जिस विकास यादव पर अमेरिका ने लगाए हैं आरोप, उसे पाने में जानें क्यों लग जाएंगे बरसों
नई दिल्ली:
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) की हत्या की कथित कोशिश को लेकर भारत, अमेरिका और कनाडा के रिश्तों में तनाव है. इस मामले में अमेरिका ने विकास यादव को वॉन्टेड घोषित किया है. सवाल है कि क्या अमेरिका यादव का भारत से प्रत्यर्पण करवा सकता है? जबाव है कि अमेरिका के लिए उसका प्रत्यर्पण करवा लेना इतना आसान नहीं होगा. विकास यादव भारत में हत्या की कोशिश का मामला चल रहा है. 10 महीने पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे हत्या की कोशिश और अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया था. विकास के साथ एक और शख्स भी दिसंबर 2023 में दर्ज उस मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में मार्च में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी और अप्रैल 2024 में विकास को बेल मिल गई थी.
अमेरिका की एक अदालत में दायर मुकदमे में संघीय अभियोजकों ने गुरुवा को दावा किया कि यादव अभी फरार है और वह नई दिल्ली में कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत था, जिसमें भारत की खुफिया सेवा रिसर्च ऐड एनालिसिस विंग (रॉ) का मुख्यालय है. अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा था कि यादव पर पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में उसकी कथित भूमिका के लिए भाड़े पर हत्या और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गए हैं. पहले मुकदमे में यादव की पहचान ‘सीसी-1’ (सह साजिशकर्ता-1) के रूप में की गई है. हालांकि भारत सरकार ने साफ कहा है कि यादव अभी भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है.
क्या अमेरिका यादव का प्रत्यर्पण करवा सकता है?
विकास यादव पर दिल्ली पुलिस ने क्यों किया है केस?
- विकास यादव पर रोहिणी के एक व्यापारी को अगवा करने और जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर फिरौती मांगने का आरोप है.
- दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भारत सरकार के पूर्व अधिकारी यादव (39) को 18 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार किया था. यादव को इस साल अप्रैल में जमानत पर रिहा किया गया था.
- दिल्ली पुलिस FIR के मुताबिक यादव ने व्यापारी से कहा कि वह 11 दिसंबर 2023 को दक्षिण दिल्ली में NIA के कार्यालय के पास उससे मिले और धमकी दी कि ऐसा न करने पर उसे ‘गंभीर नतीजे’ भुगतने पड़ सकते हैं.
- पीड़ित व्यापारी यादव के कहे अनुसार अपने एक दोस्त के साथ उससे मिलने पहुंचा. इस दौरान, यादव के साथ अब्दुल्ला नाम का एक व्यक्ति मौजूद था.
- आरोप है कि यादव और अब्दुल्ला ने व्यापारी को एक कार के अंदर खींचा तथा लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर उससे फिरौती की मांग की.
- दोनों आरोपियों ने व्यापारी को एक कोरे चेक पर दस्तखत करने के लिए मजबूर किया और फिर उसे उसकी कार के पास छोड़ दिया.
- आरोपियों ने व्यापारी को धमकी दी कि अगर उसने इस घटना के बारे में किसी को भी बताया, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
- घर लौटने के बाद पीड़ित को पता चला कि यादव और अब्दुल्ला ने उसके कैफे में रखे 50 हजार रुपये भी ले लिए और सभी CCTV रिकॉर्डिंग मिटा दी.
- पुलिस ने यादव और अब्दुल्ला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 364 ए (फिरौती के लिए अपहरण), 307 (हत्या का प्रयास), 328 (जहर का इस्तेमाल कर किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना), 392 (डकैती), 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया था
- पुलिस ने इस साल 13 मार्च को यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसके बाद 22 मार्च को उनकी एक साल की बेटी की ‘बीमारी’ के आधार पर उन्हें छह दिनों के लिए अंतरिम जमानत दे दी गई थी.
- 22 अप्रैल को अदालत ने यादव को नियमित जमानत दे दी. विशेष रूप से, अंतरिम जमानत आदेश में यादव को एक पूर्व सरकारी कर्मचारी जिसका इतिहास साफ-सुथरा है के रूप में बताया गया था.
- पुलिस ने इस साल 13 मार्च को यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया, जिसके बाद 22 मार्च को उसकी एक साल की बेटी के “बीमार होने” के आधार पर उसे छह दिन के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था. अदालत ने 22 अप्रैल को यादव को नियमित जमानत दे दी.
कौन है विकास यादव?
विकास यादव रॉ के पूर्व सीनियर फील्ड अधिकारी रह चुके हैं. अमेरिका ने उनके ऊपर अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की नाकाम साजिश रचने का आरोप लगाया है. अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा कि हम अमेरिकियों को निशाना बनाने, उन्हें खतरे में डालने या अपने नागरिकों के अधिकारों को कमजोर करने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि अमेरिका ने जिस व्यक्ति को आरोपी बनाया है, वो अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है.
अमेरिका की तरफ से यादव को कथित मास्टरमाइंड के रूप में पेश किया गया. इसमें कहा गया ‘यादव ने संयुक्त राज्य अमेरिका में पीड़ित की हत्या की साजिश रचने के लिए गुप्ता को भर्ती किया’ और यादव के ‘निर्देशों’ के तहत, गुप्ता ने एक सरकारी ‘गोपनीय स्रोत’ से संपर्क किया, जिसे वो ‘आपराधिक सहयोगी’ समझता था. इस शख्स ने बदले में उसे ‘कथित हिटमैन’ तक पहुंचाया, जो वास्तव में, एक अंडरकवर अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारी था.
कौन है गुरुपतवंत सिंह पन्नू?
गुरुपतवंत सिंह पन्नू को सिख फॉर जस्टिस का संस्थापक और प्रवक्ता माना जाता है. इस संगठन पर आरोप है कि यह अमेरिका में खालिस्तान से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देता है. जानकारी के अनुसार इस संगठन की स्थापना 2007 में हुई थी. इसका मकसद खालिस्तान की मांग को बढ़ाना है. भारत की तरफ से लगातार इसके खिलाफ आवाज उठाई गयी है.
(इनपुट्स भाषा)