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दुनियाभर में माइक्रोसॉफ्ट सिस्टम क्रैश, ऐसी स्थिति से बचने के लिए क्या है प्लान B? एक्सपर्ट से जानिए


नई दिल्ली:

तकनीक के जमाने में जब हम और आप सूरज तक जाने की तैयारी में लगे हैं. या फिर पाताल में समुद्र की गहराइयों को नापने की तैयारी कर रहे हैं. उस दौर में कई आपको कहे कि अब आपको आगे जाने की बजाए 20-25 साल पहले के युग में लौटना होगा तभी आपका काम बनेगा…तो आपको कैसा लगेगा…. तो आप क्या सोचेंगे. ये बात सोचकर ही घबराहट महसूस होती है. माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर डाउन के बाद लोगों को ऐसी ही बेचैनी महसूस हो रही है. शुक्रवार को दुनियाभर में माइक्रोसॉफ्ट का सिस्टम बैठ गया. इससे एयरपोर्ट, बैंकिंग सेक्टर, हॉस्पिटल, शेयर मार्केट और टीवी चैनल प्रभावित हुए. लोग परेशान रहे. अब सर्वर डाउन से अरबों के नुकसान का अंदेशा है.

माइक्रोसॉफ्ट में आखिर क्या हुआ था? क्यों दुनियाभर में इसके सर्वर डाउन हो गए थे? भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए हमें किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत है? इन तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए The Hindkeshariने साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट प्रशांत माली से खास बात की. इस दौरान माली ने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए प्लान B भी समझाया है.

दुनियाभर में क्यों डाउन हो गया माइक्रोसॉफ्ट का सर्वर? क्राउडस्ट्राइक ने बताया बग फिक्स करने का मैनुअल सॉल्यूशन

क्या आई दिक्कत?
माइक्रोसॉफ्ट एक क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है. आपके गैजेट्स जिन एप्लिकेशन से चलते हैं, उन्हें बनाने और मैनेज करने का काम इसके जरिये होता है. शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सर्विस में दिक्कत आ गई थी. एक एंटी-वायरस ‘क्राउडस्ट्राइक’ के अपडेट के चलते ऐसा हुआ. माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के यूजर्स को स्क्रीन अपने डेस्कटाप या लैपटाप की स्क्रीन नीली दिख रही थी. इसे ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ कहा जाता है. सर्वर डाउन होने से लैपटॉप या कंप्यूटर या तो रीस्टार्ट होने लगे या शटडाउन हो गए.

CrowdSrike का भी हुआ जिक्र
सर्वर डाउन के दौरान CrowdSrike का बार-बार जिक्र हुआ. क्राउड-स्ट्राइक साइबर सिक्योरिटी मुहैया कराने वाला एक प्लेटफ़ॉर्म है. इसका फाल्कन सेंसर अपडेट करने के दौरान एक बग आ गया, जिससे इतनी दिक्कत हुई. माइक्रोसॉफ्ट और क्राउड-स्ट्राइक की टीमें बग को फिक्स करने में जुटी हैं.

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‘क्राउड स्ट्राइक’ से दुनिया भर की कंपनियों के कंप्यूटर में आई गड़बड़ी, समझिए ये है क्या?

साइबर सिक्योरिटी को लेकर भी सवाल उठाए जाते हैं. हाल में नीति आयोग ने एक रिपोर्ट दायर की है, जिसमे में चिंता जताई है कि wind एनर्जी सेक्टर में इस्तेमाल होने वाले कॉम्पोनेंट्स खासकर चीन से आने वाले कॉम्पोनेंट्स साइबर सिक्योरिटी के मामले में हमारे लिए खतरा साबित हो सकते हैं. 

सिस्टम ठप पड़ने का क्या हुआ असर?
माइक्रोसॉफ्ट के सिस्टम के ठप पड़ने से एयरपोर्ट, हॉस्पिटल, बैंक और शेयर मार्केट में काम रुक गया. अमेरिका में सभी प्रमुख एयरलाइंस ने अपनी उड़ानें कुछ समय के लिए रद्द कर दीं. बैंक और वित्तीय संस्थान भी प्रभावित हुए. इसके अलावा असोसिएटेड प्रेस AP जैसी समाचार एजेंसियां भी कुछ समय के लिए बंद हो गईं. ब्रिटेन में एयरपोर्ट पर असर पड़ा. वहां का स्काई न्यूज बंद हो गया. ट्रेन और फ्लाइट सर्विस पर असर पड़ा. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं हो पाई. इससे कारोबार में अच्छा-खासा नुकसान हो गया.

