियर छात्र को बिस्तर से बांध दिया गया है और उसके प्राइवेट पार्ट पर कोई भारी चीज रख दी गई है. उन्होंने उस पर कंपास से भी हमला किया. जूनियर छात्रों का आरोप है कि करीब तीन महीने से इस तरह की रैगिंग चल रही है. पुलिस ने कहा कि फर्स्ट ईयर के छात्रों की क्लास शुरू होने के तुरंत बाद यह सब नवंबर 2024 से शुरू हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि सीनियर छात्र रविवार को शराब खरीदने के लिए जूनियरों से नियमित रूप से पैसे वसूलते थे.

एनएचआरसी ने केरल कॉलेज में हुई घटना को “नैतिक रूप से निंदनीय” करार दिया है. इसमें कहा गया है कि जूनियर छात्र ने उन्हें बताया कि आरोपी सीनियर छात्र वायनाड, मलप्पुरम और कोट्टायम से हैं. इन लोगों ने जूनियर छात्रों को ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया और  उन्हें शारीरिक और मानसिक यातना दी.

एनएचआरसी ने कहा कि कथित तौर पर एक छात्र की गर्दन पर चाकू रखकर धमकी दी गई थी, जबकि अन्य को बांध दिया गया था, उनके शरीर पर लोशन डाला गया था और तेज हथियार से घाव किए गए थे. ये कार्य न केवल नैतिक रूप से निंदनीय हैं बल्कि गैरकानूनी भी हैं.

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कांग्रेस और सरकार आमने-सामने

कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी यूडीएफ ने आरोप लगाया कि रैगिंग मामले के आरोपियों का वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई से संबंध है. विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) का जिक्र करते हुए आरोप लगाया, “हर कोई जानता है कि वे एसएफआई कार्यकर्ता हैं, फिर भी वे अब इससे इनकार कर रहे हैं.”

इसके जवाब में केरल के उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने कहा कि कोट्टायम रैगिंग मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. एसएफआई ने भी आरोप का खंडन किया और आरोपियों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया. बिंदू ने कहा कि चूंकि घटना केरल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के एक संस्थान में हुई, इसलिए सीधे हस्तक्षेप की उनकी भी सीमाएं हैं. पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार छात्रों पर रैगिंग निषेध अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.
 


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