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"किसान आंदोलन, अग्नीवर…" जानें बीजेपी सांसद बृजेंद्र सिंह ने किन वजहों से छोड़ा BJP का साथ

बृजेंद्र सिंह ने रविवार को बीजेपी से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन कर ली है.

नई दिल्ली:

हरियाणा के हिसार से भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के सांसद बृजेंद्र सिंह ने रविवार को पार्टी की सदस्यता को त्यागते हुए कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया है. बृजेंद्र सिंह ने आगामी लोकसभा चुनावों की घोषणा से कुछ दिन पहले ही ये फैसला लिया है. बृजेंद्र सिंह नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पर कांग्रेस में शामिल हुए हैं. 

राजनीतिक मतभेदों के चलते छोड़ा बीजेपी का साथ

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कांग्रेस ज्वॉइन करने के बाद बृजेंद्र सिंह ने कहा, “राजनीतिक और वैचारिक मतभेदों के कारण मैंने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है और कांग्रेस में शामिल हो गया हूं. किसानों के मुद्दों से लेकर अग्निवीरों और पहलवानों के विरोध तक – कई बातों पर मेरे मतभेद थे. मुझे कांग्रेस परिवार में शामिल होकर बहुत खुशी हो रही है.”

मल्लिकार्जुन खरगे के घर कांग्रेस की सदस्यता की ग्रहण

सिंह के कांग्रेस पार्टी में आधिकारिक तौर पर शामिल होने के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन, मुकुल वासनिक और दीपक बाबरिया खरगे के आवास पर मौजूद थे. कांग्रेस सूत्रों ने संकेत दिया है कि बृजेंद्र सिंह आगामी लोकसभा चुनाव में हिसार से पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं. 

बृजेंद्र सिंह ने एक्स पर पोस्ट कर दी जानकारी

रविवार को एक्स पर एक पोस्ट करते हुए बृजेंद्र सिंह ने लिखा, “मैंने राजनीतिक मतभेदों के चलते बीजेपी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. मैं हिसार के सांसद के रूप में सेवा करने का अवसर देने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का आभार व्यक्त करता हूं. मैंने लोकसभा सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. मैं हिसार के लोगों का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे सांसद के रूप में उनका प्रतिनिधित्व करने और उनकी मांगों को उठाने का मौका दिया. जनसेवा के जिस संकल्प के साथ मैंने आईएएस की नौकरी छोड़ी और राजनीति में प्रवेश किया, उसे मैं पूरा करूंगा.”

वरिष्ण बीजेपी नेता के बेटे हैं बृजेंद्र सिंह

बता दें कि बृजेंद्र सिंह, वरिष्ठ बीजेपी नेता चौधरी बिरेंद्र सिंह के बेटे हैं. सूत्रों के मुताबिक बृजेंद्र सिंह ने अपने पिता की मौजूदगी में ही कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है, जिन्होंने 2014 में बीजेपी में शामिल होने के लिए पार्टी को छोड़ दिया था. पूर्व भारतीय प्रशासक (आईएएस) प्रख्यात जाट नेता छोटू राम के परपोते हैं. 

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