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खरगे ने नेता प्रतिपक्ष का पद स्वीकार नहीं करने पर दी एक्शन लेने की धमकी? राहुल गांधी ने खुद बताई सच्चाई


नई दिल्ली:

केंद्र में तीसरी बार नरेंद्र मोदी की अगुवाई में NDA सरकार का गठन हो चुका है. 24 जून से लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने जा रहा है. इस दौरान लोकसभा चुनाव चुना जाएगा. साथ ही लोकसभा को 10 साल बाद नेता प्रतिपक्ष भी मिलेगा. विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस (Congress) में किसी नेता को यह पद दिया जाना है. नेता प्रतिपक्ष (Leader of the Opposition) के पद के लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नाम की चर्चा है, लेकिन सूत्रों की मानें तो राहुल ने ये पद स्वीकार करने से मना कर दिया है. हालांकि, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे(Mallikarjun Kharge) और दूसरे सीनियर नेता राहुल गांधी को मनाने की कोशिशों में जुटे हैं. यहां तक कि खरगे ने राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष का पद स्वीकार नहीं करने की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात भी कही है. राहुल गांधी ने खुद इस ‘धमकी’ का जिक्र किया.

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को ऐलान किया कि राहुल गांधी रायबरेली से सांसद बने रहेंगे और वायनाड सीट से इस्तीफा देंगे. प्रियंका गांधी वाड्रा केरल की इस सीट से उपचुनाव लड़ेंगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में खरगे और राहुल गांधी से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी सवाल किया गया. जब उनसे पूछा गया कि राहुल गांधी को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की ‘धमकी’ देने वाली बात सच है? खरगे ने गोलमोल जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जब कोई निर्णय होगा तो वह इसकी घोषणा करेंगे.  इसी दौरान राहुल गांधी ने मुस्कुराते हुए कहा, “पर आपने धमकी तो दी थी.”

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सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को CWC की मीटिंग में राहुल गांधी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद का प्रस्ताव दिया गया था. इसी दौरान मल्लिकार्जुन खडगे ने हंसते हुए राहुल गांधी से कहा था, “अगर आप (राहुल गांधी) नेता प्रतिपक्ष बनने का प्रस्ताव स्वीकार नहीं करेंगे, तो मैं आपके ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर दूंगा.”

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10 साल से खाली पड़ा है नेता प्रतिपक्ष का पद
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्षी दलों के गठबंन INDIA ने शानदार प्रदर्शन किया है. कांग्रेस को 99 सीटें मिली हैं. एक दशक के बाद विपक्ष के पास लोकसभा में कोई नेता होगा. ये पद 2014 से खाली पड़ा है. आखिरी बार सुषमा स्वराज 2009 से 2014 तक लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष थीं. लेकिन 2014 और 2019 के चुनावों में किसी भी विपक्षी दल के 54 सांसद नहीं जीते. नियमों के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए लोकसभा की कुल संख्या का 10% यानी 54 सांसद होना जरूरी है. इस बार कांग्रेस को ये पद दिया जाएगा. 

राहुल बने नेता प्रतिपक्ष तो कांग्रेस को मिलेगी मजबूती
दूसरी ओर, पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता बने, तो कांग्रेस को नई दिशा और ऊर्जा मिल सकती है. अगर राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनते हैं, तो उन्हें कैबिनेट रैंक मिलेगा. INDIA अलायंस में सहयोगियों के साथ बेहतर तालमेल बिठाने में मदद मिलेगी. लोकसभा में BJP पर विपक्ष के हमले का नेतृत्व करके कांग्रेस को भी एक मजबूत चेहरा मिलेगा.

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