कुंभ की कुंजी : प्रयागराज में कब से शुरू हो रहा महाकुंभ? किस-किस दिन होगा स्नान? यहां जानें डिटेल
लखनऊ:
प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) की तैयारियां अपने अंतिम चरण में चल रही हैं. देश-दुनिया से श्रद्धालुओं और साधु-संतों के पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. आस्था नगरी प्रयागराज के महाकुंभ में तमाम साधु-संत श्रद्धालु और महात्मा हजारों किलोमीटर का सफर तय कर धर्म की नगरी में आस्था डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं. महाकुंभ को लेकर सुरक्षा की भी जबरदस्त तैयारियां की गई हैं. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने सोमवार को कहा कि महाकुंभ मेला 2025 में आतंकी खतरों, साइबर हमलों, हमलावर ड्रोन और मानव तस्करी से निपटने के लिए प्रयागराज में 50,000 पुलिसकर्मियों की एक मजबूत टीम तैनात की जाएगी.
हर 12 साल में होने वाला महाकुंभ प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा. महाकुंभ में करीब 45 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है.
महाकुंभ में कब-कब है शाही स्नान
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा समागम होता है. महाकुंभ में छह शाही स्थान होते हैं. इस मौके का काफी महत्व है. आइए जानते हैं कि यह छह शाही स्नान कब होंगे.
- 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा को पहला शाही स्नान होगा.
- इसके अगले दिन 14 जनवरी का मकर संक्रांति पर दूसरा शाही स्नान होगा.
- 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन तीसरा शाही स्नान होगा.
- 3 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन चौथा शाही स्नान है.
- 12 फरवरी के दिन माघी पूर्णिमा है, इस दिन पांचवां शाही स्नान होगा.
- 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन छठा और आखिरी शाही स्नान होगा. इसी दिन महाकुंभ का समापन भी होगा.
2019 की तुलना में 40% अधिक पुलिककर्मी
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि वह सुरक्षित कुंभ के लिए व्यक्तिगत रूप से सुरक्षा उपायों की निगरानी कर रहे हैं. प्रशांत कुमार ने कहा कि यह कुंभ वास्तव में डिजिटल होगा, जिसमें पुलिस बल आधुनिक तकनीकों जैसे एआई सक्षम कैमरे ड्रोन का प्रयोग करने के अलावा हमलावर ड्रोन का पता लगाने और उन्हें बेअसर करने के लिए प्रभावी रणनीति का उपयोग करेगा. साइबर अपराधों में वृद्धि के बीच पुलिस तीर्थयात्रियों को साइबर अपराधियों से बचाने के लिए सभी उपाय कर रही है.
डीजीपी ने कहा, ‘महाकुंभ से पहले पुलिस बल ने ‘फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन’ से निजी विशेषज्ञों की एक टीम को काम पर रखा है और साइबर धोखाधड़ी और अपराधों से तीर्थयात्रियों को बचाने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ गठजोड़ किया है.’
उन्होंने कहा ‘हमने पहली बार महाकुंभ क्षेत्र में एक साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित किया है. हमने साइबर गश्त और साइबर सुरक्षा नेटवर्क का विश्लेषण करने के लिए ‘आईफोरसी’ और ‘सर्ट-इन’ जैसी राष्ट्रीय एजेंसियों को शामिल किया है. वे डेटा सुरक्षा पर भी काम करेंगी.’
पुलिस की तैनाती के बारे में पूछे जाने पर, कुमार ने कहा कि इस बार लगभग 50,000 पुलिसकर्मी ड्यूटी पर होंगे, जो 2019 में पिछले कुंभ की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक हैं.
सुरक्षा के लिए लगाए गए 2700 CCTV कैमरे
मेले में सबसे महत्वपूर्ण चुनौती भीड़ प्रबंधन और यातायात योजना के बारे में कुमार ने कहा कि यातायात की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और भीड़भाड़ के स्रोत पर प्रभावी उपाय किए जाएंगे.
डीजीपी ने कहा, ‘हमने 2,700 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जिनमें एआई क्षमता वाले कैमरे भी शामिल हैं और भीड़ के घनत्व, आवाजाही, प्रवाह, बैरिकेड जंपिंग, आग और धुएं के बारे में सूचना देने के प्रबंध किए गए हैं. स्वचालित नंबर प्लेट पहचान क्षमताओं के साथ, पार्किंग क्षेत्रों का प्रबंधन किया जाएगा और शहर में आने वाले वाहनों की संख्या का अनुमान लगाया जा सकेगा.’
एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र, जिसमें चार शाखाएं हैं- तीन मेला क्षेत्र में और एक शहर में- भीड़ की आवाजाही पर 24 घंटे नजर रखेगा.
कुंभ में जा रहे हैं तो कितना चलना पड़ेगा?
आपातकालीन स्थिति में तीर्थयात्रियों के लिए कई ‘डायवर्जन’ योजनाएं भी हैं. अति विशिष्ट व्यक्तियों के मेला दौरे के नियंत्रण पर कुमार ने कहा कि आने वाले किसी भी व्यक्ति को सामान्य दिनों में एक किलोमीटर और प्रमुख ‘स्नान’ पर्व के दिनों में तीन किलोमीटर चलना होगा.
आतंकी खतरों को रोकने के लिए किए जा रहे उपायों और उनका मुकाबला करने के लिए खुफिया जानकारी को कैसे मजबूत किया जा रहा है, इस बारे में पूछे जाने पर, कुमार ने कहा, ‘आतंकवाद रोधी तैयारियों के लिए, हमारे पास नागरिक बल के अलावा एनएसजी, एटीएस, एसटीएफ हैं.’
डीजीपी ने कहा, ‘किसी भी खतरे के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने के लिए सभी केंद्रीय एजेंसियों को शामिल किया गया है. रणनीतिक बिंदुओं पर सशस्त्र बल तैनात रहेंगे और खुफिया तंत्र भी तैनात रहेंगे. ज्ञात अंतरराष्ट्रीय तत्वों को पहचानने के लिए ‘फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर’ भी मौजूद है.’
कुंभ में 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना
जलाशयों और उसके आसपास श्रद्धालुओं की सुरक्षा के बारे में कुमार ने कहा कि गहरे पानी में अवरोधक, पानी के नीचे के ड्रोन और विशेषज्ञ गोताखोरों को तैनात किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘हम नदी के बीच में संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए ‘रोबोटिक ब्वॉय’ भी ला रहे हैं.’
खोए-पाए मामलों की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं और ऐसे मामलों में लोगों की सहायता के लिए स्थानीय पुलिस भी मौजूद रहेगी.
उन्होंने कहा कि पुलिस खोए हुई मोबाइल को खोजने के लिए एक नेटवर्क भी तैयार कर रही है. महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तीन महिला पुलिस थाने, 10 पिंक बूथ और महिला पुलिस बल की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है.
मानव तस्करी विरोधी उपायों पर उन्होंने कहा कि पहली बार मेला क्षेत्र के तीन क्षेत्रों में तीन मानव तस्करी विरोधी इकाइयां खोली गई हैं जो ऐसी किसी भी गतिविधि पर कड़ी नजर रखेंगी.
भारी भीड़ को संवेदनशीलता के साथ संभालने की तैयारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय और ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज’ जैसे अन्य संस्थान पुलिस बल को प्रशिक्षण दे रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘इस संबंध में कई कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं और जिन पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाना है उनकी परीक्षा भी ली गई है.’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)