देश

संसद के शीतकालीन सत्र में काम कितना हुआ और खर्च कितना? जानिए पूरा हिसाब

Parliament Winter Session Work Report 2024: 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक संसद का शीतकालीन सत्र चला. इस दौरान अलग-अलग मुद्दों को लेकर लोकसभा और  राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. धक्का-मुक्की तक हो गई. बीजेपी के दो सांसद घायल हो गए. राहुल गांधी पर केस भी दर्ज हुआ. मगर काम कितना हुआ? ये सबसे बड़ा सवाल है. कारण देश की जनता के टैक्स के पैसे से ही संसद चलती है. संसद चलने में कितना खर्च आता है, जानने से पहले जानिए संसद के दोनों सदनों में शीतकालीन सत्र के दौरान कितना काम हुआ…

हर दिन देखिए कितना काम हुआ

PRS Legislative Research के आंकड़े.

अठारहवीं लोकसभा के तीसरे सत्र के दौरान लोकसभा की 20 बैठकें हुईं, जो 62 घंटे तक चलीं. अठारहवीं  लोकसभा के तीसरे सत्र के दौरान उत्पादकता 57.87% रही. सत्र के दौरान लोकसभा में पांच सरकारी विधेयक पेश किए गए और चार विधेयक पारित किए गए. शून्य काल के दौरान बेहद जरूरी लोक महत्व के 182 मामले उठाए गए और नियम 377 के अंतर्गत 397 मामले उठाए गए.

Latest and Breaking News on NDTV

PRS Legislative Research के आंकड़े.

भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा 13 दिसंबर 2024 को शुरू हुई और 14 दिसंबर 2024 को समाप्त हुई.  28 नवंबर 2024 को दो नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली. सत्र के दौरान, लोकसभा ने 17 दिसंबर 2024 को आर्मेनिया गणराज्य की नेशनल असेंबली के प्रेसिडेंट एलेन सिमोनियन के नेतृत्व में आर्मेनिया से आए संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया. 

Latest and Breaking News on NDTV

सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले बताया कि राज्यसभा के 266वें सत्र में 40.03 प्रतिशत ही कामकाज हो सका. उन्होंने कहा कि सदन में कुल 43.27 घंटे ही प्रभावी कार्यवाही हुई, जिसमें दो विधेयक पारित किए गए और भारत-चीन संबंधों पर विदेश मंत्री का बयान हुआ. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संसद के हर मिनट पर 2.5 लाख रुपये खर्च आता है. मतलब एक घंटे में करीब 1.5 करोड़ रुपये का खर्च होता है.

Latest and Breaking News on NDTV

अठारहवीं लोकसभा के तीसरे सत्र के अंतिम दिन अपने समापन भाषण में  लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि  संसद की गरिमा और मर्यादा बनाए रखना सभी सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि संसद के किसी भी द्वार पर धरना, प्रदर्शन करना उचित नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि यदि इसका उल्लंघन होता है तो संसद को अपनी मर्यादा और गरिमा बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने का अधिकार है.  उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि उन्हें किसी भी दशा में नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए.

Latest and Breaking News on NDTV

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद के उच्च सदन में हंगामे और व्यवधान पर चिंता जताते हुए शुक्रवार को सदस्यों से आह्वान किया कि देश की लोकतांत्रिक विरासत की मांग है कि वे राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठें और संसदीय संवाद की पवित्रता बहाल करें. राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले धनखड़ ने अपने पारंपरिक संबोधन में यह बात कही.

यह भी पढ़ें :-  10 साल की जेल, एक करोड़ रुपये का जुर्माना : परीक्षा में बेईमानी पर सख्त नकल विरोधी कानून

Latest and Breaking News on NDTV


NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button