माइक्रोसॉफ्ट सर्वर डाउन से दुनियाभर के एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी, फ्लाइट्स कैंसिल; यात्री हुए परेशान

जर्मनी में बर्लिन जैसे एयरपोर्ट पर उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. हॉस्पिटल में ऑपरेशन टालने पड़े. फ्रांस में 26 जुलाई से ओलिंपिक खेलों की शुरुआत हो रही है, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट में गड़बड़ी की वजह से वहां के भी कंप्यूटर बंद हो गए. इससे ओलिंपिक की तैयारियों पर पर असर पड़ा.

भारत में भी उड़ानों पर असर पड़ा. सर्वर डाउन होने से स्पाइस जेट, अकासा एयर जैसी एयरलाइंस की उड़ानें कुछ समय के लिए रोक दी गईं. कई यात्रियों को हाथ से लिखकर बोर्डिंग पास दिए गए. ऑस्ट्रेलिया में भी माइक्रोसॉफ़्ट के बिगड़ने से उड़ानें रद्द करनी पड़ीं.

क्या कहते हैं साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट?
माइक्रोसॉफ्ट में आज जो हुआ, उससे साइबर सिक्योरिटी पर गंभीर सवाल उठे हैं. कई लोगों में पूरे मामले को लेकर कंफ्यूजन भी है. ऐसे में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट प्रशांत माली ने आसान शब्दों में इसकी बारीकियां समझाई हैं.

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माइक्रोसॉफ्ट में क्या हुआ?
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट प्रशांत माली ने The Hindkeshariसे कहा, “माइक्रोसॉफ्ट में जो भी हुआ, उसकी वजह एंटी वायरस अपडेशन ही था. क्राउडस्ट्राइक नाम की एक कंपनी है. ये दुनिया की सबसे बड़ी साइबर सिक्योरिटी कंपनी है. क्राउडस्ट्राइक का फाल्कन सेंसर नाम से एक क्लाइंट है. इसी में एक एरर आ गया था. चूंकि माइक्रोसॉफ्ट भी इसे यूज करता है, लिहाजा एंटी वायरस अपडेशन से बग आ गया. जिससे सर्वर डाउन हो गया.”

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ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ का मतलब?
प्रशांत माली कहते हैं, “बग (एरर) की वजह से कंप्यूटर और लैपटॉप की स्क्रीन ब्लू दिखने लगी, जिसे टेक्निकल टर्म में ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ कहते हैं. इससे लैपटॉप और कंप्यूटर या तो रीस्टार्ट होने लगे या शटडाउन हो गए. लिहाजा सबके काम बंद हो गए. लोग परेशान हुए. उनके मन में भविष्य में डिजिटल वर्ल्ड को लेकर कई तरह की आशंकाएं आने लगीं. ऐसा इसलिए होता है, जब हम एक ही साइबर सिक्योरिटी ऑपरेटिंग सिस्टम के भरोसे रहते हैं. हमें ये पता नहीं होता कि ऐसे आउटेज (सर्वर डाउन) के समय क्या करना चाहिए?”

प्लान B रखें तैयार    
प्रशांत माली ने कहा, “ऐसे मामलों में हमें प्लान B तैयार रखना चाहिए. ऐसा करके हम संकट के समय अपनी साइबर सिक्योरिटी कर सकते हैं. प्लान B का मतलब नेटवर्क से हमेशा कनेक्टेड रहने के बजाय कुछ स्टैंड अलोन करने की जरूरत से है. एक कंप्यूटर जिसमें कोई नेटवर्क नहीं है, किसी से वो कनेक्टेड नहीं है. उसमें भी पहले काम होते थे. प्लान B में स्टैंड अलोन प्लान होना चाहिए. यानी दुनिया से हटकर आप क्या कर सकते हैं. बेशक टेक्नोलॉजी के बिना इससे काम पर असर जरूर पड़ेगा. लेकिन देर से ही सही, आपका काम होगा. सर्वर डाउन होने से आज काम ही नहीं हो पाया. ये सही नहीं था.”

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ऐसी स्थिति से निपटने के लिए खुद को कैसे रखें तैयार?
माली ने कहा, “ऐसी स्थिति जहां आप टेक्नोलॉजी से डिस्कनेक्ट हो जाए और काम रूक जाए. तब आपको अपनी जिंदगी चालू रखनी है. काम चालू रखना है… तो इसका एक मॉक ड्रिल होना चाहिए. आप टेक्नोलॉजी के भरोसे रहकर ऑनलाइन पेमेंट, ऑनलाइन बुकिंग, ऑनलाइन बैंकिंग, यूपीआई पेमेंट के भरोसे न रहिए. कुछ कैश हमेशा अपने पास रखिए. आपका डेटा हमेशा क्लाउड में मत रखिए. अपना जरूरी डेटा पेनड्राइव या हार्ड ड्राइव में भी सेफ करके रखिए. ताकि पास ऐसी स्थितियों से अच्छे से निपट पाएं.”

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